मेला परिसर की सफाई 31 दिसंबर तक करना जरूरी बोलपुर. जिले के बोलपुर स्थित शांति निकेतन पूर्व पल्ली मैदान में आयोजित छह दिवसीय पारंपरिक पौष मेला शनिवार रात को समाप्त हो गया. हालांकि इस बार मेले के बाद भी मेले में लगी दुकानों को कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. विश्व भारती अधिकारी और बीरभूम जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है. शनिवार देर शाम बैठक में निर्णय लिया गया कि व्यापारियों को 29 दिसंबर यानी रविवार सुबह से व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. रविवार सुबह से ही प्रशासन और विश्व भारती के अधिकारियों ने इस दिशा में कड़ा कदम उठाया. बोलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि पौष मेला मैदान की सफाई के बाद 31 दिसंबर तक इसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय को सौंपी जायेगी. उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर, शांति निकेतन के पौष मेले में इस बार करीब सात लाख लोग जुटे थे. इसके अलावा बोलपुर पुलिस-प्रशासन ने पौष मेले में विभिन्न घटनाओं में करीब 250 मामले दर्ज किये हैं. उल्लेखनीय है कि 2019 के बाद पहली बार शांतिनिकेतन ट्रस्ट और विश्व भारती प्राधिकरण की पहल के तहत इस बार विश्व धरोहर शांतिनिकेतन में पौष मेला आयोजित किया गया था. पौष मेला परंपरा के अनुसार 23 दिसंबर से शुरू हो गया. छह दिवसीय मेले का समापन 28 दिसंबर की रात को हो गया. हालांकि, राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय इस वर्ष के पौष मेले पर नजर रख रहा था. पर्यावरण के अनुकूल और सबसे ज्यादा प्रदूषण मेले के बाद जारी रहने वाले अर्द्ध मेले से होता है. इसलिए इस बार किसी भी तरह से ‘भांगा मेला’ जारी रखने की इजाजत नहीं दी गयी. ये दिशानिर्देश राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय द्वारा दिया गया था. इसे सुनिश्चित करने के लिए विश्व भारती के केंद्रीय पुस्तकालय के बैठक कक्ष में एक बैठक आयोजित की गयी. मौके पर विश्व भारती के कार्यवाहक कुलपति विनय कुमार सारेन, शांतिनिकेतन ट्रस्ट के अधिकारी उपस्थित थे. सचिव अनिल कोनार, राज्य के कारागार मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, बीरभूम जिला परिषद के अध्यक्ष काजल शेख, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक (बोलपुर) राणा मुखोपाध्याय, एसडीपीओ बोलपुर रिकी अग्रवाल के साथ बोलपुर बिजनेस एसोसिएशन, बोलपुर नगर पालिका और जिला प्रशासन के अधिकारी बैठक में शामिल थे. बैठक में निर्णय लिया गया कि 29 दिसंबर यानी रात 12 बजे से ही शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन के पास वाले दो गेटों को छोड़कर पूर्वपल्ली मैदान के सभी गेट बंद कर दिए जायेंगे. किसी भी पर्यटक को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी. व्यापारी व्यापार भी नहीं कर सकते. 31 दिसंबर तक पूरा मैदान साफ कर राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसी को रिपोर्ट दी जायेगी. वहीं छह दिवसीय मेले के दौरान कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई. पुलिस की ओर से दिये गये आंकड़ों के मुताबिक इसमें करीब सात लाख लोग जुटे थे. मेले में पॉकेटमारी, छेड़खानी समेत विभिन्न अपराधों के सिलसिले में पुलिस ने महिलाओं समेत 550 लोगों को गिरफ्तार किया. कुल 250 मामले दर्ज हुए हैं .एक बाल विवाह भी पुलिस-प्रशासन ने रुकवाया है. विश्व भारती के कार्यवाहक कुलपति विनय कुमार सारेन ने कहा, ‘भांगा मेल” किसी भी तरह से आयोजित नहीं किया जा सकता है. मेले को चार दिन से बढ़ाकर छह दिन कर दिया गया है. इसके बाद ‘भांगा मेला’ आयोजित करने का सवाल ही नहीं उठता. सभी दुकानदारों को अविलंब दुकानें हटा लेनी होंगी. बोलपुर के अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक राणा मुखोपाध्याय ने कहा इतने सारे लोग मेले में पहुंचे. इस दौरान कोई बड़ी दुर्घटना और अपराध नहीं हुआ. मेले की सुरक्षा पर पुलिस की नजर रही. 250 मामले कोर्ट में भेजे गये हैं. ‘भांगा मेला’ रोकने के लिए बीती रात से ही पुलिस, विश्व भारती ट्रस्ट, प्रशासन की ओर से ऑपरेशन चलाया गया.
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