आसनसोल
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पश्चिम बर्दवान जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने कहा कि 50 वर्ष पूर्व जब जनशिक्षा प्रसार अभियान की शुरुआत हुई थी तो लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का उदेश्य था. आज के समाज में तकरीबन हर वर्ग साक्षरता के प्रति जागरूक हो चुका है. शिक्षा का कोई विकल्प नहीं होता है. आज शिक्षा के बिना बेहतर जीवन की कल्पना भी अधूरी है. सभी के लिए पढ़ना लिखना जरूरी है. अपनी मातृभाषा के साथ दूसरी भाषाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो गया है. आज के आधुनिक युग में अंग्रेजी को सर्वाधिक महत्व मिल रहा है. लेकिन मातृभाषा के साथ प्रत्येक भाषा का बेसिक ज्ञान रखना आवश्यक है. जीवन के किसी भी मोड़ पर ज्ञान काम आ सकता है. शिक्षा का अर्थ सिर्फ पढ़ना लिखना जानने से नहीं है. आधुनिक जीवन शैली में कंप्यूटर साक्षरता, मोबाइल साक्षरता, बैंकिंग साक्षरता आज की बुनियादी आवश्यकता बन गयी है. इसलिए अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर सभी को शुभकामनाएं. श्री पोन्नमबलम ने रविवार को एडीडीए भवन के सभागार में अपने संबोधन के दौरान कही. पश्चिम बंगाल जन शिक्षा प्रसार और ग्रंथागार परिसेवा विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें पश्चिम बर्दवान जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम, एडीएम संजय पाल, एसडीएम विश्वजीत भट्टाचार्य, जिला परिषद सभाधिपति विश्वनाथ बाउरी आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है