Bengal news, Asansol news : आसनसोल (पश्चिम बंगाल) : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders- CAIT) के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरपर्सन सुभाष अग्रवाला ने बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standard Authority of India- FSSAI) द्वारा 4 सितंबर, 2020 को जारी नयभ् अधिसूचना से देश भर में लगभग 2 करोड़ छोटे दुकानदार बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इन दुकानदारों का 75 फीसदी (15 लाख करोड़ रुपये) से अधिक व्यापार समाप्त हो जायेगा. कोरोना महामारी से परेशान व्यवसायियों पर इस नयी अधिसूचना से आर्थिक महामारी का सामना करना पड़ेगा. कैट ने इस नये कानून को व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए इसे वापस लेने की मांग को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजा है.
एफएसएसएआइ (FSSAI) द्वारा 4 सितंबर, 2020 को जारी अधिसूचना के तहत स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे के साथ स्कूल कैंटीन में जंक फूड की बिक्री और इसके विज्ञापन पर रोक लगा दी गयी है. अधिसूचना के अनुसार, जिन खाद्य पदार्थों में संतृप्त वसा (Saturated fat), ट्रांस वसा (Trans fat), चीनी (Sugar) और नमक (Salt) की मात्रा अधिक होगी, उन पदार्थों को स्कूल कैंटीन में या परिसर के 50 मीटर के दायरे में बेचने के साथ उसके विज्ञापन पर भी प्रतिबंध होगा.
श्री अग्रवाला ने इस अधिसूचना का विरोध करते हुए इसे बर्बर अधिसूचना करार दिया. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लोकल फॉर वोकल (Local for vocal) और आत्मनिर्भर भारत (Self reliant india) के आह्वान का उल्लंघन करता है. इस कानून से छोटे व्यापारियों का व्यापार छीन जायेगा. यह अधिसूचना जारी करना सरकारी अधिकारियों की गैर-संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो देश के घरेलू व्यापार को अस्थिर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. फसाई का यह नियम एक निरंकुश और तानाशाह द्वारा जारी फरमान के रूप में है. अधिनियम को लागू करने से पूर्व कभी भी हितधारकों से परामर्श नहीं लिया जाता है.
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श्री अग्रवाला ने कहा कि देश में एफएसएसएआइ की इस अधिसूचना से देश के लगभग 2 करोड़ दुकानदार प्रभावित होंगे. इसमें जनरल स्टोर, पान दुकान, किराना दुकान और अन्य छोटी दुकानें शामिल हैं, जो सभी प्रकार की एफएमसीजी वस्तुओं की आवश्यकता को पूरा करते हैं. देश के हर इलाके में ग्राहकों की जरूरत को पूरा करने में इन दुकानों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है. नयी अधिसूचना के तहत इन दुकानदारों का 15 लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार प्रभावित होगा. कोई भी दुकानदार उत्पादों की पूरी श्रृंखला यदि ग्राहक को उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हैं, तो ग्राहक उसकी दुकान छोड़ देंगे. ऐसे में दुकानदारों के हित को नजरअंदाज कर लायी गयी इस अधिसूचना के विरोध में कैट लंबी लड़ाई लड़ेगी.
श्री अग्रवाला ने कहा कि सरकार इस गैर व्यावहारिक अधिसूचना को वापस ले. यह एक व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है. मौजूदा परिस्थितियों के कारण देश आर्थिक मंदी की सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. सरकार रोजगार देने में सक्षम नहीं है. ऐसे में एफएसएसएआइ की इस अधिसूचना से छोटे व्यापारियों का रोजगार छीन जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.