सेल-आइएसपी के आधुनिकीकरण से खेत व पर्यावरण को नहीं होगी क्षति
प्रदूषण बोर्ड की आकलन रिपोर्ट के हवाले से अफसरों ने दिया भरोसा
बर्नपुर. बर्नपुर आसनसोल में सेल इस्को स्टील प्लांट की क्षमता को 2.5 से 7.1 एमटीपीए तक बढ़ाने और आधुनिकीकरण के लिए परियोजना के प्रस्ताव के मुद्दे पर मंगलवार को लोक-सुनवाई कार्यक्रम आयोजित हुआ. इससें पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अब्दुल बारी रोड स्थित भारती भवन में आधुनिकीकरण प्रक्रिया से पर्यावरण पर पड़नेवाले प्रभाव की आकलन रिपोर्ट जारी की गयी. बताया गया कि सेल-आइएसपी पहले इंडियन ऑयरन एंड स्टील कंपनी के नाम से जाना जाता था. आइएसपी की वर्तमान उत्पादन क्षमता 2.5 एमटीपीए से 2.7 एमटीपीए है. सेल आइएसपी के आधुनिकीरण के बाद उत्पादन क्षमता 7.1 एमटीपीए हो जायेगी. सेल-आइएसपी प्लांट का क्षेत्र औरआसपास के क्षेत्र को मिला कर कुल अधिकृत जमीन की परिसीमा 1165.58 हेक्टेयर है. जबकि प्लांट का विस्तार 611 हेक्टेयर है. उन्होंने प्लांट क्षेत्र में वायु की गुणवता, भूपृष्ठ, भूगर्भ जल के परिमाण, वायु प्रदूषण की मात्रा, मिट्टी की गुणवता, आर्थिक व सामाजिक रूपरेखा, वनस्पति व प्राणी, उत्सर्जन आदि पर विस्तृत जानकारी दी. आकलन रिपोर्ट के हवाले से नये प्लांट का विस्तार व आधुनिकीकरण अंदरूनी क्षेत्र में किया जायेगा. इसलिए खेतिहर भूमि व पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंचेगी. न्यूटाउन क्षेत्र में सीआरएम कंप्लेक्स बनाने की परियोजना है. वहां के पेड़-पौधों को यदि कोई क्षति होती है, तो आइएसपी के संबद्ध विभाग की ओर से पौधरोपण किया जायेगा. मौके पर पश्चिम बर्दवान के अतिरिक्त जिलाधिकारी (भूमि व राजस्व) अरण्या बनर्जी, आईएसपी के कार्यवाहक कार्यपालक निदेशक (मानस संसाधन विभाग) यूपी सिंह, कार्यपालक निदेशक परियोजना सुरजीत मिश्रा, पर्यावरण इंजीनियर सुदीप भट्टाचार्य, सीजीएम (नगर सेवा विभाग तथा सीएसआर) विनोद कुमार, सीएसआर के सीनियर मैनेजर दिनेश कुमार, यूनियन नेता हरजीत सिंह, मुमताज अहमद, आरएन सिंह, उत्पल सिन्हा, अजय राय आदि मौजूद थे. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया. लोक-सुनवाई कार्यक्रम में आइएसपी के परिधीय क्षेत्र में पांच किलोमीटर के दायरे में फैले इलाकों के लोगों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी दी. लोगों के सवालों के कार्यपालक निदेशक-परियोजना सुरजीत मिश्रा ने जवाब दिये. कहा कि लोक-सुनवाई में सबसे महत्वपूर्ण विषय रोजगार सृजन ही सामने आया है. बर्नपुर शिल्पांचल के सामाजिक विकास के साथ आर्थिक विकास जरूरी है. सेल-आइएसपी की आधुनिकीकरण परियोजना से जुड़े 1200 मजदूरों में एक हजार मजदूर स्थानीय हैं. साथ ही परियोजना के पूरा होने के बाद 8000 मजदूरों को संयंत्र में रोजगार मिलेगा. जबकि परियोजना के चलने के दौरान तकरीबन 15 हजार लोगों को कार्य मिलेगा. इसमें से 10 फीसदी उच्च प्रशिक्षित होंगे. बाकी प्रशिक्षित कर्मचारियों को ही नियुक्तियां मिलेंगी. सयंत्र की ओर से योग्यता विकास केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षण देकर नियुक्तियां की जायेंगी. साथ ही बर्नपुर के स्वास्थ्य केंद्र व समुदाय हॉल का जीर्णोद्धार भी किया जायेगा.
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