पश्चिम बंगाल के मंत्री और दबंग नेताओं की गिरफ्तारी और भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता की पोल खुलने के बाद वामदल ने भी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने ‘चोर धोरो, जेल भरो’ (चोर पकड़ो, जेल भरो) आंदोलन शुरू किया है. बड़े-बड़े बैनर और तख्तियां हाथों में लेकर शहरों और गांवों की सड़कों पर सीपीएम के कार्यकर्ता घूम रहे हैं. राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.
इसके साथ ही साथ गुड़ और बताशा बांट रहे हैं. दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी केंद्र सरकार के विरोध में सड़क पर उतर गये हैं. नारेबाजी कर रहे हैं. जगह-जगह धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है. उनका कहना है कि हमारे नेताओं को फंसाने के लिए केंद्र सरकार ने सीबीआई और ईडी जैसी सरकारी जांच एजेंसियों को काम पर लगा दिया है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेता शुभेंदु अधिकारी जो भ्रष्टाचार में लिप्त थे, के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
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सत्ताधारी दल के नेता केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं. राज्य के मंत्री और तृणमूल विधायक स्वपन देवनाथ का आरोप है कि केंद्र सरकार राजनीतिक लाभ के लिए ही तृणमूल के मंत्रियों और नेताओं को सीबीआई और ईडी के द्वारा गिरफ्तार करवा रही है. राज्य में भय और आतंक का माहौल कायम करने की कोशिश की जा रही है. कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त सभी लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए, चाहे वे भाजपा में ही क्यों न हों.
पश्चिम बर्दवान जिला माकपा के नेता वीरेश मंडल का कहना है कि 11 वर्षों में तृणमूल शासन में तृणमूल के मंत्रियों एवं नेताओं ने लूट-खसोट की और करोड़ों रुपये का गबन किया. करोड़ों-अरबों की संपत्ति बनायी. जनता को यह पता है. आज इन नेताओं का असली चेहरा सीबीआई और ईडी दिखा रही है. आगामी चुनाव में जनता इसका जवाब देगी. ऐसे नेताओं का फैसला जनता ही करेगी.
भाजपा नेता ध्रुव साहा का कहना है कि बीरभूम जिले में तृणमूल शासन में अराजकता और भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है. केवल भ्रष्टाचार और अराजकता ही नहीं, जिले में बम और बारूद भरे पड़े हैं. अणुव्रत मंडल जैसे नेताओं ने हमारे 18 कार्यकर्ताओं की जान ले ली. समूचे राज्य में हम प्रतिवाद करेंगे. धरना-प्रदर्शन करेंगे.
रिपोर्ट – मुकेश तिवारी