West Bengal: गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन पुल के टूटने से मरे युवक का शव कालना पहुंचा

गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन पुल के टूटने से कालना के युवक हबीबुर रहमान शेख की मौत की सूचना के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार सोमवार देर रात हाबीबुर रहमान शेख का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो समूचा गांव के लोगों की आंखे नम हो गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2022 5:19 PM

गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन पुल के टूटने से कालना के युवक हबीबुर रहमान शेख की मौत की सूचना के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार देर रात हबीबुर रहमान शेख का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो गांव के लोगों की आंखे नम हो गई. किसी को क्या पता था की गुजरात के मोरबी स्थित मच्छू नदी पर सौ साल पहले का यह पुल टूट कर गिर जायेगा. पुल को लेकर राजनीतिक विवाद गहराने लगा है. 7 महीने पहले ही पुल की मरम्मत के बाद 4 दिन पहले ही पुल को आवागमन के लिये खोला गया था. इस हादसे में करीब 140 लोगों के मरने की सूचना है. इस घटना में पूर्व बर्दवान जिले के भी एक युवक की दर्दनाक मौत की सूचना आने से गांव में मातम पसर गया था.

Also Read: पंचायत चुनाव में कुणाल घोष को मिली बड़ी जिम्मेदारी, नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी को देंगे चुनौती
पार्थिव शरीर गांव आने पर मौक पर मंत्री भी पहुंचे

देर रात हबीबुर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर राज्य के मंत्री स्वपन देवनाथ समेत विधायक, नेतागण मौके पर मौजूद थे. पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई .मंत्री ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है. एकमात्र जवान बेटे के खोने का दर्द क्या होता है हाबीबुर के माता-पिता ही समझ सकते हैं .बावजूद इसके पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही समूचे गांव की महिलाएं, बच्चे ,युवा ,पुरुष सभी की आंखें नम हो गई. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया था.

छठ पूजा देखने के लिए हाबीबुर ब्रीज पर गया था

परिवार के लोगों का तथा ग्रामीणों का कहना था कि सोने के कारीगर के काम हेतु हबीबुर गांव से मोरबी में गया था. वही एक ज्वेलरी दुकान में वह कारीगर का काम करता था. रविवार को वह छठ पूजा देखने के लिए उक्त सेतु पर गया था. अचानक सेतु के टूटने के कारण हबीबुर भी उसकी चपेट में आ गया. परिवार से मिली जानकारी के अनुसार इसी वर्ष माध्यमिक परीक्षा पास करने के बाद हबीबुल शेख काम की तलाश में गुजरात गया था. हबीबुर के निधन की घटना को परिवार के लोग मानने को अब भी राजी नहीं है, लेकिन इस घटना ने परिवार समेत गांव के लोगों में शोक की लहर पैदा कर दी है .

Also Read: कोलकाता की सड़कों पर जल्द होंगी 12 सौ अतिरिक्त इलेक्ट्रिक-सीएनजी बसें, एयर पॉल्यूशन घटाने पर सरकार का जोर

रिपोर्ट : मुकेश तिवारी, पानागढ़

Next Article

Exit mobile version