आसनसोल : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत श्रम दिवस सृजन करने के निर्धारित सालाना लक्ष्य के आधार पर एक अगस्त तक हुए कार्यों को लेकर जिला स्तर पर की गयी रैंकिंग में 23 जिलों की सूची में बांकुड़ा अपने लक्ष्य की तुलना में 9.75 फीसदी अधिक श्रम दिवस सृजन कर पहले पायदान पर कब्जा बरकरार रखा है. चार माह में ही जिला ने अपने निर्धारित लक्ष्य 1,13,69,839 की जगह 1,24,79,137 (109.75 फीसदी) श्रम दिवस सृजन कर एक नया कीर्तिमान बनाया है.
मंथली लेबर बजट के आधार पर निर्धारित चार माह के लक्ष्य की तुलना में जिला ने 397 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है. पश्चिम बर्दवान जिला 30 जून की रैंकिंग के आधार पर दो पायदान खिसक कर 68.67 फीसदी के साथ आठवें पायदान से दसवें पर आ गया है. लक्ष्य के आधार पर 107.96 फीसदी कार्य पूरा कर हुगली दूसरे और 99.99 फीसदी के साथ उत्तर दिनाजपुर तीसरे पायदान पर रहा. 69.62 फीसदी के साथ बीरभूम जिला आठवें, पूर्व बर्दवान जिला 67.44 फीसदी के साथ 13वें और 43.36 फीसदी के साथ पुरुलिया जिला 21वें पायदान पर रहा.
सूत्रों के अनुसार, हर जिला को निर्देश दिया गया है कि पिछले आर्थिक वर्ष में जितना श्रम दिवस सृजन हुआ था, उसका दोगुना श्रम दिवस इस बार सृजन करना है. जिसके आधार पर हर जिला मनरेगा के कार्य में तेजी से कार्य कर रहा है. बांकुड़ा जिला ने पिछले आर्थिक वर्ष में एक करोड़ 38 लाख श्रम दिवस सृजन किया था. इस वर्ष का लक्ष्य 1,13,69,839 श्रम दिवस सृजन करने का था. कोरोना के कारण इसमें बढ़ोतरी की गयी और जिला ने अपने निर्धारित लक्ष्य को चार माह में ही पूरा कर लिया.
मनरेगा में श्रम दिवस सृजन करने के निर्धारित सालाना लक्ष्य के आधार कार्य पूरा करने को लेकर बांकुड़ा जिला पहले से ही अपनी बढ़त बनाये हुए है. चार माह में ही सालाना लक्ष्य का 109.75 फीसदी कार्य पूरा कर बांकुड़ा पहले पायदान पर है. 30 जून को की गई रैंकिंग के आधार पर चार पायदान की छलांग लगाकर हुगली जिला एक अगस्त की रैंकिंग में 107.96 फीसदी कार्य पूरा कर दूसरे स्थान पर पहुंच गयी.
एक पायदान की छलांग लगाकर 99.99 फीसदी कार्य पूरा कर उत्तर दिनाजपुर जिला चौथे से तीसरे स्थान पर पहुंची. दूसरे पायदान से फिसलकर 96.04 फीसदी के साथ पश्चिम मिदनापुर जिला चौथे स्थान पर, दो पायदान की छलांग लगाकर 84.36 फीसदी कार्य के साथ मुर्शिदाबाद जिला पांचवें स्थान पर, तीन पायदान फिसलकर 79.81 फीसदी के साथ अलीपुरद्वार छठे स्थान पर, दो पायदान फिसलकर 78.73 फीसदी के साथ दक्षिण 24 परगना जिला पांचवें से सातवें स्थान पर, तीन पायदान की छलांग लगाकर 69.62 फीसदी के साथ बीरभूम जिला 11वें से आठवें पायदान पर आ गयी.
अपने पूर्व स्थान को बरकरार रखते हुए 69.53 फीसदी के साथ मालदह जिला नौवें स्थान पर, दो पायदान फिसलकर 68.67 फीसदी के साथ पश्चिम बर्दवान जिला आठवें से दसवें पायदान पर, दो पायदान ऊपर उठकर 68.12 फीसदी के साथ जलपाईगुड़ी जिला 11वें, दो पायदान लुढ़ककर 67.73 फीसदी के साथ सिलीगुड़ी महकमा परिषद 12वें, दो पायदान की छलांग लगाकर 67.44 फीसदी के साथ पूर्व बर्दवान जिला 13वें स्थान पर, सात पायदान की छलांग लगाकर 65.18 फीसदी के साथ झाड़ग्राम 14वें, एक पायदान लुढ़ककर 60.29 फीसदी के साथ नदिया 15वें स्थान पर चला गया.
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दो पायदान की छलांग लगाकर 59.37 फीसदी के साथ हावड़ा जिला 16वें स्थान पर, पांच पायदान लुढ़ककर दक्षिण दिनाजपुर 56.82 फीसदी के साथ 17वें स्थान पर, एक पायदान की छलांग लगाकर कूचबिहार जिला 18वें स्थान पर, तीन पायदान नीचे गिरकर 48 फीसदी के साथ पूर्व मिदनापुर 19वें पायदान पर, 46.54 फीसदी के साथ उत्तर 24 परगना जिला अपने पूर्व स्थान 20वें पायदान पर, पांच पायदान फिसलकर 43.36 फीसदी के साथ पुरुलिया जिला 21वें स्थान पर, 37.23 फीसदी और 32.57 फीसदी कार्य पूरा कर क्रमशः कालिम्पोंग तथा दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल अपने 22वें व 23वें पायदान का अपना दर्जा बरकरार रखा.
Posted By : Mithilesh Jha