आसनसोल.
बुधवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएएफ) बर्नपुर ने सेल-आइएसपी के सहयोग से यहां एक होटल में इस्पात क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हो गयी. मौके पर आइजी(एनईएस टू) डॉ शिखर सहाय, एडीजे नॉर्थ कुंदन कृष्णन, डीसी फायर दीपक, डीआइसी बीपी सिंह, सीआइएसएफ के डीआइजी प्रबोध चंद्रा आदि मौजूद थे. देशभर से सेल, स्टील कारखाना, पीएसयू से सीआइएसएफ के अधिकारियों के साथ बीएसपी, राउरकेला स्टील प्लांट के अधिकारी उपस्थित थे. इस्को स्टील प्लांट तथा दुर्गापुर स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी (डीआइसी) बीपी सिंह को सीआइएसएफ बर्नपुर के डीआइजी प्रबोध चंद्रा ने पुष्पगुच्छ व शॉल से स्वागत किया. डीआईसी बीपी सिंह के साथ कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप जला कर कार्यशाला का उदघाटन किया. सीआइएसएफ बर्नपुर के डीआइजी प्रबोध चंद्रा ने कहा कि कार्यशाला में सुरक्षा से जुड़े नये कौशल, अभिनव विचार साझा करने के लिए देशभर के 25 संस्थानों से 37 प्रतिभागी शामिल हुए. कार्यशाला में प्रश्नोत्तरी, समूह-चर्चा आदि के माध्यम से हमारे समाज में ऋृतु परिवर्तन के कारण समाज पर होनेवाले प्रभावों को लेकर भी चर्चा की जायेगी. सीआइएसएफ-एडीजी नॉर्थ कुंदन कृष्णन ने स्टील सेक्टर के साथ सीआइएसएफ की ओर से दी जा रही सुरक्षा पर प्रकाश डाला. उसके बाद डीआइसी बीपी सिंह ने कहा कि स्टील का प्रभावी दरों पर उत्पादन करना, इसमें स्थिरता बनाये रखना और कार्बन उत्सर्जन घटाना ही कार्यशाला का उद्देश्य है. यह सब आज इस्पात उद्योग के लिए बड़ी चुनौती है. सेल-आइएसपी के विस्तारीकरण के दौरान 10 हजार से अधिक ठेका श्रमिकों का नियोजन होगा. लाागत मूल्य में कटौती के साथ गुणवतापूर्ण उत्पादन और सुरक्षा इंतजाम को दुरुस्त करने के लिए तकनीकी सुरक्षा पर विशेष जोर देना होगा. साथ ही सीसीटीवी कैमरे आदि के जरिये सुरक्षा व्यवस्था दुरु्स्त की जा रही है. कुछ वर्ष पहले सीआइएसफ बर्नपुर को देश की सर्वश्रेष्ठ फायर यूनिट का खिताब मिल चुका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है