आतिशबाजी के दौरान बालकनी का फर्श अचानक टूटने से दंपती की मौत, 16 घायल
पुरुलिया शहर के धिबरपारा दुर्गा पूजा कमेटी की शोभा यात्रा के समय आतिशबाजी के दौरान अचानक एक घर की बालकनी का फर्श अचानक टूट जाने से दंपती की मौत हो गयी जबकि 16 अन्य घायल हो गये. सोमवार रात पुरुलिया शहर के रास मेला मैदान के समक्ष यह दुर्घटना हुई.
पुरुलिया.
पुरुलिया शहर के धिबरपारा दुर्गा पूजा कमेटी की शोभा यात्रा के समय आतिशबाजी के दौरान अचानक एक घर की बालकनी का फर्श अचानक टूट जाने से दंपती की मौत हो गयी जबकि 16 अन्य घायल हो गये. सोमवार रात पुरुलिया शहर के रास मेला मैदान के समक्ष यह दुर्घटना हुई. घायलों को पुरुलिया देवेन महतो सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने मृतकों के नाम मोहन धीबर ( 51) तथा सोनाली धीबर (48) बताये हैं जो झारखंड के धनबाद जिले के झरिया इलाके के रहने वाले थे. घटना में सात घायलों की हालत नाजुक होने से उन्हें जिला से बाहर विभिन्न अस्पतालों में बेहतर इलाज के लिए ले जाया गया है. तीन का इलाज पुरुलिया में ही चल रहा है. छह लोगों को प्राथमिक इलाज के बाद छोड़ दिया गया. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी धाबरपाड़ा दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा विसर्जन के दौरान रासमेला मैदान में आतिशबाजी की जा ही थी. जिसे देखने हजारों की संख्या में लोग उपस्थित .थे इसी दौरान सामने एक मकान की बालकनी का फर्श अचानक टूट जाने से कई लोग नीचे गिर गये. जिसमें सोनाली धीबर नामक महिला भी शामिल थी. बताया जाता है कि उस समय सोनाली के पति मोहन धीबर दो मंजिल ऊपर थे. उन्होंने जैसे ही सोनाली को नीचे गिरता देखा उसे बचाने के लिए वह दो मंजिल से कूद पड़े. इस दौरान पहले उनके साथ बिजली तार का संपर्क हुआ और बिजली के तार तोड़ते हुए वह नीचे गिर पड़े. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया. सोमवार रात ही जिला पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी, पुरुलिया नगरपालिका के अध्यक्ष नबेंदु महाली सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया. जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक मकान की बालकनी का फर्श टूटने से यह हादसा हुआ. इस घटना के बाद भारतीय विज्ञान एवं युक्तिवादी संगठन के जिला अध्यक्ष मधु महतो ने कहा कि जिस तरह से एक विसर्जन को केंद्र कर तेज आवाज में डीजे साउंड सिस्टम बजाया जा रहा था और तेज आवाज में आतिशबाजी हो रही थी, उसके कंपन से बालकनी का फर्श टूटा है. घटना के लिए उन्होंने सीधे तौर पर पुलिस को ही कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा उनकी संस्था की ओर से कई बार पुलिस प्रशासन से डीजे साउंड सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था पर ऐसा नहीं हुआ. पुलिस प्रशासन तथा नगर पालिका प्रशासन को इसकी जिम्मेवारी लेनी होगी. मंगलवार को भी इस घटना के बाद इलाके में आतंक देखा गया दुर्घटना स्थल के सामने पुलिस का पहरा था. सोमवार रात घायलों को देखने जिला सभाधिपति निवेदिता महतो, विधायक सुशांत महतो सहित कई लोग अस्पताल पहुंचे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है