सिलिकोसिस डायग्नॉस्टिक बोर्ड की मीटिंग में चिह्नित किये गये पांच नये संदिग्ध मरीज
'अखबार नहीं आंदोलन' के अपने नारे को शिल्पांचल में प्रभात खबर ने फिर एक बार चरितार्थ कर दिया. पहली बार प्रभात खबर ने यह मुद्दा उठाया और 21 दिसंबर 2024 को सालानपुर प्रखंड के अल्लाडी ग्राम पंचायत अंतर्गत बराभुईं गांव के निवासी व सिलिकोसिस के संदिग्ध मरीज सुबल राय की मौत को लेकर विस्तृत खबर प्रकाशित की. जिलाधिकारी एस पोन्नमबालम ने मामले को गंभीरता से लिया और सिलिकोसिस को लेकर जिला में हलचल शुरू हो गयी.
आसनसोल.
”अखबार नहीं आंदोलन” के अपने नारे को शिल्पांचल में प्रभात खबर ने फिर एक बार चरितार्थ कर दिया. पहली बार प्रभात खबर ने यह मुद्दा उठाया और 21 दिसंबर 2024 को सालानपुर प्रखंड के अल्लाडी ग्राम पंचायत अंतर्गत बराभुईं गांव के निवासी व सिलिकोसिस के संदिग्ध मरीज सुबल राय की मौत को लेकर विस्तृत खबर प्रकाशित की. जिलाधिकारी एस पोन्नमबालम ने मामले को गंभीरता से लिया और सिलिकोसिस को लेकर जिला में हलचल शुरू हो गयी. 18 दिनों के अंदर ही स्क्रीनिंग कैंप, मरीजों की त्रिस्तरीय जांच के बाद चार की पहचान सिलिकोसिस मरीज के रूप में हुई और उन्हें सिलिकोसिस बीमारी से आक्रांत होने का सरकारी प्रमाणपत्र भी मिला. मामला यहीं नहीं रुका, इस बीमारी को रोकने और पूरे जिले में मरीजों की पहचान करने के लिये प्रयास तेज हो गया. बुधवार को जिलाधिकारी पोन्नमबालम.एस की अध्यक्षता में पहली बार जिला में स्थित पब्लिक सेक्टर इकाइयों डीवीसी, सेल आइएसपी, डीएसपी, प्राइवेट सेक्टर में स्पॉन्ज आयरन, ब्रिकफील्ड और रिफैक्ट्रीज आदि उद्योगों के प्रतिनिधियों को लेकर सिलिकोसिस अवेयरनेस वर्कशॉप का आयोजन हुआ. जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्कशॉप में सभी उद्योगों से जुड़े लोगों को बताया गया कि सिलिकोसिस क्या है? यह कैसे होता है? और इसे कैसे रोका जा सकता है? बैठक में सभी एडीएम, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व संबंधित अन्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे. इसी दिन जिला अस्पताल में सिलिकोसिस डायग्नोस्टिक बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें पांच नये संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई. जिसमें एक महिला भी है. इनमें रानीगंज और जामुड़िया इलाके के दो-दो तथा कुल्टी इलाके का एक मरीज है. इन सभी की और भी कुछ जांच होगी. जिसके रिपोर्ट के आधार पर अगली बोर्ड की बैठक में निर्णय होगा कि इनमें से कितने सिलिकोसिस के मरीज हैं और कितने तपेदिक के.गौरतलब है कि सालानपुर प्रखंड अल्लाडी ग्राम पंचायत अंतर्गत रामडी गांव के निवासी व पेशे से निजी शिक्षक अमरनाथ महतो लंबे समय से सिलिकोसिस बीमारी को लेकर पीड़ितों के हक के लिए लड़ रहे हैं. दो मामले भी उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में किया है. उनकी आवाज सही तरीके से प्रशासन तक नहीं पहुंच पा रही थी. इस दौरान कथित तौर पर सिलिकोसिस से पीड़ित उनके पास के बराभुईं गांव के निवासी जगन्नाथ राय की मौत हो गयी. श्री महतो के अनुसार इस मामले को कुछ अधिकारियों ने मिलकर दबा दिया. 20 दिसंबर 2024 को कथित तौर पर सिलिकोसिस आक्रांत दूसरे व्यक्ति सुबल राय की मौत हो गयी. श्री महतो ने प्राभात खबर से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी. 21 दिसंबर को सिलिकोसिस के मुद्दे पर प्राभात खबर में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई और उसके बाद काफी कुछ बदल गया. श्री महतो के अनुसार सिलिकोसिस को लेकर आज जिला में जो कुछ भी हो रहा है, वह प्राभात खबर के कारण संभव हुआ.
