दिव्यांग महिला कर्मचारी के साथ की गयी धक्का मुक्की, लगे नारे
केएनयू बना अखाड़ा, छात्र व शिक्षकों के बीच झड़प, वीसी का आरोप
आसनसोल. काजी नजरुल विश्वविद्यालय (केएनयू) में शुक्रवार को शिक्षक, गैर शिक्षण कर्मचारियों के साथ छात्रों का भारी हंगामा हुआ. छात्र पक्ष की ओर से तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के जिलाध्यक्ष का आरोप है कि शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों ने छात्रों पर हमला किया. वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे है, कुलपति (वीसी) के आने के बाद हंगामा हुआ. कुलपति डॉ. देबाशीष बंधोपाध्याय ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को विश्वविद्यालय में फाउंडेशन डे का कार्यक्रम चल रहा था.
इसी दौरान 30-40 बाहरी आपराधिक तत्वों ने आकर कार्यक्रम में खलल डाला और विरोध करने पर शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की. इस दौरान एक दिव्यांग महिला कर्मचारी के साथ काफी ज्यादती की गयी. उसके शरीर में हाथ दिया गया और उनकी बैसाखी छीनकर उन्हें धक्का देकर गिरा दिया गया. जिसमें उन्हें चोट लगी है. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. हंगामा करनेवालों ने जय बांग्ला-जय बांग्ला के साथ आरजी कर बना देंगे-आरजी कर बना देंगे का नारा दिया. जिससे महिला शिक्षक और कर्मचारी काफी डरे-सहमें हुए हैं. पुलिस से शिकायत की गयी है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने बताया कि शिकायत के आधार पर उचित कार्रवाई की जायेगी.गौरतलब है कि केएनयू में टीएमसीपी के बैनर तले गत आठ जुलाई से आंदोलन चल रहा है. उनकी मांग है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अदालती मुकदमों पर जो भी राशि खर्च की है, उसका हिसाब देना होगा. यह राशि विद्यार्थियों की फीस की है और इसे विद्यार्थियों के हित में खर्च करना होगा. जो भी राशि अदालती कार्रवाई पर खर्च हुई है उसे विश्वविद्यालय के फंड में वापस जमा करना होगा. कुलपति, रजिस्ट्रार के कार्यालय में ताला जड़ दिया गया था. रजिस्ट्रार के कार्यालय का ताला तो अभिभावकों ने आकर तोड़ दिया और तब से यहां ताला नहीं लगा. इस आंदोलन के बीच पहली बार 29 जुलाई को कुलपति अपने कार्यालय आये. इतने दिनों तक वह घर में ही बैठकर कार्य कर रहे थे. कार्यालय आने पर काफी हंगामा हुआ और चार घंटे तक घेराव रहने के बाद वह वापस लौट गये. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ धक्कामुक्की हुई. उसके बाद वह फिर विश्वविद्यालय नहीं आये और घर से ही कार्य कर रहे हैं. शुक्रवार को फाउंडेशन डे और एसयूसीआइ की हड़ताल के दौरान राज्य सरकार के विशेष निर्देश पर कुलपति विश्वविद्यालय में आये. हॉल में फाउंडेशन डे का कार्यक्रम चल रहा था, इसी दौरान 30-40 की संख्या में छात्र आये और हंगामा शुरू हो गया. कुलपति के अनुसार सारे बाहरी आपराधिक तत्व थे, जिन्होंने शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों पर हमला किया.
शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों ने गेट पर बैठकर किया आंदोलन
छात्र और शिक्षक तथा गैर शिक्षण कर्मचारियों के बीच शुक्रवार को विश्वविद्यालय के फाउंडेशन डे पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान झड़प में दिव्यांग महिला कर्मचारी के घायल होने का आरोप है. महिला कर्मचारी का आरोप है कि उनके शरीर को छुआ गया, उनका दुपट्टा फाड़ दिया गया और बैसाखी छीनकर उन्हें धक्का दे दिया गया. इस घटना के विरोध में शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मियों ने विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर बैठकर आंदोलन शुरू कर दिया. महिला कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार क्यों हुआ? पुलिस प्रशासन जवाब दो, का नारा लगाने लगे. कुलपति के चालक ने बताया कि उसके साथ भी मारपीट हुई.
टीएमसीपी का आरोप है कि शिक्षकों ने छात्रों पर किया हमला
टीएमसीपी के जिलाध्यक्ष अभिनव मुखर्जी ने कहा कि जो घटना हुई है वह काफी निंदनीय है. कुछ गैर शिक्षण कर्मचारी गुंडों के तरह काम करते हैं. हर बार ही छात्रों पर हमला किया जाता है. शुक्रवार को एक महिला कर्मचारी को आगे रखकर छात्रों पर हमला किया गया. कुलपति के चालक भी एक छात्र को मुक्का मारते हुए दिखे. कुलपति और रजिस्ट्रार इस तरह की गुंडागर्दी यदि शुरू करते हैं तो अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की जायेगी. आगामी दिनों में कुलपति के घर का घेराव किया जायेगा. कुलपति बहुत दिनों बाद आये, आंदोलनरत छात्रों ने विरोध जताया, इसी दौरान छात्रों पर हमला किया गया.
जिसमें शिक्षक भी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है