19 को मयूराक्षी के तट से नदी बचाओ के संदेश के साथ साइकिल रैली

पश्चिम बंग विज्ञान मंच के जिला सचिव कल्लोल घोष ने कहा कि राज्यभर में नदियों के संरक्षण को लेकर आंदोलन जारी है. अजय, दामोदर, गारूई, नोनिया छोटी नदियों की हालत पतली है. नदियों से लगातार बालू निकालने तथा अतिक्रमण के कारण नदी का जल स्तर तेजी से घट रहा है. बीते कुछ साल में पश्चिम बर्दवान के आसनसोल, पुरुलिया, वीरभूम, बांकुड़ा आदि विभिन्न जिलो में पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 9:37 PM

आसनसोल.

पश्चिम बंग विज्ञान मंच के जिला सचिव कल्लोल घोष ने कहा कि राज्यभर में नदियों के संरक्षण को लेकर आंदोलन जारी है. अजय, दामोदर, गारूई, नोनिया छोटी नदियों की हालत पतली है. नदियों से लगातार बालू निकालने तथा अतिक्रमण के कारण नदी का जल स्तर तेजी से घट रहा है. बीते कुछ साल में पश्चिम बर्दवान के आसनसोल, पुरुलिया, वीरभूम, बांकुड़ा आदि विभिन्न जिलो में पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हुई है. पुरुलिया जिले के विभिन्न स्थानों तथा आसनसोल नगर निगम के विभिन्न वार्डों में जलापूर्ति की समस्या हो रही है. नदी बचाओं संगठन, आदिवासी लोक शिल्पी मंच तथा पश्चिम बंग विज्ञान मंच के बैनर तले लगातार नदियों को बचाने के लिये आंदोलन जारी है. वीरभूम, पुरुलिया, बांकुडा, पश्चिम बर्दवान आदि गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में जागरूकता को लेकर अभियान जारी है. इसी कड़ी में आगामी 19 जनवरी को वीरभूम के मयूराक्षी नदी के तटीय अंचल से एक जागरूकता रैली निकाली जायेगी. वहां से निकलकर रैली पांडेशवर पहुंचकर अजय नदी के किनारे जागरूकता सभा आयोजित करने के बाद आसनसोल पहुंचेगी. आसनसोल में रात्रि विश्राम करने के बाद 20 जनवरी को जागरुकता सभा आयोजित होगी. बर्नपुर इलाके के मिठानी ग्राम दामोदर नदी के तटीय क्षेत्र में सभा करने के बाद जथ्था परबिलया होते हुये पुरुलिया के संथालडीह रवाना हो जायेगा. गंगा की सहायक नदियों के तटवर्ती इलाकों में जागरुकता अभियान करते हुये साइकिल रैली तकरीबन छह सौ किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

दामोदर तथा अजय नदी से बालू के खनन के दौरान ग्रेनाइट पत्थरों को भी निकाला जा रहा है. रानीगंज के सिंघारन के मार्ग में स्थित कारखाना मालिकों ने नदी का अतिक्रमण कर कारखाना बना दिया. अतिक्रमण के कारण नदी के जल प्रवाह की गति प्रभावित हुयी है. यही कारण है कि थोडी से बारिश होने पर नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इन नदियों में बाढ़ के कारण प्रत्येक वर्ष कई लोगों केा जान जा रही है. नदियों के संरक्षण को लेकर आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में आने वाले दिनों में आंदोलन की कार्यसूची पर चर्चा की गयी. आदिवासी लोक शिल्पी संघ और नदी बचाओ संगठन, पश्चिम बंग विज्ञान मंच की संयुक्त पहल पर शनिवार को आसनसोल के अपकार गार्डेन स्थित माकपा कार्यालय में नदियों के संरक्षण पर महत्वपूर्ण बैठक हुई. उसके बाद कल्लोल घोष ने उक्त बातें कहीं. बैठक में नदी बचाओं संगठन के तापस दास, पश्चिम बंग विज्ञान मंच जिला सचिव कलोल घोष, अध्यक्ष श्रीकांत चटर्जी, आदिवासी लोक शिल्पी संघ के मनू सोरेन, अजीत कोरा आदि मौजूद थे.

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