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पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके साइबर क्राइम के शातिरों ने लूट लिये 16.85 लाख

जागरूकता की कमी से साइबर ठगों के जाल में फंस कर लोग गंवा रहे अपनी जीवनभर की कमाई

आसनसोल. 19 दिनों के अंदर साइबर क्राइम थाना आसनसोल में चौथा डिजिटल अरेस्ट का मामला दर्ज होने के पुलिस की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गयी है. दुर्गापुर थाना क्षेत्र के धुपचूड़िया इलाके के निवासी सुभाष घोष को साइबर अपराधियों ने 31 जनवरी से चार फरवरी कुल पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके 16.85 लाख रुपये लूट लिया. जबतक वे समझ पाते उनका सारा पैसा निकल चुका था. इसकी शिकायत उन्होंने पांच फरवरी को एनसीआरपी पोर्टल और छह जनवरी को साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज करायी. उनकी शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना में कांड संख्या 18/25 में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई.

गौरतलब है कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अनेकों सरकारी और गैरसरकारी संस्थाएं विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक करने के प्रयास में जुटी हुई है. अखबार, टीवी, मोबाइल फोन, सोशल मीडिया हर जगह साइबर अपराध को लेकर जागरूकता फैलाया जा रहा है. इसके बावजूद लोग साइबर अपराधियों के हर झांसे में आसानी से फंस जा रहे हैं. जो पूरे देश के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आयी है. जिसे लेकर प्रधानमंत्री को भी आकर लोगों को बताना पड़ा कि डिजिटल अरेस्ट बोलकर कुछ नहीं है. यह साइबर अपराधियों का फैलाया हुआ एक जाल है. इसके बावजूद भी लोग डिजिटल अरेस्ट में फंस रहे है. जिस समय यह खबर लिखा जा रहा है, उस दौरान भी सम्भवतः पश्चिम बर्दवान जिला में कोई न कोई व्यक्ति डिजिटल अरेस्ट होकर अपने ही घर मे फंसा होगा.

18 जनवरी 2025 को एडीपीसी क्षेत्र में हुआ था पहला डिजिटल अरेस्ट का मामला : 18 जनवरी 2025 को आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में पहला डिजिटल अरेस्ट का मामला दर्ज हुआ था,जिसमें आसनसोल के चंचल कुमार भट्टाचार्य को सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके अपराधियों ने 1,03,85,000 रुपये लूटे थे. हीरापुर थाना क्षेत्र के निवासी परेश रंजन साहू को 20 दिनों तक डीजिटल अरेस्ट करके अपराधियों ने 4,44,081 रुपये लूटे इसकी शिकायत 27 जनवरी 2025 को दर्ज हुई. दुर्गापुर करंगापाड़ा इलाके के निवासी तरुण कुमार केश को चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके 9,60,494 रुपये लूटे, जिसकी शिकायत 31 जनवरी 2025 को दर्ज हुई. यह चौथा मामला है.

कैसे सुभाष घोष को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर शैतानों ने लूट ली पूरी राशि

श्री घोष ने अपनी शिकायत में कहा कि 31 जनवरी अपरान्ह तीन बने से चार फरवरी शाम तक साइबर अपराधियों ने उन्हें घर में ही डिजिटल अरेस्ट करके 16.85 लाख रुपये ठग लिया. 31 जनवरी दोपहर को 8455869147 नम्बर से उन्हें कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद को डीएचएल कूरियर कंपनी का कर्मचारी अमित कुमार बताते हुए कहा कि 25 जनवरी 2025 को उनके द्वारा दिल्ली से बैंकाक के लिए भेजा गया पार्सल में पांच पासपोर्ट, तीन एटीएम कार्ड, चार किलो कपड़ा, एक लैपटॉप और 150 ग्राम एमडीएम ( प्रतिबंधित ड्रग्स) था, जिसे पोस्टल विभाग ने जब्त कर लिया है. उन्होंने जब फोन करनेवाले को बताया कि यह उन्होंने नहीं भेजा है. इसपर उसने उन्हें बताया कि आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है, इसकी शिकायत दिल्ली साइबर क्राइम सेल में करें. इसके कुछ पल बाद ही 8456897614 से व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया. कॉल करनेवाले ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय अपराध का हिस्सा है. उनलोगों की बात नहीं मानने पर उनके बेटे को गैर जमानती धारा में गिरफ्तार कर लेंगे. उसी दौरान उनका बेटा कनाडा से वापस आ रहा था. वीडियो कॉल के जरिये उन्हें दिल्ली साइबर सेल और आरबीआइ के आदेश के रूप में कुछ कागजात भी दिखाया. वे डर गये. साइबर अपराधियों ने उन्हें 31 जनवरी अपरान्ह साढ़े तीन बजे से चार फरवरी शाम तक ऑडियो और वीडियो कॉल से जुड़े रहने के लिए बाध्य कर दिया. इस बीच एक फरवरी को वे बिना किये कथित अपराध से बचने के लिए एक फरवरी को अपने बैंक ऑफ इंडिया के खाता के उनके द्वारा दिये गए आइसीआइसीआइ बैंक खाता में आरटीजीएस के माध्यम से 16.85 लाख रुपये भेजे. चार तारीख को जब उनके बेटा और बहू ने समझाया, तब उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर अपराधियों के चंगुल में थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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