कोयला तस्करी कांड में 25 को होगा चार्ज फ्रेम सभी आरोपियों की सशरीर उपस्थिति का आदेश

कोयला तस्करी मामले में आखिरकार सोमवार को चार्ज फ्रेम को लेकर बहस की प्रक्रिया पूरी हो गयी. 14 नवंबर को सरकारी पक्ष के वरिष्ठ लोक अभियोजक राकेश कुमार ने आरोपियों पर लगे आइपीसी की धारा 379/411/413/ 414/409/420/471/120बी तथा भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7/8/13(2) के पक्ष में अपनी दलील अदालत में पेश की थी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2024 9:31 PM

आसनसोल. कोयला तस्करी मामले में आखिरकार सोमवार को चार्ज फ्रेम को लेकर बहस की प्रक्रिया पूरी हो गयी. 14 नवंबर को सरकारी पक्ष के वरिष्ठ लोक अभियोजक राकेश कुमार ने आरोपियों पर लगे आइपीसी की धारा 379/411/413/ 414/409/420/471/120बी तथा भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7/8/13(2) के पक्ष में अपनी दलील अदालत में पेश की थी. जिसपर सोमवार को बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें दीं. अदालत ने बचाव पक्ष के दलीलों को दरकिनार करते हुए अगली तारीख 25 नवंबर को चार्ज फ्रेम करने का दिन निर्धारित किया. इस मामले में कुल 50 आरोपी हैं. जिनमें सरकारी कर्मचारी, निजी कंपनी, लाला व उसके सहयोगी, यानी कुल तीन केटेगरी हैं. उक्त धाराओं को अलग-अलग केटेगरी के लिए अलग-अलग लगाया गया है. 25 तारीख को सभी आरोपियों को अदालत में सशरीर उपस्थित रहने को कहा गया है. अदालत इस दिन सभी आरोपियों को उनपर लगे आरोप बतायेगी. जिसके बाद उनसे पूछा जायेगा कि क्या वे इन आरोपों को स्वीकार करते हैं? हर किसी का जवाब यही होता है कि वह दोषी नहीं है. जिसके उपरांत अगली तारीख से मामले का ट्रायल शुरू हो जायेगा. अदालत इस मामले में ट्रायल शुरू करने को लेकर काफी तत्पर है. आरोपपत्र दाखिल करने में देर होने पर अदालत ने सीबीआइ को कई बार फटकार लगायी है. अदालत ने यह कहा था कि जांच की प्रक्रिया अनंतकाल तक नहीं चल सकती है. एक माह के अंदर ही अदालत ने 14 से 25 नवंबर के बीच तीन तारीखें दे दी. इससे यह बात सामने आयी है कि अदालत इस मामले में जल्द से जल्द ट्रायल शुरू करना चाहती है. गौरतलब है कि 27 नवंबर 2020 को सीबीआइ-एसीबी कोलकाता की टीम ने अवैध कोयला खनन और कारोबार को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. जांच के बाद सीबीआइ ने एक मुख्य और दो पूरक आरोप पत्र दाखिल किये हैं. मुख्य आरोपपत्र में 41, प्रथम पूरक आरोपपत्र में दो और दूसरे पूरक आरोपपत्र में सात को आरोपी बनाया गया है. कुल 50 में से 12 सरकारी कर्मचारी, 10 कंपनी और 28 लोग हैं जिनमें लाला व उसके सहयोगी शामिल हैं. इनमें से एक सरकारी कर्मचारी की मौत हो चुकी है और एक आरोपी फरार है. कुल 48 ही हैं.

सभी की मिलीभगत से चल रहा था अवैध कोयले का यह कारोबार, दी दलील

कोयले का यह अवैध कारोबार सभी आरोपियों की मिलीभगत से चल रहा था. सरकारी पक्ष के वरिष्ठ लोक अभियोजक के इस दलील का बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने खंडन किया, लेकिन अदालत ने इसे दरकिनार कर दिया. 25 नवंबर को आरोपियों पर चार्ज फ्रेम के दौरान यह देखना है कि अदालत ने किस पर क्या आरोप तय किये.

लाला है अकेले जिस पर 8 धाराओं में लग सकता है आरोप, 25 नवंबर का इंतजार

कोयला तस्करी कांड का मुख्य आरोपी अनूप माजी उर्फ लाला को माना गया है. हालांकि इस मामले में लाला की गिरफ्तारी नहीं हुई. उसके सभी सहयोगियों, सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई. लाला को सर्वोच्च न्यायालय से रक्षा कवच मिला हुआ है. इस कांड में लाला के खिलाफ आइपीसी की धारा 379/411/413/414/409/ 420/471/120बी और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा आठ के तहत आरोप तय हो सकता है.

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