कोरोना : 100 में चार मुर्गियां, फिर भी खरीदार नहीं
अब तक चैत्र सेल के दौरान बाजार में व्यवसायियों द्वारा कपड़ों व अन्य सामानों को बेचते हुए तो देखा है. लेकिन पहली बार चैत्र सेल में मुर्गियों की बिक्री होता देख लोग हैरत में पड़ गये. पूर्व बर्दवान जिले के विभिन्न इलाकों में वाहन में मुर्गियों को चैत्र सेल में बेचते देखा गया.
बर्दवान-पानागढ़ : अब तक चैत्र सेल के दौरान बाजार में व्यवसायियों द्वारा कपड़ों व अन्य सामानों को बेचते हुए तो देखा है. लेकिन पहली बार चैत्र सेल में मुर्गियों की बिक्री होता देख लोग हैरत में पड़ गये. पूर्व बर्दवान जिले के विभिन्न इलाकों में वाहन में मुर्गियों को चैत्र सेल में बेचते देखा गया. महज एक सौ रुपये में चार मुर्गियां बेची जा रही हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कोरोना के आतंक के कारण खरीदार उन्हें नहीं मिल रहा है. सस्ती मुर्गियों को ललचाती आंखों लोग देख तो रहे हैं लेकिन कोरोना की अफवाह के कारण लोग उसे खरीदने से डर रहे हैं.
मुर्गी व्यवसायी साने आलम खान ने बताया कि कोरोना वायरस के आतंक के कारण पोल्ट्री फार्म के व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. चैत्र माह को देखते हुए हमलोग एक सौ रुपये में चार मुर्गियां बेचने का बंपर ऑफर दे रहे हैं, इसके वाबजूद खरीदार भय से मुर्गियों को नही खरीद रहे हैं. 25 रुपए किलो के हिसाब से 1 किलो से ऊपर के साइज की मुर्गी हमलोग बेच रहे हैं. लोग भारी संख्या में एकत्र भी हो रहे हैं. कुछ लोग खरीद भी रहे हैं. लेकिन अधिकांश लोग मुर्गियों को देखने के बाद भी मन मसोसकर कोरोना के भय से नहीं खरीद रहे. हम पोल्ट्री फार्म के मालिकों को एक मुर्गी के पालन में 10 रुपये प्रतिदिन का करीब खर्च आ रहा है.
ऐसे में मुर्गी को 10 दिन तक पोल्ट्री फार्म में रखकर बड़ा करने में 100 रुपये से ज्यादा खर्च हो रहे हैं. भारी नुकसान के कारण मजबूरन मुर्गियों को एक किलो से ज्यादा वजन होने के बाद उन्हें बेचने के बाध्य हो रहे हैं. 25 रुपये प्रति किलो का ऑफर चैत्र सेल में हमलोग दे रहे हैं. लेकिन उसके बाद भी बाजार मंदा है. मुर्गी खरीद कर घर ले जाते ग्राहक प्रदीप मंडल, शहनाज बीवी, आशीष दास आदि ने बताया कि 100 रुपये में 4 किलो मुर्गी मिलना इससे पहले संभव नहीं था. बंपर ऑफर मिला है. इसलिए जमकर मुर्गी खाने के लिए हम लोगों ने खरीदारी की. अभी तक प्रशासनिक स्तर पर या चिकित्सकों द्वारा मुर्गी के मांस को लेकर कोई बयान या निषेधाज्ञा जारी नहीं की गई है. इसलिए निश्चित होकर इसका लाभ उठाया गया. व्यवसाई का कहना है कि यदि इसी तरह हालात रहे तो 100 रुपये में 5 से 6 किलो तक मुर्गी बेचना पड़ सकता है.