स्टील फैक्टरी में मौत के बाद मुआवजे के लिए श्रमिकों का प्रदर्शन

मंगलवार रात हुए हादसे में बुरी तरह जख्मी होने पर उसे पहले आसनसोल जिला अस्पताल और फिर दुर्गापुर के निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां बुधवार रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2025 1:09 AM

दुर्गापुर के निजी अस्पताल में श्रमिक ने तोड़ा दम अंत्येष्टि के लिए 50 हजार, 10 लाख का मुआवजा व आश्रित को मिलेगी नौकरी घटना की जांच में जुटा श्रम विभाग जामुड़िया. इकड़ा के शेखपुर स्थित मान स्टील फैक्टरी में भारी लोहे का एंगल गिरने से सोनू सिंह(32) नामक श्रमिक की मौत के बाद श्रमिक संगठन के नेतृत्व में पीड़ित परिवार को मुआवजा व एक आश्रित को नौकरी की मांग कर प्रदर्शन किया गया. सोनू सिंह आसनसोल उत्तर थाना क्षेत्र के गिरमिट 10 नंबर कोलियरी का निवासी था और मान स्टील से ठेकेदार के अधीन जुड़ा था. मंगलवार रात हुए हादसे में बुरी तरह जख्मी होने पर उसे पहले आसनसोल जिला अस्पताल और फिर दुर्गापुर के निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां बुधवार रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन और नगर निगम के बोरो तीन के चेयरमैन उत्पल सिन्हा कारखाने पहुंचे और फिर पी़ड़ित परिवार से जाकर हमदर्दी जतायी. कहा कि घटना के लिए कारखाना प्रबंधन जिम्मेदार है. मांग की कि शोकाकुल परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये. श्रमिक संगठन का आरोप है कि कारखाने में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं. आरोप लगाया कि फैक्टरी प्रबंधन की लापरवाही से सोनू सिंह की मौत हुई है. काफी देर के बाद कारखाना परिसर में अधिकारियों के साथ बैठक में तय हुआ कि मृतक की अंत्येष्टि के लिए 50 हजार रुपये दिये जायेंगे. वहीं, परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी दी जायेगी. इस घटना के बाद श्रम विभाग ने कारखाने में जांच शुरू कर दी है. श्रम विभाग जांच करके देख रहा है कि हादसा कैसे हुआ और क्या कारखाना प्रबंधन की कोताही है. हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. क्या कारखाने में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था है, क्या श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण दिये जाते हैं, क्या कारखाना प्रबंधन श्रमिक सुरक्षा को लेकर गंभीर है. इन सवालों के जवाब तभी मिल पायेंगे, जब श्रम विभाग की पड़ताल पूरी होगी. वहीं मान स्टील में हुई इस घटना ने एक बार फिर कारखानों में सुरक्षा के मुद्दे को उठा दिया है. यह जरूरी है कि सभी कारखाने मालिक श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और सरकार भी इस मामले में सख्त कदम उठाए.

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