बीरभूम हिंसा मामला: अनुब्रत और आशीष की चिट्ठी वायरल होने के बाद सकते में तृणमूल कांग्रेस

Birbhum Violence Case: बीरभूम में 9 लोगों को जिंदा जलाये जाने के बाद अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. अनुब्रत मंडल और आशीष बंद्योपाध्याय की चिट्ठी वायरल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस सकते में है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2022 5:39 PM
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बीरभूम: सीबीआई की हिरासत में मौजूद रामपुरहाट एक ब्लॉक के तृणमूल पार्टी अध्यक्ष अनारुल हुसैन के बारे में एक और पत्र वायरल हुआ है. इसके साथ ही एक बार फिर जिले के दो शीर्ष नेताओं के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया है. पत्र में विरोधाभासी बातों की वजह से विवाद और गहरा गया है. गुरुवार को रामपुरहाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पार्टी के अध्यक्ष आशीष बंद्योपाध्याय का एक पत्र सामने आया था.

पत्र में क्या

इस पत्र में तृणमूल नेता अनारुल हुसैन को आशीष बंधोपाध्याय ने जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल से अनुरोध किया था कि अनारुल को अगले पंचायत चुनाव तक रामपुरहाट एक प्रखंड का अध्यक्ष बनाये रखें. अब एक और पत्र सामने आया है. इस पत्र में रामपुरहाट नगरपालिका चुनाव के मद्देनजर 11 लोगों की कमेटी में सबसे पहले अनारुल हुसैन का नाम है. इन 11 लोगों पर ही नगरपालिका चुनाव की जिमेदारी थी.

अनुब्रत मंडल पर उठ रहे सवाल

इस पत्र में कन्वेनर के रूप में डिप्टी स्पीकर आशीष बंद्यपाध्याय को बनाया गया है. पत्र जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी कमेटी के पैड पर लिखा हुआ है. यह पत्र 11 फरवरी 2022 को जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने जारी किया. अब इस पत्र के मीडिया में आने पर अनुब्रत मंडल पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. हालांकि, वायरल पत्रों की प्रामाणिकता की प्रभात खबर पुष्टि नहीं करता है.

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दूसरा पत्र वायरल होने से तृणमूल असहज

दूसरा पत्र वायरल होने के बाद जिला तृणमूल थोड़ा असहज है, क्योंकि पत्र पार्टी कार्यालय से लीक हुआ है. इसके कारण तृणमूल कार्यकर्ताओं का एक तबका कह रहा है कि इसमें विपक्ष को एक मुद्दा मिल रहा है. इस संदर्भ में अनुब्रत मंडल ने कहा कि नगर निगम चुनाव में आशीष ही रामपुरहाट की प्रभारी थे. मैंने उनके द्वारा भेजे गये नामों की सूची को मंजूरी भर दिया. आशीष ने ही अनारुल हुसैन का नाम भेजा था.

जिम्मेदारी से भाग रहे तृणमूल नेता

बताया जाता है कि अनारुल हुसैन के रामपुरहाट एक ब्लॉक के अध्यक्ष हैं. कथित तौर पर अनारुल के गिरफ्तार होते ही तृणमूल के जिला नेता अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है. दूसरी चिट्ठी लीक होने से पहले आशीष बंद्योपाध्याय का एक पत्र गुरुवार को लीक हो गया था, जिससे रामपुरहाट विधायक शिविर को थोड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. उनके करीबी मोहसिन ने बताया कि कैसे अनारुल को उसके पद पर बनाये रखने के लिए लिखा गया पत्र लीक हो गया.

अनुब्रत मंडल ने जारी की थी कमेटी की लिस्ट

इसी तरह पिछले साल फरवरी में रामपुरहाट नगरपालिका चुनाव कमेटी बनायी गयी थी. इस कमेटी में अनुब्रत मंडल ने पार्टी के पैड पर ही कमेटी के नामों की लिस्ट जारी की थी. इसमें अनारुल हुसैन का नाम सबसे ऊपर था. पार्टी की चिंता इसलिए बढ़ गयी है कि आखिर किन परिस्थितियों में चिट्ठियों को लीक किया गया है. इसका उद्देश्य क्या है. आशीष बंद्योपाध्याय ने पत्र के लीक होने पर हैरानी जतायी थी. हालांकि आशीष ने इस पर कोई टिप्पणी भी नहीं की कि अनारुल को कमेटी में क्यों शामिल किया गया था.

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अनारुल से पीछा छुड़ाने में जुटी तृणमूल

इस मामले को लेकर बीरभूम के भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा ने कहा कि उपचुनाव में अनारुल हुसैन और भादू शेख ने घर-घर जाकर भाजपा प्रार्थियों और कार्यकर्ताओं को धमकाया था. धमकाकर भाजपा उम्मीदवारों से उनका नामांकन वापस उठवा दिया था. नगरपालिका चुनाव में जमकर धांधली हुई थी. सीपीएम के जिला सचिव गौतम घोष ने कहा कि अनारुल से छुटकारा पाने के लिए तृणमूल कांग्रेस दल में हर कोई अपनी पीठ बचाने की कोशिश कर रहा है. हर कोई बिखरा हुआ है.

रिपोर्ट – मुकेश तिवारी

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