सेल प्रबंधन ने कार्मिकों के खाते में भेजे 26500 रुपये बोनस
शनिवार रात करीब 9.45 बजे कर्मचारियों के खाते में पैसे आने शुरू हुए. यह खबर फैलते ही यूनियनों का तेवर और चढ़ गया.
बर्नपुर. सेल कर्मचारियों के बोनस विवाद को शांत करने के लिए प्रबंधन ने बड़ा दांव खेल दिया है. पिछले साल की तरह इस बार भी बोनस राशि कर्मचारियों के खाते में जबरन भेज दी गयी है. पिछले साल 23 हजार रुपये बोनस के रूप में दिये गये थे. इस बार 26500 रुपये दिये गये हैं. जबकि ट्रेनी को 21200 रुपये दिये गये हैं. शनिवार रात करीब 9.45 बजे कर्मचारियों के खाते में पैसे आने शुरू हुए. यह खबर फैलते ही यूनियनों का तेवर और चढ़ गया.
प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. शनिवार को आइएसपी ( इस्को स्टील प्लांट) और डीएसपी (दुर्गापुर स्टील प्लांट) में प्रदर्शन हुआ. इसके बाद 14 तथा 15 अक्तूबर को धरना और नवंबर में हड़ताल की तैयारी है. मौजूदा घटना क्रम को देखते हुए रविवार को सभी यूनियन नेता आपस में बात करके आगे की रणनीति तय करेंगे. संभावना है कि हड़ताल की तारीख में भी बदलाव कर दिया जाये.यूनियन ने कहा, होगी आर-पार की लड़ाई
आसनसोल आयरन एंड स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) महासचिव व एनजेसीएस सदस्य हरजीत सिंह ने कहा कि अब हड़ताल के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. प्रबंधन इसी की भाषा समझता है. इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. हम सभी यूनियन के नेताओं ने तय किया है कि आंदोलन की धार को तेज करेंगे. आइएसपी में प्रदर्शन होने जा रहा है. जो ऐतिहासिक होगा. हड़ताल पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगी. ट्रेड यूनियन के नकारने के बावजूद प्रबंधन ने अपनी मनमानी कर दी है. कर्मचारियों के बैंक खातों में 26500 रुपये बोनस मद में राशि डाल दी गयी है. सेल की सभी इकाइयों में ट्रेड यूनियनों द्वारा जबरदस्त प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन की गरमाहट को देखते हुए प्रबंधन ने आनन फानन में लगभग रात 10 बजे तक कर्मियों के खाते में पैसा डाल दिया. जिसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि प्रबंधन अपनी मनमानी को अंजाम दे रहा है. प्रबंधन को जो करना था, वह कर चुका है. अब कर्मियों की बारी है. प्रबंधन से बार-बार मजदूर विरोधी कदम ना उठाने की बात कहने के बावजूद एकतरफा फैसला लेना एवं मनमानी करना प्रबंधन की आदत है. इसीलिए अब कर्मी आने वाले दिनों में प्रबंधन को सबक सिखायेंगे. प्रबंधन ऐसा सोच रहा है कि कर्मियों के खाते में पैसा आते ही कर्मी शांत हो जायेंगे. आंदोलन समाप्त हो जायेगा. इसीलिए कर्मियों का मनोबल तोड़ने के लिए यह प्रयास किया गया है. लेकिन कर्मी आर पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं और 14 एवं 15 अक्टूबर को होने वाले धरना एवं नवंबर में होने वाली हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे.
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