झारखंड के भट्ठों में खपाया जाता था बंगाल का कोयला, कोयला का काला कारोबार करने वाले अनूप माजी के करीबी व्यवसायी भूमिगत
झारखंड के धनबाद जिला के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हार्ड कोक भठ्ठा में से 25 फीसदी भठ्ठा में बंगाल के कोयला कारोबारी अनूप माजी उर्फ लाला कोयला आपूर्ति कर रहा था. बंगाल के इस कारोबारी की शरण में धनबाद के अच्छे-अच्छे कारोबारी चले गये थे. हालांकि, बदली हुई परिस्थिति में कोयला कारोबारियों ने माजी से अपना संबंध छिपाना शुरू कर दिया है.
धनबाद : झारखंड के धनबाद जिला के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हार्ड कोक भठ्ठा में से 25 फीसदी भठ्ठा में बंगाल के कोयला कारोबारी अनूप माजी उर्फ लाला कोयला आपूर्ति कर रहा था. बंगाल के इस कारोबारी की शरण में धनबाद के अच्छे-अच्छे कारोबारी चले गये थे. हालांकि, बदली हुई परिस्थिति में कोयला कारोबारियों ने माजी से अपना संबंध छिपाना शुरू कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार लाला ने जब धनबाद से सटे बंगाल के दुबरा में कोयला कारोबार पसारा, तो उसका असर यहां के हार्ड कोक भठ्ठों पर पड़ा. दुबरा में चोरी के कोयला का उपयोग कर भठ्ठा संचालक धनबाद के हार्ड कोक भठ्ठा से कम कीमत पर कोयला बेच रहे थे. एक टन पर औसतन तीन से चार हजार रुपये का अंतर आ जा रहा था.
इसके चलते यहां के हार्ड कोक उद्योगों की आर्थिक हालत बिगड़ने लगी. बाद में यहां के कुछ कारोबारियों ने लाला से संपर्क साध कोयला लेना शुरू किया. फर्जी चालान पर बंगाल से धनबाद कोयला ला कर बेचा जा रहा था. इससे इन कोयला कारोबारियों का लाभ बढ़ने लगा. यहां के कुछ कोयला कारोबारियों ने दुबरा में भी हार्ड कोक प्लांट लगा लिया.
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60 में 15 भठ्ठों में चल रहा था धंधा
सूत्रों की मानें, तो धनबाद जिला में अभी 60 हार्ड कोक भठ्ठा संचालित हैं. इनमें से करीब 15 में बंगाल से कोयला लाकर खपाया जा रहा था. पिछले पांच वर्षों से यह धंधा चल रहा था. पिछले दो वर्षों के दौरान यह पूरे परवान पर था. बंगाल से लेकर धनबाद तक पूरी सेटिंग थी. चोरी का कोयला खपाने के लिए लाला गैंग यहां के कारोबारियों को उधार में भी माल (कोयला) दे रहा था.
इसके चलते कई भठ्ठों में क्षमता से अधिक स्टॉक रह रहा था. बंगाल के कई स्पंज आयरन फैक्ट्री में एक माह का एडवांस स्टॉक जमा हो रहा था. सूत्रों के अनुसार, पुराना बाजार क्षेत्र के एक कोयला कारोबारी जिनका दुबरा में भी कोयला का काम चल रहा है, लाला गैंग का यहां काम देख रहा था. उसके जरिये ही लाला ने यहां के हार्ड कोक उद्योग में अपनी पैठ बनायी.
बताया जाता है कि उक्त कोयला कारोबारी के पास अभी लाला का 35 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. आयकर व सीबीआइ छापा के बाद यह व्यापारी बंगाल जाना छोड़ दिया है. बरवाअड्डा क्षेत्र के एक कोयला कारोबारी के पास भी लाला का तीन करोड़ रुपया बकाया बताया जाता है.
सूत्रों के अनुसार अवैध कोयला खपाने के चक्कर में लाला ने धनबाद के बाजार में लगभग 50 करोड़ रुपये का कोयला दे रखा था. अपनी गर्दन बचाने के लिए उसके संपर्क में रहे व्यापारी अब भूमिगत हो गये हैं. मोबाइल नंबर बंद कर दिया है.
Posted By : Mithilesh Jha