कोयला कारोबारी के अपहरण में बंगाल से पांच अरेस्ट, झारखंड में दो की तलाश

नकुल मंडल अपहरणकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. 20 अक्तूबर की रात आठ बजे शिकायत मिलने के आठ घंटे के अंदर पुलिस ने अपहृत नकुल को बरामद कर लिया और 48 घंटे के अंदर कांड से जुड़े पांच आरोपियों, आसनसोल नॉर्थ थाना इलाके के मोहम्मद परवेज, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद मेहताब आलम, कुल्टी थाना क्षेत्र के नियामतपुर इलाके के सौरभ कुमार और आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के धेमोमेन इलाके के निवासी व इसीएल के सुरक्षा कर्मी मेहताब आलम को पुलिस ने गिरफ्तार किया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2024 9:32 PM

आसनसोल.

नकुल मंडल अपहरणकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. 20 अक्तूबर की रात आठ बजे शिकायत मिलने के आठ घंटे के अंदर पुलिस ने अपहृत नकुल को बरामद कर लिया और 48 घंटे के अंदर कांड से जुड़े पांच आरोपियों, आसनसोल नॉर्थ थाना इलाके के मोहम्मद परवेज, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद मेहताब आलम, कुल्टी थाना क्षेत्र के नियामतपुर इलाके के सौरभ कुमार और आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के धेमोमेन इलाके के निवासी व इसीएल के सुरक्षा कर्मी मेहताब आलम को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने बुधवार को पत्रकार सम्मेलन कर इसका खुलासा करते हुए कहा कि अंतरराज्यीय गिरोह ने इस कांड को अंजाम दिया था. अपहरण का पूरा प्लान झारखंड में बना था. बंगाल और झारखंड के चार लोगों ने मिलकर कांड को अंजाम दिया था. अन्य लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. बंगाल के सारे आरोपी पकड़े गये हैं. झारखंड के दो आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. आरोपियों की टीआइ परेड करायी जायेगी. उसके बाद उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. अपहरण में इस्तेमाल हुई कार और दो बाइक को पुलिस ने बरामद किया है. उन्होंने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त (सेंट्रल-1) विश्वजीत नस्कर के नेतृत्व में पूरी टीम ने काफी बेहतर कार्य किया और 48 घंटे के अंदर ही पूरे मामले का खुलासा हो गया. क्या है पूरा मामला

20 अक्तूबर को देवघर (झारखंड) जिले के चित्रा थाना अंतर्गत आसनबनी गांव के निवासी व कोयला कारोबारी नकुल मंडल देवघर के ही निवासी अपने मामा सुधीर मंडल और उनके मित्र शौकत अंसारी के साथ आसनसोल में डॉ सुब्रत भट्टाचार्य के पास अपना इलाज कराने के लिए आये थे. सुबह 11 बजे आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के शारदापल्ली इलाके से नकुल का अपहरण हो गया.

लाल रंग की एक कार में चार लोगों ने नकुल का अपहरण किया और उसे गाड़ी में डालकर ले गये. उसके मामा और उनके दोस्त, स्थानीय पुलिस को सूचना देने की बजाय देवघर चले गये और नकुल के घरवालों को इसकी जानकारी दी. इस बीच नकुल के फोन से ही अपहर्ताओं ने उसके घर में फोन करके 25 लाख रुपये फिरौती की मांग की.

नकुल की मां रात आठ बजे आसनसोल साउथ थाना पहुंचीं और अपने बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज करायी. पुलिस थाने में भी नकुल की मां के पास फिरौती को लेकर फोन आता रहा. जिसे लेकर पुलिस की टीम सजग होकर मामले की जांच में जुट गयी.

सीसीटीवी से वाहन की हो गयी शिनाख्त

पुलिस उपायुक्त श्री दास ने कहा कि शिकायत मिलते ही पुलिस उस इलाके में पहुंची, जहां से अपहरण हुआ था. उस इलाके के सारे सीसीटीवी फुटेज तुरंत निकाल कर देखने पर अपहरण में उपयोग की गयी गाड़ी चिह्नित हो गयी. यह गाड़ी जहां-जहां से निकली इसकी जानकारी पुलिस को मिल गयी. गाड़ी कमिश्नरेट इलाके से बाहर नहीं निकली है, यह स्पष्ट होने के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में नाकाबंदी कर दी. तकनीकी मदद से आरोपियों तक पहुंचने का रास्ता भी मिल गया.

