पश्चिम बंगाल में सीबीआई हिरासत में बागतुई नरसंहार मामले के मूल आरोपी लालन शेख की अस्वाभाविक मौत के मामले की जांच सीआईडी करेगी. गौरतलब है कि सीआईडी को उक्त मामले से हटाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने उक्त मामले को खारिज करते हुए बागतुई नरसंहार के मूल आरोपी लालन शेख की मौत के मामले को सीआईडी द्वारा ही जांच को बहाल रखा गया है. लालन शेख की मौत की न्यायिक जांच का अनुरोध खारिज कर दिया गया है.
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फिलहाल, कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के आदेश की जांच सीआईडी ही करेगी.लालन शेख की सीबीआई हिरासत में मौत पर राज्य में हंगामा मच गया था. सीबीआई अधिकारियों ने दावा किया कि यह आत्महत्या थी, लेकिन परिवार का आरोप है कि लालन की हत्या की गई है. लालन की मौत को लेकर कोर्ट में केस भी फाइल किया गया है. इस घटना में वकील सब्यसाची चटर्जी ने जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा, सीआईडी और सीबीआई के बीच टकराव था और है. बागतुई में हुई घटना के पीछे साजिश थी.
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बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सब्यसाची चटर्जी द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया. बताया गया है कि सीआईडी की जांच जारी रहेगी. यानी जांच जैसी चल रही है, वैसे ही चलती रहेगी. गौरतलब हो कि 21 मार्च को तृणमूल नेता तथा उप प्रधान भादू शेख की उनके घर के सामने हत्या कर दी गई थी. हत्या के समय भादू लालन के साथ था. भादू की हत्या के बाद बागतुई गांव में नरसंहार हुआ था. लालन को इस नरसंहार मामले में मूल आरोपी के रूप में शामिल होने के मामले में नौ महीने बाद 3 दिसंबर को झारखंड से गिरफ्तार किया गया था.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़