देबाशीष बनर्जी सहित पांच के खिलाफ दर्ज हुआ गैर जमानती धाराओं के तहत मामला

काजी नजरुल विश्वविद्यालय में विवाद बरकरार, सोमवार को बढ़ सकता है तनाव

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2024 12:42 AM

आसनसोल. काजी नजरुल विश्वविद्यालय (केएनयू) में 16 अगस्त की घटना को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है. बीबी कॉलेज आसनसोल के बीकॉम पांचवें सेमेस्टर के एक छात्र व आसनसोल मोहिशिला कॉलोनी निवासी सिद्धार्थ रॉय की शिकायत पर केएनयू के देबाशीष बनर्जी, देबजीत चटर्जी, जय मित्रा, गणेश बाउरी और उषा दे के खिलाफ आसनसोल नॉर्थ थाना में गैर जमानती धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. विश्वविद्यालय में दो देबाशीष बनर्जी हैं, एक देबाशीष बनर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं और दूसरे ठेका पर नियुक्त कर्मचारी है.

शिकायत में देबाशीष बनर्जी के पद का कोई उल्लेख नहीं है, जिससे भ्रम की स्थिति बन गयी है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपी देबाशीष बनर्जी ने अपनी गाड़ी से एक छात्र आकाश को कुचल दिया. इससे कुलपति के आरोपी होने की बात सामने आती है क्योंकि उस दिन कुलपति की गाड़ी से ही आकाश को चोट लगी थी. पुलिस भी भ्रम में है, उसके अनुसार मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल कुलपति के आरोपी नहीं होने की बात कही गयी है. आरोपी उषा दे लाइब्रेरी अटेंडेंट हैं, बाकी के चार ठेका कर्मचारी हैं. इन सभी पर छात्र सिद्धार्थ के साथ मारपीट, एक युवती के साथ छेड़खानी, एक छात्र सायन तिवारी के ब्रेसलेट को छीनने और चलती गाड़ी से छात्र आकाश को कुचलने के आरोप लगाया गया है. शिकायत के आधार पर कांड संख्या 402/24 में 126(2)/115(2)/117(2)/76/303(2)/109/351(2)/3(5) के तहत मामला दर्ज हुआ है. जांच का दायित्व अवर निरीक्षक अनिल कुमार सिंह को मिला है. सूत्रों के अनुसार इस मामले को समाप्त करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच एक बैठक भी हुई है.

16 अगस्त को क्या हुआ था विश्वविद्यालय में?

16 अगस्त को विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस मनाया जा रहा था. कुलपति देबाशीष बनर्जी का आरोप है कि 30-40 बाहरी आपराधिक तत्वों ने आकर कार्यक्रम में खलल डाला और विरोध करने पर शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की की. जिसमें एक दिव्यांग महिला कर्मचारी के साथ काफी ज्यादती हुई. उसके शरीर में हाथ दिया गया और उसकी बैसाखी छीनकर उसे धक्का मारकर गिरा दिया गया, जिसमें वह घायल हुई. इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. हंगामा करनेवालों ने जय बांग्ला के साथ आरजी कर बना देंगे का नारा भी लगाया. गौरतलब है कि तृणमूल छात्र परिषद(टीएमसीपी) के बैनर तले विश्वविद्यालय में आठ जुलाई से आंदोलन चल रहा है. कुलपति का जमकर विरोध हो रहा है. जिसके कारण कुलपति घर से ही काम कर रहे हैं. 29 जुलाई को उनके विश्वविद्यालय आने पर काफी हंगामा हुआ और चार घंटे तक घेराव में रहने के बाद वह वापस लौट गये. उस दौरान भी उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ धक्का मुक्की हुई. टीएमसीपी के जिलाध्यक्ष अभिनव मुखर्जी ने कहा कि गैर शिक्षण कर्मियों ने 16 अगस्त को छात्रों पर हमला करने और लड़की के साथ छेड़खानी का कार्य किया है, वह क्षमा योग्य नहीं है. इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन होगा.

विश्वविद्यालय की शिकायत पर क्यों नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी?

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 16 तारीख की घटना के तुरंत बाद ही पुलिस आयुक्त से आसनसोल नॉर्थ थाना और संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना और शिकायत ई-मेल के जरिये भेज दी थी. कुलपति ने कहा था कि घटना की पूरी शिकायत सभी को भेज दी गयी है. इसके बावजूद रविवार तक स्थानीय थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. पुलिस की ओर से बताया गया कि बीएनएस के नियमानुसार मेल पर शिकायत भेजने के 72 घंटे के अंदर थाने में आकर शिकायतकर्ता को हस्ताक्षर करना होता है, यदि हस्ताक्षर नहीं किया जाता है तो उस शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी. इसकी जानकारी भी विश्वविद्यालय प्रबंधन को मेल पर भेज दी गयी है. सोमवार तक आकर कोई हस्ताक्षर करता है तो प्राथमिकी दर्ज होगी.

क्या कहा है छात्र सिद्धार्थ ने अपनी शिकायत में?

सिद्धार्थ ने अपनी शिकायत में कहा कि 16 अगस्त को दोपहर एक बजे वह केएनयू में किसी काम से गया था. उक्त आरोपियों ने उससे कहा कि कॉलेज के छात्र विश्वविद्यालय में क्यों आते हैं? उसके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया. वह विश्वविद्यालय परिसर से बाहर आ गया. दोपहर ढाई बजे उक्त आरोपियों ने उसपर लोहे के रॉड से हमला कर दिया. उस समय उसके साथ मौजूद एक युवती के साथ छेड़खाने भी की गयी. बीबी कॉलेज में बीबीए द्वितीय सेमेस्टर के छात्र सायन तिवारी का ब्रेसलेट छीन लिया गया. आरोपी देबाशीष बनर्जी ने आकाश को मारने के लिए अपनी कार से उसे कुचल दिया, जिसका इलाज चल रहा है.

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