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बर्दवान नगर पालिका तीन हजार आवास योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजेगा पैसा

पश्चिम बंगाल के बर्दवान नगर पालिका को लंबे इंतजार के बाद आवास परियोजनाओं के लिए किए गए आवेदन के बाद करीब 10 करोड़ रुपये मिले है. बर्दवान नगर पालिका के सूत्रों के मुताबिक यह पैसा बहुत जल्द करीब 3,000 आवास योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2022 6:00 PM

पश्चिम बंगाल के बर्दवान नगर पालिका को लंबे इंतजार के बाद आवास परियोजनाओं के लिए किए गए आवेदन के बाद करीब 10 करोड़ रुपये मिले है. बर्दवान नगर पालिका के सूत्रों के मुताबिक यह पैसा बहुत जल्द करीब 3,000 आवास योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाएगा. इस योजना के लाभार्थियों को कई चरणों में 3 लाख 68 हजार रुपये मिलेंगे. नियमानुसार पैसा उपभोक्ता के खाते में जाएगा.

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परियोजनाओं का लाभ किसे मिलेगा इसकी सूची तैयार 

मिली जानकारी के अनुसार बर्दवान शहर में सभी परियोजनाओं के लिए आवास के तहत लाभ किसे मिलेगा इसकी सूची को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है. यह मानते हुए कि पैसा मिल जाएगा, कई लोगों ने घर तोड़ दिया और मुसीबत में पड़ गए थे. क्योंकि केंद्र ने हाउसिंग फॉर ऑल प्रोजेक्ट का पैसा लंबे समय से रोक रखा था. इस योजना में केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से पैसा देंगे. केंद्र सरकार ने वह पैसा भेजना बंद कर दिया था, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. बर्दवान नगर पालिका के अध्यक्ष परेशचंद्र सरकार ने कहा कि इस परियोजना में घरों का निर्माण अनिश्चित था क्योंकि अब तक केंद्र ने पैसा नहीं दिया था.

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उपभोक्ताओं में दौड़ी खुशी की लहर 

उपभोक्ता का कहना है कि घर बनाने के लिए मिट्टी के मकान को तोड़ दिया गया था, लेकिन पैसे के अभाव में काम बंद हो गया था. अब सुनने में आ रहा है कि बहुत जल्द धन की प्राप्ति होगी. खाते में पैसा आते ही काम शुरू कर दूंगा. जिला प्रशासन सूत्रों के मुताबिक आवास योजना के लाभार्थियों के आवास के लिए पच्चीस हजार रुपए देने होंगे. घर को गिराने के बाद उन्हें उस पैसे से काम शुरू करना होता है. नियम यह है कि चित्रों और सूचनाओं के स्वीकृत होने पर उपभोक्ताओं को चरण-दर-चरण धन प्राप्त होगा. यदि कोई अनियमितता करता है तो पैसा रोक दिया जाता है. अगर कोई पैसा मिलने के बाद भी काम नहीं करता है तो प्रशासन उसके खिलाफ एफआईआर भी कर सकती है.

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मुकेश तिवारी पानागढ़

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