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पूर्व सेनाकर्मी की भूमि हड़पने का मामला गरमाया

पूर्व बर्दवान के बुदबुद थाना क्षेत्र के बुदबुद बाजार के पास तिलडांगा में पूर्व सेनाकर्मी अशोक कुमार सरकार की दो बीघा जमीन हड़पने का मामला गरमा गया है. पूर्व सैन्यकर्मी का आरोप है कि उनकी दो बीघा खेतिहर भूमि स्थानीय बुदबुद ग्राम पंचायत के उप-प्रधान रुद्रप्रसाद कुंडू उर्फ माना ने हड़प ली है और उन्हें तरह तरह से प्रताड़ित कर रहा है.

पानागढ़.

पूर्व बर्दवान के बुदबुद थाना क्षेत्र के बुदबुद बाजार के पास तिलडांगा में पूर्व सेनाकर्मी अशोक कुमार सरकार की दो बीघा जमीन हड़पने का मामला गरमा गया है. पूर्व सैन्यकर्मी का आरोप है कि उनकी दो बीघा खेतिहर भूमि स्थानीय बुदबुद ग्राम पंचायत के उप-प्रधान रुद्रप्रसाद कुंडू उर्फ माना ने हड़प ली है और उन्हें तरह तरह से प्रताड़ित कर रहा है. उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से शिकायत की है. हालांकि आरोपों को उप-प्रधान रुद्रप्रसाद कुंडू उर्फ माना ने बेबुनियाद बताया है. मालूम रहे कि अशोक कुमार सरकार कारगिल युद्ध में जख्मी सेवानिवृत्त सैनिक हैं. आरोपों के घेरे में बुदबुद ग्राम पंचायत का उप-प्रधान व तृणमूल नेता माना कुंडू ने सफाई दी कि उन्होंने जनहित में काम किया है. उधर, सत्ताधारी पार्टी के नेता के डर से पूर्व सैन्यकर्मी ने अपने परिवार की सुरक्षा की मांग पर मुख्यमंत्री व अभिषेक बनर्जी को मेल कर न्याय की गुहार लगायी है.

बुदबुद के सुकांतनगर की इस घटना में तृणमूल नेता की कथित दादागिरी का वीडियो पहले ही सोशल नेटवर्क में वायरल है. अशोक कुमार सरकार वर्ष 2003 में गोवा में मेजर सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उसके बाद अपने बेटों व पत्नी के साथ खुशी से दिन गुजारने की चाहत से उन्होंने बुदबुद में तिलडांगा चौराहे के पास दो बीघा भूमि खरीदी. उन्होंने राज्य सरकार के नियमानुसार सड़क के लिए तीन से चार फीट जमीन भी छोड़ दी थी.

इधर, बुदबुद ग्राम पंचायत के उप-प्रधान रुद्रप्रसाद कुंडू उर्फ माना ने उस भूमि को निजी स्वयंसेवी संस्था को देने की अर्जी लगा रखी है. लेकिन पूर्व सेनाकर्मी अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदी जमीन स्वयंसेवी संस्था को क्यों देंगे? इस सवाल पर माना कुंडू भड़क उठते हैं. माना कुंडू कथित तौर पर अशोक सरकार को उस भूमि पर अपना दावा छोड़ने को धमका रहे हैं. कहा जा रहा है कि अशोक सरकार ने अपने उत्पीड़न का वीडियो बना लिया है, जिसकी भनक आरोपी उप-प्रधान के साथियों को लग गयी है. यह भी कहा जा रहा है कि तब से अशोक सरकार को उनके सेलफोन पर बनाये गये वीडियो को डिलीट करने की भी घुड़की दी जा रही है.

मालूम रहे कि अशोक सरकार चार साल तक दिल्ली में एनएसजी कमांड फोर्स में थे, इस सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी को देश सेवा के लिए पुरस्कार मिल चुका है. इस जवान ने कारगिल युद्ध में भी देश के दुश्मन को शिकस्त देने में मोर्चे पर सहयोग किया था. अशोक सरकार घायल हो गये थे. अब उन्होंने मुख्यमंत्री से अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी है. सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी ने मेल के जरिये अभिषेक बनर्जी व जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों को भी पत्र लिखा है. पूरा सरकार परिवार डर के मारे रात को सो नहीं पा रहा है. मीडिया के समक्ष अपनी व्यथा सुनाते हुए अशोक सरकार व उनकी पत्नी राधारानी सरकार रो पड़े.

उधर, माना कुंडू का दावा है कि अशोक सरकार की भूमि का कुछ हिस्सा सरकारी विशेष जमीन भी है. उस हिस्से को ही उनसे छोड़ने को कहा गया है. पूर्व सैन्यकर्मी के कथित उत्पीड़न को लेकर अब पार्टी की किरकिरी हो रही है. विपक्षी दल के नेताओं का कहना है कि पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद तृणमूल के नेता पूर्व सेनाकर्मी की भूमि को हड़पने में लगे हैं. यह सरासर गुंडई है. फिलहाल यह मामला शहर में गरमा गया है. अलबत्ता, तृणमूल के कुछ बड़े नेताओं का कहना है कि जल्द ही मामला सुलझा लिया जायेगा.

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