Cattle Smuggling Case: जाली नोटों का भी कारोबार करता है मवेशी तस्करी का सरगना एनामुल हक, CBI ने कोर्ट में सौंपा काला चिट्ठा
Cattle Smuggling Case: पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी का मुख्य आरोपी एनामुल हक के तार जाली नोटों के कारोबार से भी जुड़े हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इसकी जांच कर रही है. सीबीआई के हाथ एनामुल की एक डायरी लगी है, जिसमें उसके अवैध कारोबार का लेखा-जोखा है. एजेंसी ने कोर्ट में इसे पेश किया है.
आसनसोल : पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी का मुख्य आरोपी एनामुल हक के तार जाली नोटों के कारोबार से भी जुड़े हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इसकी जांच कर रही है. सीबीआई के हाथ एनामुल की एक डायरी लगी है, जिसमें उसके अवैध कारोबार का लेखा-जोखा है. एजेंसी ने कोर्ट में इसे पेश किया है.
सीबीआई ने कोर्ट को बताया है कि एनामुल काफी प्रभावशाली व्यक्ति है. यदि उसको जमानत मिल जाती है, तो वह गवाह और साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसकी जमानत की अर्जी को मंजूर नहीं किया जाये. बुधवार को आसनसोल में सीबीआई की विशेष अदालत में एनामुल की पेशी के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने यह दलील दी.
सीबीआई के वकील की इस दलील को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया एनामुल की जमानत याचिका खारिज कर दी. इस मामले की सुनवाई अब 6 जनवरी 2021 को होगी. इस मामले के जांच अधिकारी निरीक्षक मलय दास ने कोर्ट में सीलबंद दस्तावेज पेश किये, जिसे देखने के बाद स्पेशल कोर्ट ने एनामुल को राहत देने से इनकार कर दिया. उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
एनामुल के वकीलों ने दलील दी कि वह नियमित रूप से सीबीआई कार्यालय में हाजिरी देगा और जांच में पूर्ण सहयोग करेगा. न्यायाधीश ने इस दलील को खारिज कर दिया और छह जनवरी को अगली तारीख मुकर्र कर दी. बहुचर्चित पशु तस्करी कांड में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत आसनसोल में एनामुल की पेशी को लेकर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी थी.
मामले में एनामुल के अधिवक्ताओं ने उसकी जमानत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. तमाम दलीलें दीं, लेकिन सीबीआई ने जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किये, उसके आगे आरोपी के वकीलों की कोई दलील काम नहीं आयी. एनामुल के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह कुछ लोगों के नाम कुबूल कर ले.
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जांच अधिकारियों को धमका रहा है एनामुल हक : CBI
सीबीआई अधिवक्ता ने कहा कि एनामुल जांच अधिकारियों को धमकी दे रहा है. सबसे अहम जाली नोट कारोबार में भी एनामुल की संलिप्तता की बात आ रही है. सीबीआई इसकी भी जांच कर रही है. ऐसे में यदि उसे जमानत मिल गयी, तो जांच प्रभावित हो सकती है. जांच अधिकारी श्री दास ने न्यायाधीश को उनके कक्ष में जाकर कुछ अहम सबूत दिखाने की बात कही.
जज ने CBI से एनामुल के खिलाफ मांगे सबूत
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत में ही दिखाइए. इसके बाद श्री दास ने एक सीलबंद पैकेट जज को सौंपा. लिफाफा खोला गया. इसमें एक डायरी थी. इसके कुछ पन्नों को रंग-बिरंगे स्टिकर से मार्क किया गया था. उसके साथ ही 100 से अधिक पेज के कागजात भी थे. बताया जा रहा है कि इस डायरी में अवैध कारोबार का पूरा लेखा-जोखा है.
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सितंबर में दर्ज हुई थी मवेशी तस्करी मामले में प्राथमिकी
पशु तस्करी कांड में सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच ने 21 सितंबर 2020 को बीएसएफ 36 बटालियन के कमांडेंट सतीश कुमार, एनामुल हक, एनारुल शेख, मोहम्मद गुलाम मुस्तफा को नामजद करने के साथ अज्ञात सरकारी कर्मचारी और निजी लोगों को आरोपी बनाकर प्राथमिकी दर्ज की थी. मामले में मुख्य आरोपी एनामुल हक को पांच नवंबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.
ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में उसे पेश किया गया, लेकिन कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दे दी. इसके बाद एनामुल कोरोना पॉजिटिव हो गया. इसकी वजह से सीबीआई अधिकारी उससे पूछताछ नहीं कर पाये. 17 नवंबर को अन्य नामजद आरोपी बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया. 11 दिसंबर को मामले की सुनवाई में एनामुल सीबीआई की कोर्ट में हाजिर हुआ. जांच अधिकारी ने पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने अपील खारिज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
Posted By : Mithilesh Jha