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पुुरुलिया के तीन प्रखंड क्षेत्रों में डायरिया का प्रकोप

जिले के तीन प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में डायरिया का प्रकोप फैल गया है. वहां सैकड़ों लोग बीमार हो गये हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला परिषद की सभाधिपति निवेदिता महतो, जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अशोक विश्वास और प्रखंड विकास अधिकारी व प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.

पुरुलिया.

जिले के तीन प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में डायरिया का प्रकोप फैल गया है. वहां सैकड़ों लोग बीमार हो गये हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला परिषद की सभाधिपति निवेदिता महतो, जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अशोक विश्वास और प्रखंड विकास अधिकारी व प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. जिले के काशीपुर प्रखंड क्षेत्र के भाटीन गांव में अब तक डायरिया से 50 लोग बीमार हुए हैं.

हालांकि गांव में मेडिकल टीम कैंप लगा कर कार्य कर रही है. प्रशासन ने स्थिति के नियंत्रण में होने की बात कही है. मिली जानकारी के अनुसार तीन रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि बाकी बीमार लोगों का घर में ही इलाज चल रहा है. जिले के बड़ा बाजार प्रखंड क्षेत्र के उदाला गांव में भी 50 से ज्यादा लोगों को डायरिया हो गया है. इनमें आठ लोगों को पुरुलिया देवेन महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जबकि बाकी रोगियों का इलाज घर से ही चल रहा है. गुरुवार को जिला परिषद की सभाधिपति, जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला परिषद के अन्य सदस्यों ने उदाला गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया.

बीमार लोगों के परिजनों से बातचीत कर मेडिकल कैंप लगा दिया गया है. उधर, आड़सा प्रखंड के एक गांव में भी डायरिया के कुछ रोगी मिले हैं. जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अशोक विश्वास ने कहा कि जिला के कई गांव में डायरिया का प्रकोप है. हालांकि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है. कुछ लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. बाकी रोगियों का उपचार घर से ही डॉक्टरों की मदद से किया जा रहा है. गांव में मेडिकल टीम कैंप कर रही है. आशाकर्मी से लेकर स्वास्थ्यकर्मी लगातार ग्रामीणों से संपर्क में हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि गांव के चापाकल का पानी पीने अथवा, आसपास के तालाब या जलाशय में बर्तन धोने से डायरिया फैला है. चापाकलों को सील करके जलाशयों का पानी नहीं इस्तेमाल करने को कहा गया है. प्रभावित गांवों में टैंकर से पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है. चापाकल व तालाब से पानी के नमूने लेकर जांच के लिए लैब में भेजे गये हैं.

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