तृषा लिंग परिवर्तन के जरिये बनना चाहती है तृषान, डीएम से किया आवेदन

जिले के डीएम को इलमबाजार ब्लॉक कार्यालय की एक महिला कर्मचारी ने स्त्री से पुरुष बनने में सहयोग करने का आवेदन किया है. इसका पता चलते ही जिले में चर्चा का बाजार गर्म है. बताया गया है कि लिंग परिवर्तन यानी स्त्री से पुरुष बनने के लिए जद्दोजहद कर रही सरकारी कर्मचारी तृषा सिंह (24) ने डीएम से दरख्वास्त की है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 27, 2024 9:42 PM

बीरभूम. जिले के डीएम को इलमबाजार ब्लॉक कार्यालय की एक महिला कर्मचारी ने स्त्री से पुरुष बनने में सहयोग करने का आवेदन किया है. इसका पता चलते ही जिले में चर्चा का बाजार गर्म है. बताया गया है कि लिंग परिवर्तन यानी स्त्री से पुरुष बनने के लिए जद्दोजहद कर रही सरकारी कर्मचारी तृषा सिंह (24) ने डीएम से दरख्वास्त की है. इससे सिउड़ी सदर महकमा के सरकारी कर्मचारी हैरान हैं. तृषा से तृषान बनने को उत्सुक युवती ने लड़कों जैसे छोटे बाल कटा लिये हैं, दायें हाथ में कड़ा है, लड़कों जैसी पैंट-शर्ट पहन कर वह डीएम ऑफिस में आवेदन करने आयी थी. गुहार लगायी है कि वोटर लिस्ट में उसका नाम बदल कर तृषान सिंह राजपूत कर दिया जाये.

मालूम रहे कि इस समय मतदाता सूची में संशोधन चल रहा है. लेकिन लड़की से लड़का बनने की चाह रखनेवाले इस मतदाता की ऐसी गुहार से कैसे निपटा जाये, इसे लेकर जिला प्रशासन भी दुविधा में है. बीरभूम में पहली बार किसी ने ऐसा आवेदन किया है. फिलहाल जिला शासक कार्यालय के अधिकारियों ने आवेदक को बताया है कि प्रवेश फॉर्म क्रमांक-एक के लिए आवेदन तृतीय लिंग सूची में करना होगा. प्रशासन के सूत्रों की मानें, तो तृषा ने ऑनलाइन फॉर्म भरा है. इस आवेदन-पत्र में दी गयी जानकारी की स्थानीय बीडीओ जांच करेंगे और फिर अपनी राय देंगे.

यदि सब ठीक रहा, तो तृषा को वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव में अपने लड़की वाले दर्ज नाम से वोट नहीं देना पड़ेगा. बताया गया है कि जिले के इलमबाजार की तृषा सिंह की जिंदगी की कहानी कुछ अलग हो गयी है. अंदर से वह पुरुष है और बाहर से स्त्री. गत जुलाई में 24 वर्षीय वर्कर तृषा सिंह ने लिंग बदलने का फैसला किया. सब कुछ दुरुस्त रहा, तो तृषा जल्द ही तृषान सिंह राजपूत बन जायेगा.

सोशल मीडिया वॉल पर की घोषणा

अपने सोशल मीडिया वॉल पर तृषा ने घोषणा की, “मैं ईमानदारी से एक पुरुष की तरह महसूस करता हूं, पर एक महिला के रूप में पैदा हुआ हूं. ” तृषा के मुताबिक लिंग परिवर्तन कराने में काफी दर्द होता है, जिसे झेलने को वह तैयार है. ऐसा कराने के बाद उसे शांति व सुकूल मिलेगा. इलमबाजार जैसे देहाती इलाके की रहनेवाली तृषा में बचपन से ही लड़कों के लक्षण थे. तीन बहनों में वो सबसे बड़ी है. बेटी के लड़कों जैसे आचरण व पहनावे पर माता-पिता ने कभी आपत्ति नहीं की.

इलमबाजार ब्लॉक कार्यालय की महिला कार्यकर्ता तृषा सिंह बीते तीन साल से साड़ी पहन कर स्कूटी से अपने कार्यस्थल बीएसओके तक जाती है. पर पहनावे व रंग-ढंग से वह अंदर ही अंदर टूटती जा रही है. यही नहीं, मार्शल आर्ट में वह राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी है. बंगाल में भाला फेंक, गोला फेंक आदि स्पर्धाओं में भी धाक जमा चुकी है. एनसीसी कैडेट के रूप में चिकित्सीय सेवा भी की है. लेकिन अब इस रूप में और नहीं रहना चाहती. अब तृषा वही बनना चाहती है, जैसा वह बाहर से दिखाने लगी है. इलमबाजार ब्लॉक की इस सरकारी कर्मचारी ने वोट से पहले अपना नाम बदलवाने की पहल की है. तृषा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “बहुत जल्द मैं विभिन्न सर्जरी व हार्मोन थेरेपी के लिए जाऊंगी. स्वास्थ्य परीक्षण के साथ कई कानूनी प्रक्रियाओं से भी गुजरना पड़ेगा. मैं मनोवैज्ञानिकों से भी बात कर रही हूं. मेरे तन में पुरुष हार्मोन आने पर धीरे-धीरे मेरी दाढ़ी-मूंछें उगेंगी. मेरी आवाज लड़कों जैसी हो जायेगी. मेरा तन व मन दोनों बदल जायेंगे.

सरकारी नियमों के मुताबिक, तृषा को फिलहाल उसके आवेदन के आधार पर तीसरे लिंग की श्रेणी में डाला जायेगा. तृषा ने कहा, “जैसा डॉक्टर कहेंगे, वैसा ही मेरा तन ढलेगा. दो साल के अंदर मैं परिपूर्ण युवक में बदल जाऊंगी. लेकिन मैं इस यात्रा में खुशी तलाश रही हूं. मेरी यह इच्छा पूरी करने में माता-पिता, रिश्तेदार, सहकर्मी व दोस्त सभी साथ हैं. अब इंतजार है केवल सरकारी मोहर लगने की.

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