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तीन पहिया वाहनों पर बेलगाम स्थिति रणनीति पर बिल्कुल नहीं हो रहा अमल

आसनसोल शहर में तीन पहिया वाहनों को लेकर स्थिति अराजक बन गयी है. आसनसोल सबडिवीजनल मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एसोसिएशन (आइएनटीटीयूसी) के संयोजक राजू आहलूवालिया ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्य सरकार के निर्देश पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने आसनसोल में कुल 1870 सीएनजी ऑटो के लिए ऑफर लेटर के साथ रूट परमिट देने का कार्य शुरू किया.

आसनसोल.

आसनसोल शहर में तीन पहिया वाहनों को लेकर स्थिति अराजक बन गयी है. आसनसोल सबडिवीजनल मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एसोसिएशन (आइएनटीटीयूसी) के संयोजक राजू आहलूवालिया ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्य सरकार के निर्देश पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने आसनसोल में कुल 1870 सीएनजी ऑटो के लिए ऑफर लेटर के साथ रूट परमिट देने का कार्य शुरू किया. जिसमें सिर्फ 331 लोगों को ही रजिस्ट्रेशन के साथ रूट परमिट मिला, उसके बाद से अबतक इसपर कोई कार्य नहीं हुआ. यह मामला अधर में लटका हुआ है.

टोटो को लेकर भी कुछ माह पहले निर्णय हुआ कि रजिस्ट्रेशन, रूट परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस दिया जायेगा. यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया है. शहर में डीजल ऑटो के चलने पर पूर्णरूप से पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया गया है, इसके बावजूद दो हजार से अधिक डीजल ऑटो सड़कों पर दौड़ रहे हैं. वाहनों का रजिस्ट्रेशन और रूट नहीं मिलने से शहर में अराजक स्थिति के साथ सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है. निर्णय हो रहा है लेकिन उसपर अमल नहीं हो रहा है. इसके लिए पूर्णरूप से जिला परिवहन विभाग जिम्मेदार है.

गौरतलब है कि आसनसोल शहर में तीन पहिया वाहनों (ऑटो व टोटो) को लेकर पुलिस और प्रशासन की ओर से समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, इसके बावजूद वे नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं. जीटी रोड पर बीएनआर मोड़ से आश्रम मोड़ तक तीन पहिया वाहनों के चलने पर पाबंदी लगायी गयी. जिसे लेकर पुलिस के साथ वाहन चालकों की झड़प भी हुई. यह नियम भी बस नियम बनकर ही रह गया. डीजल ऑटो के चलने पर पूर्णरूप से पाबंदी लगाने का आदेश जारी हुआ. जिसपर आजतक अमल नहीं हुआ. टोटो का रजिस्ट्रेशन करने, रूट मुहैया करने और चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का निर्णय हुआ था. यह भी ठंडे बस्ते में चला गया. यूनियन नेता श्री अहलूवालिया ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से अराजक है. तीन पहिया वाहनों को रेगुलराइज करके अभी भी नियंत्रित नहीं करने से आगामी दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जायेगी. उसके बाद इसे नियंत्रित करना काफी कठिन होगा. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार ऑटो और टोटो के साथ शहर की एक बड़ी अवादी जुड़ी हुई है. जो एक मजबूत वोट बैंक भी है. सरकारी नियम यदि कड़ाई से लागू होता है तो फिर कइयों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है और वोट बैंक में दरार पड़ सकती है. इसलिए इस मुद्दे को अपनी स्थिति पर छोड़ दिया गया है.

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