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आश्वासन के बावजूद जारी नहीं हुआ 2.56 लाख संशोधित पीपीओ

कोल इंडिया लिमिटेड के 5.96 लाख पूर्व कर्मचारियों के पेंशन को लेकर सीएमपीएफओ की ओर से संशोधित पेंशन पेमेंट ऑर्डर(पीपीओ) जारी करने का मुद्दे पर लगातार आश्वासन फेल होने पर कोल एम्प्लॉइज फोरम की ओर से तीन सितंबर 2024 को आंदोलन की तैयारी की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2024 9:14 PM

आसनसोल.

कोल इंडिया लिमिटेड के 5.96 लाख पूर्व कर्मचारियों के पेंशन को लेकर सीएमपीएफओ की ओर से संशोधित पेंशन पेमेंट ऑर्डर(पीपीओ) जारी करने का मुद्दे पर लगातार आश्वासन फेल होने पर कोल एम्प्लॉइज फोरम की ओर से तीन सितंबर 2024 को आंदोलन की तैयारी की गयी है. फोरम की ओर से सीएमपीएफओ कार्यालय को ई-मेल के जरिये यह सूचना दी गयी कि दोपहर 12:00 बजे वे लोग इस समस्या के समाधान को लेकर कार्यालय में जमा होंगे. मालूम रहे कि इससे पहले भी उक्त मुद्दे पर अनेकों बार बैठक हुई है. लेकिन समस्या के समाधान की दिशा में ठोस पहल नहीं की जा रही है. इससे कोल इंडिया के पूर्व कर्मचारी और उनके आश्रितों को भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. मार्च 2024 तक 2.56 लाख पेंशन के लाभुकों या लाभार्थियों का संशोधित पीपीओ तैयार करना था, जिसे लेकर अब तक कोई कार्य नहीं किया गया है.

गौरतलब है कि पूर्व कोयला कर्मचारियों और उनके आश्रितों को किसी कार्यालय के चक्कर लगाये बिना पेंशन दूसरे महीने से तुरंत मिलने लगे, इसे लेकर सीएमपीएफओ को संशोधित पीपीओ बैंकों को देना होगा. बैंक को पूरा डेटा मिल जाने से पेंशन तुरंत शुरू हो जायेगी. उसके लिए पूर्व कर्मचारी अथवा, उसके आश्रित को कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी. इस संबंध में फोरम के अध्यक्ष विमान मित्रा ने बताया कि मुद्दे को लेकर सीएमपीएफओ के आयुक्त, सहायक आयुक्त आदि के साथ अनेकों बार बैठक हो चुकी है. पहले उन लोगों ने कहा कि सभी पूर्व कर्मचारियों के डेटा उनके पास नहीं होने के कारण कार्य काफी धीमी या मंथर गति से चल रहा है. इस मुद्दे पर कोल इंडिया के अधिकारियों के साथ बैठक करके सभी कर्मचारियों का ब्योरा उसके आश्रित के नाम के साथ सीएमपीएफओ को मुहैया कराने की बात हुई. कंपनी ने सारा डेटा मुहैया करा दिया है. कंपनी के पास कर्मचारी का पूरा ब्योरा होता है. जैसे ही कोई कर्मचारी अवकाश ग्रहण करता है, उसे हर प्रकार के फॉर्म भर कर कंपनी के पास जमा देना होता है. इसमें पेंशन का भी फॉर्म होता है, जिसमें आश्रित का पूरा विवरण होता है.

आरोप है कि सीएमपीएफओ के अधिकारी, कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं. बैंक में संशोधित पीपीओ जमा नहीं होने से कर्मचारी के आश्रित को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. समस्या के समाधान के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में शिविर भी लगाया जाता है, लेकिन जो श्रमिक अथवा, आश्रित यहां से हजार किलोमीटर दूर रहता है, वह एक-दो बार चक्कर लगाने के बाद फिर नहीं आता है और अपनी पेंशन छोड़ कर संतोष कर लेता है. ऐसे पूर्व कर्मचारी के आश्रितों की संख्या 20 हजार से अधिक हो गयी है. सीएमपीएफओ कार्यालय की कथित उदासीनता से पूर्व कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है. इसे लेकर पूर्व कर्मचारियों ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है.

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