खदानों के निजीकरण के खिलाफ सीटू का प्रतिवाद
सीएमएसआई (सीटू) ने सातग्राम एरिया महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने खदानों के निजीकरण और प्रबंधन की ओर से श्रमिकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रतिवाद जताया. प्रदर्शनकारियों को कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने के लिए गेट पर ताला लगा दिया गया.
जामुड़िया.
सीएमएसआई (सीटू) ने सातग्राम एरिया महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने खदानों के निजीकरण और प्रबंधन की ओर से श्रमिकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रतिवाद जताया. प्रदर्शनकारियों को कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने के लिए गेट पर ताला लगा दिया गया. इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और प्रदर्शनकारियों को काफी देर तक कार्यालय के बाहर धरना देना पड़ा.बाद में प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण गेट का ताला खोला गया. सीएमएसआई (सीटू) के अध्यक्ष जीके श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि प्रबंधन श्रमिकों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं है.जेसीसी मीटिंग नहीं हो रही हैं और श्रमिक अपनी बात रखने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि खदानों को निजीकरण करने की साजिश रची जा रही है और स्थायी श्रमिकों को हटाकर ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है. श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि प्रबंधन श्रमिकों की संख्या को कम करने की कोशिश कर रहा है और श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए रिश्वतखोरी का सहारा लिया जा रहा है. जीके श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि प्रदर्शन के दौरान एरिया महाप्रबंधक और अन्य शीर्ष अधिकारी मौके से गायब थे. कहा कि प्रबंधन को श्रमिकों की बात सुननी होगी. प्रदर्शन में तापस कवि, हिमाद्रि चक्रवर्ती, बीरेंद्र महतो, मुन्ना अहिर, शीतल चक्रवर्ती, राजकुमार नोनिया सहित कई अन्य संगठन के सदस्य सक्रिय रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है