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आसनसोल के छात्र के नाम पर साइबर क्रिमिनल ने मध्य प्रदेश में की ठगी, पुलिस जांच में जुटी

Cyber crime news : मध्यप्रदेश के बैतूल जिला अंतर्गत चिचौली थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति से साइबर अपराधियों ने 40 हजार रुपये की ठगी की है. इस कांड को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने जिस फोन नंबर (सिम कार्ड) का उपयोग किया, वह नंबर आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के धधका इलाके के निवासी व छात्र छोटू मंडल के नाम पर रजिस्टर्ड था. मध्य प्रदेश पुलिस फोन नंबर के आधार पर आसनसोल छोटू को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि छोटू को सिम कार्ड के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. इसके बाद पुलिस ने छोटू को रिहा कर दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2020 10:41 PM

Cyber crime news : आसनसोल (शिवशंकर ठाकुर) : मध्यप्रदेश के बैतूल जिला अंतर्गत चिचौली थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति से साइबर अपराधियों ने 40 हजार रुपये की ठगी की है. इस कांड को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने जिस फोन नंबर (सिम कार्ड) का उपयोग किया, वह नंबर आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के धधका इलाके के निवासी व छात्र छोटू मंडल के नाम पर रजिस्टर्ड था. मध्य प्रदेश पुलिस फोन नंबर के आधार पर आसनसोल छोटू को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि छोटू को सिम कार्ड के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. इसके बाद पुलिस ने छोटू को रिहा कर दिया.

छोटू ने अपने मोबाइल फोन के लिए भगत सिंह मोड़ के निकट एक दुकान से सिम कार्ड खरीदा था. पुलिस उस दुकान में जाकर भी जांच की, लेकिन वहां कुछ भी सुराग नहीं मिला कि छोटू के डॉक्यूमेंट (आईडी) पर दूसरा सिम कहां से निकला है. इस मामले में आसनसोल साइबर थाना पुलिस टाइमस्टैम प्रक्रिया से इस फर्जी सिम कार्ड की जानकारी प्राप्त करने के प्रयास में जुटी है.

साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और प्रतिदिन नये- नये तरीकों से लोगों को ठगने के मामलों ने पुलिस को परेशान कर दिया है. मध्यप्रदेश के चिचौली थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति के साथ ठगी के मामले में जांच करने के दौरान यह खुलासा हुआ कि साइबर क्रिमिनल किसी भी व्यक्ति के नाम पर सिम कार्ड निकालकर उसका उपयोग अपराध को अंजाम देने के लिए कर सकते हैं.

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दुकानदारों की मिलीभगत से सिम कार्ड पहुंच रहा है अपराधियों के पास

पुलिस के अनुसार, जब कोई व्यक्ति नया सिम कार्ड लेता है, तो उसे डॉक्यूमेंट्स देना होता है. यह डॉक्यूमेंट्स दुकानदार के पास जमा हो जाता है. इसी डॉक्यूमेंट्स के सहारे कुछ दुकानदार कई सिम कार्ड निकाल लेते हैं और उसे मोटी कीमत पर साइबर क्रिमिनल को बेच देते हैं. साइबर क्रिमिनल इस सिम कार्ड का उपयोग बेपरवाह होकर करते हैं, क्योंकि सिम कार्ड के आधार पर पुलिस उनकी तलाश करेगी, तो डॉक्यूमेंट्स में साइबर क्रिमिनल के खिलाफ पुलिस को कुछ नहीं मिलेगा. मामले में एक अंजान व्यक्ति फंस जायेगा, जिसे इस विषय की कुछ जानकारी ही नहीं है. ऐसा ही मामला चिचौरी ठगी कांड में आसनसोल का एक छात्र फंस के जाने से उजागर हुआ. हालांकि, आसनसोल पुलिस ने अपनी सक्रियता से युवक को बचा लिया.

साइबर थाना पुलिस जुटी है जांच में

चिचौरी ठगी कांड ने पुलिस को एक नयी चुनौती दे दी है. आसनसोल साइबर थाना पुलिस यह जांच करने में जुटी है कि छोटू मंडल के नाम का सिम कार्ड साइबर अपराधियों तक कैसे पहुंचा है. यह सिम कार्ड कब और कहां से जारी हुआ है. इसका भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. यह पता लगते ही सिम कार्ड मुहैया करानेवाले से पूरे मामले का खुलासा करने का प्रयास करेगी कि किसी भी व्यक्ति का डॉक्यूमेंट्स उनके पास कैसे पहुंच रहा है और कितने व्यक्तियों के नाम पर इस तरह का सिम कार्ड निकालकर अपराधियों को दिया गया? इस तरह के कार्य में और कितने लोग जुड़े हैं? पुलिस का दावा है कि जल्द इस मामले का खुलासा होगा.

कंपनी से निकला सिम कार्ड सीधे पहुंचता था अपराधियों के पास

आसनसोल साउथ थाना और हीरापुर थाना ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर इस्माईल इलाके में किराये पर रह रहे 7 साइबर क्रिमिनल को जुलाई 2017 में पकड़ा था. यह लोग आसनसोल में बैठकर पूरे देश में विभिन्न जगह के लोगों को लूटने का कार्य कर रहे थे. इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड के अलावा भारी संख्या में सिम कार्ड बरामद हुआ था. जिसमें 50 सिमकार्ड ऐसे थे जो किसी के नाम से रजिस्टर्ड नहीं थे. यह सिम कार्ड सीधे कंपनी से निकलकर इनलोगों तक पहुंच गये थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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