मंदारमणि में नहीं चलेगा बुलडोजर तो जामुड़िया में कैसे चलेगा?
अब वर्षों बाद पुनः पैसा वसूलने का रास्ता चालू कर रहे हैं.
आसनसोल/जामुड़िया. पूर्व मिदनापुर जिला प्रशासन द्वारा मंदारमणि इलाके में स्थित 144 होटल व रिसॉर्ट को तोड़ने के आदेश जारी करने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की और बुलडोजर नहीं चलने की बात सामने आते ही जमुड़िया इलाके के उद्योगपतियों ने राहत की सांस ली. आसनसोल नगर निगम (एएमसी) ने भी हाल के दिनों के जामुड़िया इलाके में स्थित 17 उद्योगों में अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश जारी किया है. जैसे शिवम धातु उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में 23353.32 वर्ग फीट आरसीसी बिल्डिंग और 428019.94 वर्ग फीट स्ट्रक्चरल शेड को अवैध निर्माण बताकर तोड़ने का आदेश जारी हुआ है. निगम ने इसे रेगुलराइज करने का भी प्रावधान रखा है. जिसके तहत निर्माण पर 2000(दो हजार) रुपये वर्गफीट के हिसाब से भुगतान करना होगा. यह राशि निर्माण लागत से भी ज्यादा होने के कारण उद्योगपति परेशान हैं. जिसे लेकर स्टील उद्योग से जुड़े संगठन के सदस्यों ने नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय से मिलकर बैठक भी की थी. हालांकि अभी तक नगर निगम का निर्णय बरकरार है. इस बीच सोमवार को मंदारमणि को लेकर मुख्यमंत्री के बयान के बाद जामुड़िया इलाके के उद्योगपतियों ने भी थोड़ी राहत की सांस ली है. निगम भी 2000 रुपये की राशि को लेकर विचार विमर्श कर रहा है. भाजपा नेता दिलीप घोष ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि जब निर्माण हो रहा था तब नगर निगम क्या सोया था? निर्माण के समय भी किसी न किसी ने पैसा वसूला. अब वर्षों बाद पुनः पैसा वसूलने का रास्ता चालू कर रहे हैं. जामुड़िया चेंबर ऑफ कॉर्मस एंड इंडस्ट्रीज के सचिव महेश सांवरिया ने कहा कि 2004 से यहां उद्योग लगने का कार्य शुरू हुआ. अरबों रुपये लगाकर लोग उद्योग लगाते हैं. जानकारी के अभाव में कुछ गलती हो गयी है. एक दिन में तो कुछ हुआ नहीं है. जिसे लेकर उद्योगों पर बुलडोजर मुख्यमंत्री कभी नहीं चलने देंगी. नगर निगम के अधिकारी ने कहा कि प्लान का वायोलेशन किया गया है. जितनी की मंजूरी ली गयी है, निर्माण कार्य उसे ज्यादा किया गया है. इसे लेकर वर्ष 2023 में नवंबर माह में ही उद्योगों को नोटिस दिया गया था. नोटिस की अनदेखी करने पर निगम ने यह कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि जामुड़िया इलाके में कुल 17 उद्योगों पर प्लान वायोलेशन करने या बिना प्लान की मंजूरी के निर्माण करने के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई की घोषणा से उद्योगपतियों में हड़कंप मचा हुआ है. इस बीच मंदारमणि में 144 होटल और रिसॉर्ट को तोड़ने के जिला प्रशासन के निर्णय पर मुख्यमंत्री की नाराजगी और बुलडोजर नहीं चलने की बात सामने आते ही उद्योगपतियों में थोड़ी राहत है. अब रेगुलराइज करने में पैसे को लेकर समझौता होना है. निगम के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उद्योगों के प्लान मंजूरी के लिए 25 से 50 रुपये वर्गफीट के हिसाब से पैसे का भुगतान करना होता है. इसका उल्लंघन करने पर रेगुलराइज करने पर दो हजार रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से फाइन देने का प्रावधान बोर्ड मीटिंग में निर्णय लिया गया था. इसी आधार पर यह फाइन लगाया गया है. हालांकि मंदारमणि में बुलडोजर नहीं चलने देने के मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद नगर निगम भी थोड़ा पीछे हट सकती है और दो हजार रुपये फाइन की राशि कुछ कम हो सकती है. जिसे लेकर बुधवार को निगम के अधिकारियों ने कई चरणों में बैठक की.
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