घर बेचकर दिये थे रुपये
प्रतिनिधि, दुर्गापुर रेलवे के विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर अलग-अलग लोगों से करीब 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में दुर्गापुर थाने की पुलिस ने दीपक दास नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. रविवार को आरोपी को दुर्गापुर महकमा अदालत में पेश किया गया. जहां सुनवाई के पश्चात उसे पांच दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. आरोपी दीपक दास दुर्गापुर थाना क्षेत्र के फरीदपुर ग्राम के स्कूल पाड़ा इलाके का रहने वाला है. उसके खिलाफ दुर्गापुर थाने में गत 18 अगस्त को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. धोखाधड़ी के इस मामले में चार अन्य आरोपियों को भी अभियुक्त बनाया गया है. जिनमे दयामय दास, विधान कर्मकार, सुनील मांझी और अनिमेष मांझी शामिल हैं. इनपर दुर्गापुर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोगों से करीब 30 लाख रुपये गबन करने का आरोप है. आमराई ग्राम निवासी सुजीत चट्टोपाध्याय से 10 लाख रुपये, फरीदपुर ग्राम निवासी वरुण चट्टोपाध्याय से साढ़े सात लाख रुपये के अलावा बेनाचिटी के भिरंगी इलाका निवासी नीलिमा पाल से साढ़े बारह लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. नीलिमा पाल ने अपना घर बेचकर अपने बेटे की नौकरी के लिए करीब 12 लाख 50 हजार रुपये दिये थे. लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिलने पर उन्होंने इसकी शिकायत दुर्गापुर थाने में दर्ज करायी थी. नीलिमा पाल ने बताया कि विधान कर्मकार रिश्ते में भाई लगता है. बीते वर्ष उसने उनके बेटे को रेलवे में सरकारी नौकरी दिलवाने की पूरी गारंटी ली थी. इसके लिए विधान ने अनिमेष मांझी, दयामय दास, सुनील मांझी और दीपक दास से मिलवाया था. अनिमेष मांझी अक्सर उनके घर आकर नौकरी दिलाने का आश्वासन देता था. उन्हें विश्वास में लेने के लिए उसने रेलवे के कई आई कार्ड, मासिक वेतन के पे स्लिप जैसे कागजात दिखाये थे. उसकी बातों में आकर जनवरी माह में उन्होंने अपने बेटे की नौकरी के लिए साढ़े बारह लाख रुपये नगद दिये थे. कुछ दिनों के बाद रिपोर्टिंग पेपर उनके पते पर आया. रिपोर्टिंग पेपर में सियालदह डीआरएम ऑफिस जाने का उल्लेख था. लेकिन अनिमेष मांझी उनके बेटे को नैहाटी जाने को बोल रहे थे. उसी समय उन्हें कुछ संदेह हुआ. लेकिन उनके कहने के मुताबिक वह अपने बेटे को लेकर नैहाटी स्टेशन पहुंचीं. जहां स्टेशन पर रिपोर्टिंग की कोई व्यवस्था ही नहीं दिखी. कुछ देर खड़े रहने के बाद एक अनजान व्यक्ति आया और रिपोर्टिंग का असली पेपर लेकर कहा की वे लोग सब संभाल लेंगे और उन्हें जाने के लिए कहा. इसके बाद वह बेटे को लेकर दुर्गापुर आ गयीं. अनिमेष मांझी सहित सभी लोगों से इसके बाद नौकरी के बारे में कड़ाई से पूछताछ करने लगीं. उस समय भी सभी ने कहा की घबराने की कोई बात नहीं है. उन्होंने कुछ दिन रुकने के लिए कहा. कुछ दिनों बाद पोस्ट के जरिए अपॉइंटमेंट लैटर उनके घर पर आया. उस पत्र में भी पहले जैसा ही उल्लेख किया गया था. पत्र देखकर वह समझ गयीं. फिर उन्होंने अपने दिये हुए साढ़े बारह लाख रुपये वापस मांगने लगीं. उसके बाद वे लोग उनके नंबर को फोन में ब्लॉक लिस्ट में डालकर फरार हो गये. अंत में गत 28 अगस्त को दुर्गापुर थाने में धोखाधडी का मामला उन्होंने कराया. पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है. इस मामले में कई और लोग शामिल हैं जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
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