Bagtui Massacre: रामपुरहाट हिंसा के फरार चार आरोपियों को मुंबई से सीबीआई ने किया गिरफ्तार
Bagtui Massacre: सीबीआई के जांच अधिकारियों ने बताया कि बप्पा शेख और साबू शेख समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह पहली बार है, जब सीबीआई ने बागटुई घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
बीरभूम/पानागढ़: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के रामपुरहाट स्थित बागटुई गांव में हुए नरसंहार (Bagtui Massacre) मामले में फरार 4 आरोपियों को सीबीआई ने मुंबई से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. चारों आरोपियों को मुंबई के बरखंडी से गिरफ्तार किया गया. सभी आरोपी लालल शेख के साथी बताये गये हैं.
सीबीआई के जांच अधिकारियों ने बताया कि बप्पा शेख और साबू शेख समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह पहली बार है, जब सीबीआई ने बागटुई घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. दूसरी ओर, सीबीआई ने इसी दिन हाईकोर्ट में बागटुई मामले पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की.
अनारुल समेत 23 लोगों की हुई है गिरफ्तारी
राज्य पुलिस ने बागटुई हत्याकांड में रामपुरहाट एक नंबर प्रखंड के अध्यक्ष अनारुल हुसैन समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. जांच पड़ताल के बाद सीबीआई अधिकारियों ने आरोपियों से पूछताछ शुरू की. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ के बाद इस दिन मुंबई से चार लोगों को गिरफ्तार किया.
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लालन शेख के करीबी हैं गिरफ्तार किये गये चार लोग
गिरफ्तार किये गये चारों आरोपी लालन शेख के करीबी हैं. इनमें बप्पा शेख और साबू शेख शामिल हैं. उनके नाम पुलिस की ओर से दाखिल की गयी चार्जशीट में भी हैं. आरोप है कि बागटुई गांव में जिस दिन 9 लोगों को जिंदा जला दिया गया, उस दिन ये 4 लोग गांव में मौजूद थे. कथित तौर पर इन्हीं लोगों ने हिंसा को अंजाम दिया था.
Central Bureau of Investigation has arrested four persons from Mumbai, in connection with the Rampurhat violence in West Bengal. The accused were presented before a Mumbai Court today.
— ANI (@ANI) April 7, 2022
भादू शेख के समर्थकों ने 10 घरों में लगायी आग
गौरतलब है 21 मार्च 2022 को तृणमूल के उप प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद रामपुरहाट के बागटुई गांव में उनके समर्थकों ने कम से कम 10 घरों को आग लगा दिया था. इसमें 8 लोग जिंदा जल गये और एक महिला की बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतकों में दो बच्चे और कई महिलाएं शामिल थीं.
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कलकत्ता हाईकोर्ट में सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दी थी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 7 अप्रैल 2022 तक घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश सीबीआई को दिया था. सीबीआई ने आज वह रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी.
रिपोर्ट- मुकेश तिवारी