नकुल को लेकर 12 घंटे तक पुलिस उसे कैद करने की जगह तलाशती रही

नकुल के मिलने के बाद पुलिस के लिए अपहर्ताओं को पकड़ना बड़ी चुनौती थी. एकमात्र नकुल ही बता सकता था, उसे कहां रखा गया था. नकुल ने बताया कि सुनसान इलाके में एक टावर के पास बने एक घर में उसे रखा गया था. उसे एनएच-19 किनारे कार से उतार कर बाइक पर ले जाकर उस घर में रखा गया था. शारदापल्ली से लेकर उस घर तक पहुंचने के लिए 12 घंटे तक पुलिस नकुल को लेकर इलाके में घूमती रही. आखिरकार नकुल पुलिस को उस घर तक ले जाने में सफल रहा, जहां उसे बंधक बनाकर रखा गया था. यह घर आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के मौजूड़ी गांव में था.

मुमताज के घर में रखा गया था नकुल को

मौजूड़ी गांव का घर मुमताज के नाम पर था. मुमताज की जहांगीरी मोहल्ले में पान की दुकान है. उसने यह घर मोहम्मद परवेज को किराये पर दिया था. पुलिस ने परवेज को ढूंढ निकाला और पूरे मामले का खुलासा हो गया. परवेज ने कांड से जुड़े सारे लोगों के नाम उगल दिये और एक के बाद एक बंगाल के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो गयी. जामताड़ा (झारखंड) जिले के दो आरोपियों के घर और संभावित ठिकानों पर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, इनकी गिरफ्तारी होने पर अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है.

किंगपिन हो सकता है शौकत

पुलिस के अनुसार झारखंड में इस अपहरण की योजना बनी थी. झारखंड के आरोपियों ने बंगाल में कांड को अंजाम देने के लिए इसीएल के सुरक्षा कर्मी मेहताब आलम से संपर्क किया. मेहताब ने फिर पूरी टीम बनायी. जिसमें मोहम्मद परवेज के घर में अपहृत को रखना, मोहम्मद सिराज की गाड़ी लेना, और मेहताब द्वारा खुद कार ड्राइव करना तय किया गया. कार चालक मेहताब ने सौरभ कुमार को अपने साथ जोड़ लिया. इसमें जामताड़ा के दो लोग भी शामिल थे. आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र में एनएच-19 पर अपहृत को कार से उतार कर बाइक पर चढ़ाया गया. यह बाइक सौरभ और सिराज चलाकर उसे घर तक ले गये. मध्यरात्रि में जब नकुल को छोड़ा गया, उस समय भी ड्राइवर मेहताब और सौरभ ने उसे ले जाकर छोड़ा था. नकुल आसनसोल आ रहा है, इसकी खबर भी उन्हें पहले से मिल गयी थी. नकुल के साथ उस दिन आसनसोल उसके मामा और उनके दोस्त शौकत अंसारी आये थे. पुलिस शौकत की तलाश कर रही है, वह फरार है. कांड का किंगपिन उसे ही माना जा रहा है.

पैसा न मिलने पर जान से मार देने का भी हुआ था निर्णय

अपहरण के बाद फिरौती को लेकर नकुल के मोबाइल फोन से उसके घरवालों को लगातार फोन किया जा रहा था. फिरौती की रकम 25 लाख से 10 लाख रुपये पर वे लोग उतर गये. उसके बाद भी रकम देने में उसके घरवाले आनाकानी कर रहे थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके बाद अपहर्ताओं ने नकुल को जान से मार देने का प्लान बनाया. लेकिन कुछ समय के लिए इस प्लान को होल्ड पर रखा. नकुल की तबीयत बिगड़ गयी थी. सबेरे से उसे कुछ खाना नहीं मिला था. सिर्फ बिस्कुट दिया गया था. उसके पेट में काफी तेज दर्द था. उसे स्थानीय एक चिकित्सक से दवा लाकर दिया गया. पुलिस की दबिश की वजह से उसे मुक्त कर दिया गया अन्यथा कुछ भी हो सकता था.

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