पैसा डबलिंग के साथ कम कीमत पर सोना बेचने के नाम पर लोगों को फंसाता था पृथ्वीराज गिरोह

बाजार मूल्य से आधी कीमत पर सोना देने का लालच देकर ग्राहक को फंसाते थे. ग्राहक जब सोना देखने आता था तो उसे असली सोना दिखाया जाता था.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2024 1:03 AM
an image

आसनसोल/दुर्गापुर. 1.01 करोड़ रुपये के दुर्गापुर लूटकांड में एक के बाद एक नये खुलासे हो रहे हैं. लूटकांड का मुख्य सरगना पृथ्वीराज ओसवाल गिरोह के सदस्य अनु मैसी ने पुलिस को बताया कि पैसा डबलिंग के साथ कम कीमत पर सोना बेचने के नाम पर लोगों को फंसाने का कार्य भी वे लोग करते थे. बाजार मूल्य से आधी कीमत पर सोना देने का लालच देकर ग्राहक को फंसाते थे. ग्राहक जब सोना देखने आता था तो उसे असली सोना दिखाया जाता था. मोलभाव होने के बाद असली के बजाय नकली सोना पैक करके दे देते थे, सोना लेकर निकलते ही रास्ते में फर्जी पुलिस की टीम उस व्यक्ति को पकड़ती थी और सारा सोना जब्त कर लेती थी. वह व्यक्ति पुलिस के पास भी नहीं जा सकता था. उसका सोना भी गया और पैसा भी गया. यदि पुलिस की रेड से वह व्यक्ति बच भी गया तो नकली सोना ले जाने के बाद इस गिरोह के सदस्यों को ढूंढ निकालना काफी कठिन होता है. ढूंढ निकालने पर भी सोना या पैसा निकालना करीब नामुमकिन होता है. इस प्रकार कई वारदातों को इन लोगों ने अंजाम दिया है, इसकी जांच में पुलिस जुटी है. अनु मैसी सालानपुर थाना क्षेत्र के आचड़ा इलाके का निवासी है. पुलिस उपायुक्त (ईस्ट) अभिषेक गुप्ता ने बताया कि दुर्गापुर लूटकांड में अनु मैसी को गिरफ्तार किया गया है. शनिवार को उसे अदालत में चालान कर पुलिस रिमांड पर लेने की अपील की जायेगी. रिमांड अवधि में अनु से इस गिरोह के अन्य और भी कारनामों की जानकारी मिलने की उम्मीद है. आरोपी पृथ्वीराज, अजय दास, प्रदीप रजक व अमित सिंह को भी गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम कार्य कर रही है. जल्द ही ये लोग पुलिस के गिरफ्त में होंगे.

गौरतलब है कि गत पांच सितंबर को दिल्ली के एक व्यवसायी मुकेश चावला से दुर्गापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-19 पर पियाला मोड़ के पास नाटकीय तरीके के 1.01 करोड़ रुपये की छिनताई हुई. जिसमें पुलिस की संलिप्तता भी सामने आयी और पुलिस अधिकारी भी गिरफ्तार हुआ. जांच के क्रम में पुलिस को एक के बाद एक नयी जानकारी मिल रही है. अनु मैसी को लेकर कुल 11 आरोपी अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं. अनु की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह का नया कारनामा सामने आया, जिसे लेकर पुलिस भी हैरान है कि यह गिरोह कितने प्रकार की वारदातों को अंजाम दे चुका है. मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बड़े खुलासे की उम्मीद है.

