West Bengal News: बीरभूम के बागटुई गांव में फिर मिला बमों का जखीरा, दो ड्रम बम को निष्क्रिय किया गया
21 मार्च की रात बागटुई ग्राम में तृणमूल कांग्रेस के नेता व उप प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद हुए नरसंहार में नौ लोगों को जिंदा जला दिया गया था. इसके बाद से ही बागटुई ग्राम सुर्खियों में है.
बीरभूम: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट एक ब्लॉक के बड़शाल ग्राम पंचायत के जिस बागटुई गांव में 9 लोगों को जिंदा जला दिया गया था, उस गांव से दो ड्रम बम बरामद हुए हैं. ये बम भादू शेख हत्या मामले में फरार आरोपी पलास शेख के घर के पीछे से रविवार को बरामद हुए. इसके बाद इलाके के लोगों में हड़कंप मच गया.
घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. रविवार सुबह ही रामपुरहाट के एसडीपीएओ धीमान मित्र के नेतृत्व में पुलिस बल ने इलाके को घेर लिया. तत्काल दमकल और बम निरोधक दस्ते को सूचना दी गयी. दमकल और बम निरोधक दस्ता के लोग सुबह 11 बजे के करीब में बागटुई पहुंच गये. बम निरोधक दस्ते ने दो ड्रम में भरे बम बरामद किये.
पास के ही चंदनपाड़ा गांव के सुनसान स्थान पर दोपहर में बम निरोधक दस्ते ने सभी बमों को निष्क्रिय कर दिया. बताया जाता है कि 21 मार्च की रात बागटुई ग्राम में तृणमूल कांग्रेस के नेता व उप प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद हुए नरसंहार में नौ लोगों को जिंदा जला दिया गया था. इसके बाद से ही बागटुई ग्राम सुर्खियों में है.
सीबीआई कर रही नरसंहार की जांच
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को बागटुई गांव में हुए नरसंहार की जांच करने को कहा है. इस मामले में रामपुरहाट एक ब्लॉक के तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अनारुल हुसैन की गिरफ्तारी समेत कुल 22 लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. आज बागटुई ग्राम में 13 दिन बाद फिर से बम मिलने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है.
पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि नरसंहार की रात हुई बमबारी के बाद इन बमों को छिपाकर रख दिया गया होगा. पलास शेख के घर के पीछे ही हमलावर इन बमों को छिपाकर रख दिया होगा. ऐसे ही कई सवालों के जवाब पुलिस ढूंढ़ रही है, लेकिन एक बार फिर बागटुई में बमों का जखीरा मिलने से हड़कंप मचा हुआ है.
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विस्फोटकों का पता लगाने में जुटी है पुलिस
एसडीपीएओ ने कहा कि गांव में अभियान चलाया जा रहा है. अवैध बमों और हथियारों की तलाश शुरू की जा रही है. बागटुई नरसंहार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद यहां आयीं थीं और पुलिस को निर्देश दिया था कि 10 दिन में पूरे इलाके को अवैध बम, विस्फोटकों से मुक्त करे. अपराधियों को गिरफ्तार करे. इसके बाद से ही पुलिस विस्फटकों का पता लगाने के लिए सक्रिय है.
रिपोर्ट- मुकेश तिवारी