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तीन वर्षों में 4.95 करोड़ तो अकेले 2024 में अपराधियों ने उड़ाये 15.75 करोड़ रुपये

वर्ष 2024 में साइबर अपराधियों की धूम रही. अपराधियों ने पुलिस और आम जनता की नींद उड़ाकर रखी है. साइबर अपराध को लेकर देश की जनता को जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री तक को संदेश जारी करना पड़ा. इसके बावजूद भी ठगी के मामले कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं.

आसनसोल.

वर्ष 2024 में साइबर अपराधियों की धूम रही. अपराधियों ने पुलिस और आम जनता की नींद उड़ाकर रखी है. साइबर अपराध को लेकर देश की जनता को जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री तक को संदेश जारी करना पड़ा. इसके बावजूद भी ठगी के मामले कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) में एक जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 तक, तीन वर्षों में कुल 4,95,52,424 रुपये ठगी होने की शिकायत दर्ज हुई तो वर्ष 2024 में सारा रिकॉर्ड टूट गया.

एक जनवरी से 31 दिसंबर में बीच कुल 15,75,16,959 रुपये की ठगी होने की प्राथमिकी दर्ज हुई. वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में ठगी की राशि में करीब दस गुणा की वृद्धि हुई, जो साइबर अपराध में ठगी की राशि के हिसाब से एडीपीसी का नया रिकॉर्ड बना है. अपराध की गति इसी तरह जारी रही तो वर्ष 2025 में ठगी की राशि का नया रिकॉर्ड पुनः बनेगा. साइबर अपराध को कोरोना महामारी से भी ज्यादा घातक माना जा रहा है. कोरोना काल में जिस तरह मोबाइल फोन के रिंग में कोरोना से बचाव का संदेश दिया जाता था, उसी तरह अब साइबर ठगी से बचाव को लेकर मोबाइल में रिंग के जगह जागरूकता का संदेश सुनाया जा रहा है. पुलिस और वित्तीय संस्थान भी इसे लेकर लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद भी यह रुकने की बजाय और बढ़ रहा है. पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि जागरूकता से ही इसपर अंकुश लगाया जा सकता है.

वर्ष 2024 की पांच सबसे बड़ी ठगी, 1.35 करोड़ रुपये तो एक मामले में ही लूटे गये

वर्ष 2024 में साइबर अपराध में ठगी के कुल 86 मामलों में 15.75 करोड़ रुपये की ठगी हुई है. ठगी की राशि के हिसाब से पांच सबसे बड़े मामलों में पहले स्थान पर 1,35,50,000 रुपये की ठगी का है, जिसमें हीरापुर थाना क्षेत्र के कोड़ापाड़ा इलाके के निवासी दिलीप कुमार मुदी को साइबर ठगों ने सबसे बड़ी रकम का चूना लगाया. जिसकी प्राथमिकी साइबर क्राइम थाने में आठ सितंबर को दर्ज हुई थी. दूसरे नंबर पर 1,33,47,000 रुपये की ठगी है. दुर्गापुर एरिसन रोड बी-जोन के निवासी दीपक घोष की शिकायत पर 25 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज हुई. तीसरे नंबर पर 75,83,246 रुपये की ठगी है. जेनेक्स एग्जॉटिका कुमारपुर आसनसोल की निवासी देबजानी बनर्जी की शिकायत पर 16 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज हुई थी. चौथे नंबर पर 69,50,000 रुपये की ठगी है. कांकसा थाना क्षेत्र के सोनार बांग्ला, महानंदा ब्लॉक के निवासी पृथुजीत विश्वास की शिकायत पर 12 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज हुई. पांचवें नंबर पर 59,68,501 रुपये की ठगी है. बुदबुद थाना क्षेत्र के सुकदल इलाके के निवासी दीपक कुमार बनर्जी की शिकायत पर 16 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज हुई. इन सभी मामलों में निवेश के नाम पर ठगी हुई.

वर्ष 2023 में औसत एक मामले में 5.57 लाख तो 2024 में यह आंकड़ा पहुंचा 18.31 लाख रुपये पर

एडीपीसी साइबर क्राइम थाने की साइट पर उपलब्ध डेटा के अनुसार वर्ष 2021 में साइबर ठगी से जुड़े कुल 38 मामलों में 1,78,36,772 रुपये की लूट हुई, यानी एक मामले में औसत 4,69,338 रुपये की लूट हुई. वर्ष 2021 में लूटी गयी सबसे अधिक राशि का आंकड़ा 40 लाख रुपये का था. जिसमें सृष्टिनगर आसनसोल के निवासी हितेश कुमार की शिकायत पर 28 फरवरी 2021 को साइबर क्राइम थाना, आसनसोल में प्राथमिकी दर्ज हुई. वर्ष 2022 में कुल 33 मामलों में कुल 1,49,86,356 रुपये की ठगी हुई, यानी एक मामले में औसत 4,54,132 रुपये की लूट हुई. वर्ष 2022 में सबसे अधिक लूट की राशि का आंकड़ा 42 लाख रुपये का था. जिसमें नर्सिंगबांध बर्नपुर के निवासी लव कुमार साह की शिकायत पर 25 मई 2022 को प्राथमिकी दर्ज हुई. वर्ष 2023 में कुल 30 मामलों में 1,67,29,296 रुपये की ठगी हुई, यानी एक मामले में औसत 5,57,634 रुपये की ठगी हुई. वर्ष 2023 में सबसे अधिक ठगी की राशि का आंकड़ा 19,42,400 रुपये का था. जिसमें सांकतोड़िया बाजार डिशेरगढ़, कुल्टी इलाके के निवासी सांकी अग्रवाल की शिकायत पर दो दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज हुई. वर्ष 2024 में कुल 86 मामलों में 15,75,16,959 रुपये की ठगी हुई, यानी एक मामले में कुल 18,31,592 रुपये साइबर अपराधियों ने लूटे.

पुलिस को पैसे लौटाने में भी मिली है सफलता

साइबर ठगी की राशि पीड़ितों को लौटाने को लेकर पुलिस निरंतर प्रयास कर रही है. वर्ष 2022 में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने 92,98,021 रुपये और वर्ष 2023 में 2,58,34,053 रुपये साइबर अपराधियों के चंगुल से बरामद करके पीड़ितों को वापस लौटाये हैं. 2024 में पुलिस ने 2.95 करोड़ रुपये पीड़ितों को लौटायें, हालांकि अंतिम रिपोर्ट अाने पर यह राशि बढ़ सकती है.

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