खबर प्रकाशित होने के बाद कब-कब क्या-क्या हुआ
सिलिकोसिस को लेकर प्रभात खबर ने 21 दिसंबर से पांच फरवरी के बीच कुल 10 बार इस मुद्दे पर खबर प्रकाशित की है. 21 दिसंबर को पहली बार खबर प्रकाशित होने के बाद 23 दिसंबर को जिला से एक मेडिकल टीम बराभुईं गांव में मृतक सुबल राय के घर पर गयी और पूरी स्थिति की जानकारी ली. 25 दिसंबर को अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) ने जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) से पूरे मामले में रिपोर्ट 10 दिनों के अंदर पेश करने का आदेश जारी किया. तीन जनवरी 2025 को गांव में स्क्रीनिंग कैंप लगा. जिसमें 32 लोगों की जांच हूई. यहां से 20 लोगों को ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर जांच की गयी. जिसमें से छह लोगों को संदिग्ध पाया गया. जिला अस्पताल में इनकी और भी कुछ जांच हुई. जिसमें पांच को संभावित माना गया. आठ जनवरी को सिलिकोसिस डायग्नोस्टिक बोर्ड की बैठक में चार लोगों को सिलिकोसिस की पुष्टि हुई. जिन्हें सरकारी प्रमाण पत्र भी मिला. इससे पहले जिला में अबतक सिर्फ एक मरीज की ही पुष्टि हुई थी. वह कुल्टी इलाके का निवासी था. जिसकी मौत हो चुकी है. प्रभात खबर के आवाज उठाने के बाद 18 दिनों में चार नये मरीजों की पुष्टि हो गयी. बुधवार को बोर्ड की बैठक में पांच संदिग्ध मरीजों का रिपोर्ट भी पेश हुआ.फैक्टरी एक्ट के तहत हर उद्योग में श्रमिकों की सेहत को देनी होगी तवज्जो : डीएम
बुधवार को सिलिकोसिस को लेकर जिला में पहली बार अयोजिति अवेयरनेस वर्कशॉप में जिलाधिकारी ने फैक्ट्री एक्ट के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि श्रमिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी. उनके स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता है. प्रदूषण विभाग के नियमों को सख्ती से पालन करना होगा. क्रिस्टलीय सिलिका के बारीक कणों का फेफड़े में जमा होने से यह बीमारी होती है. जिसका फिलहाल कोई इलाज नहीं है. ऐसे में इसे रोकना ही इसका बचाव है. सभी उद्योगों को नियमित अपने श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी. सरकारी व पब्लिक सेक्टर संस्थाओ में तो अपनी पूरी व्यवस्था होती है. निजी उद्योगों को इस दिशा में सजगता दिखानी होगी. जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न इलाकों में स्क्रीनिंग कैम्प किया जाएगा, जहां उद्योगों को अपने सभी श्रमिकों को लाकर जांच करवाने की जिम्मेदारी निभानी होगी. इसके अलावा नियमित अंतराल ओर सरकारी अस्पतालों में ले जाकर जांच करवाना होगा. सभी उद्योगों के प्रतिनिधियों ने इसपर अपनी सहमति व्यक्त की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है