नया खुलासा: मुकेश को डबलिंग का पैसा मिलनेवाला था कोलकाता में, इससे पहले लूटा

कांड में गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस को मिल रही जानकारी के अनुसार मुकेश चावला ने 51 लाख रुपये डबलिंग करने के लिए दिया था. पृथ्वीराज के घर पर जिस काठ के बक्से में 1.01 करोड़ रुपये भरा गया था, उसमें 51 लाख रुपये मुकेश के थे, विश्वास जीतने के लिए 15 लाख रुपये अमित सिंह ने दिये थे. इसी अमित सिंह ने मुकेश को दिल्ली से फंसाकर यहां लाया था. 35 लाख रुपये पृथ्वीराज ने अपने दिये थे. यह सारा पैसा कोलकाता में जाकर डबल करने की बात थी. काठ के बक्से को मुकेश ने सील किया था. बक्से को पांच सौ रुपये के नोट से सील किया गया था. जिसका नंबर मुकेश के पास था. सारा पैसा बक्से में सील होने के दूसरे दिन कोलकाता के लिए सभी रवाना हुए थे. सील होने के बाद बक्सा एक दिन तक पृथ्वीराज के पास था. सूत्रों के अनुसार पृथ्वीराज ने बक्से से पैसा निकाल कर अंदर कुछ डालकर बक्सा जैसा था वैसा कर दिया, सील बरकरार रहा या फिर बक्सा बदल दिया और सील किया हुआ नोट दूसरे बक्से पर लगा दिया. मुकेश ने बक्से पर सील किया हुआ नोट का नंबर मिलाया और बक्से को गाड़ी में लेकर कोलकाता के लिए रवाना हो गया था. बक्से की दुर्गापुर में नाटकीय तरीके छिनताई हुई. नकली और असली पुलिस टीम ने मिलकर गाड़ी रोकी, मुकेश को और मनोज सिंह को जांच के लिए गाड़ी से बाहर उतारा, गाड़ी से उतरते ही ड्राइवर गाड़ी लेकर भाग गया.

पैसा डबलिंग और सोना देकर लूटने
का कार्य गिरोह ने जमकर किया

पैसा डबलिंग करने के कारनामे का खुलासा हो गया है, पृथ्वीराज गैंग के सदस्य अनु मैसी की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हुआ. पूरे देशभर में इस गैंग के लोग कम कीमत पर सोना देने के लिए ग्राहक फंसाते हैं. ग्राहक फंसाने पर एजेंट को कुल राशि का पांच प्रतिशत कमीशन मिलता है. बहुत सारे लोग लालच में खुद को इनसे अधिक चतुर समझकर इनके पास चले आते हैं. सोने की कीमत बाजार भाव से करीब आधी होती है. सोना पूरी तरह से जांच के बाद ही ग्राहक उसपर मोलभाव करता है. बात बन जाने पर सोने को बॉक्स में पैक कर दिया जाता है. खेल यहीं पर होता है, असली सोना गायब करके बॉक्स में नकली सोना भर दिया जाता है. ग्राहक पैसे का भुगतान करके सोना लेकर जैसे ही निकलता है, रास्ते में फर्जी पुलिस की टीम छापेमारी कर सोना जब्त कर लेती है और गिरफ्तार से बचने के लिए पैसे भी वसूल लेती है. वह व्यक्ति पुलिस के पास कभी नहीं जाता है.

राजू दत्ता के पास से निकले कई बैंक खाते, जो नहीं हैं उसके नाम पर

सालानपुर थाना क्षेत्र के जोरबाड़ी इलाके के निवासी राजू दत्ता जिसे पुलिस ने इस कांड में गिरफ्तार किया और दूसरी बार रिमांड पर लिया है, उसकी जांच में पता चला कि उसके पास कई बैंक खाते हैं. ये सारे खाते गरीब व दिहाड़ी श्रमिकों के नाम पर बनाये गये हैं, जिसका पूरा संचालन इसके पास रहता है. इन खातों में काफी पैसों0 का लेनदेन भी हुआ है. राजू ने ही पृथ्वीराज और अजय दास को यहां से यूपी ले जाकर छोड़ा था और कांड में इस्तेमाल कार को लावारिस हालत में रूपनारायणपुर में डीएवी स्कूल के पीछे छोड़ दिया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version