कारखाने में श्रमिक की मौत के बाद मुआवजे व नौकरी की मांग पर शव को लेकर प्रदर्शन
बीमार होने के कारण काफी दिनों तक आसनसोल के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. बुधवार शाम को उसकी मौत हो गयी.
जामुड़िया. जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र के शेखपुर मोड़ के निकट स्थित कैलेस्टर नामक एक निजी कारखाने में काम करने वाले एक आदिवासी मजदूर की मौत के बाद स्थानीय माझीपाड़ा के ग्रामीणों ने फैक्टरी गेट जाम करके प्रदर्शन किया. मृत श्रमिक के परिजनों को मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करते हुए मृतक के शव को गेट के बाहर रखकर प्रदर्शन किया गया. शेखपुर माझीपाड़ा निवासी मोहन सोरेन ने बताया की मृत श्रमिक शिबू टुडू (35) कारखाने का स्थायी श्रमिक था. फैक्टरी में काम करने के दौरान वह अस्वस्थ हो गया था. बीमार होने के कारण काफी दिनों तक आसनसोल के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. बुधवार शाम को उसकी मौत हो गयी. मृतक की पत्नी लखी टुडू सहित माझी पाड़ा के लोगों ने रात से ही फैक्टरी गेट के पास शव को रखकर मुआवजे की मांग करते हुए गेट जाम कर दिया. मृत श्रमिक शिबू टुडू के दो छोटे बच्चे हैं तथा परिवार में कमाने वाला केवल वही था. उसकी मौत से पूरा परिवार बेसहारा हो गया है. प्रबंधन से मांग की गयी है कि मृतक के परिजन को उचित मुआवजा सहित मृतक की पत्नी को कारखाने में काम देना होगा. उल्लेखनीय है कि आदिवासी समुदाय के लोगों ने बुधवार रात से गुरुवार दोपहर दो बजे तक गेट के समक्ष शव को रखकर गेट जाम कर प्रदर्शन किया. खबर पाकर जामुड़िया थाने की पुलिस ने कारखाने में पहुंच कर फैक्टरी प्रबंधन के साथ वार्ता कर लोगों को समझा-बुझा कर गेट से जाम हटाया. इस दौरान मृतक के परिजन को फैक्टरी नियमों के तहत मुआवजा देने सहित एक आश्रित को नौकरी देने पर सहमति बनी.
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