दुर्गापुर के बासकोपा में बस से पकड़े गये सैकड़ों तोते, चार लोग गिरफ्तार
उनके नाम शेख इस्माइल, शेख वसीम और बस चालक शिव शंकर चौधरी व अरविंद कुमार पांडेय बताये गये हैं.
न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गये आरोपी, जंगल में छोड़ दिये जायेंगे तोते दुर्गापुर. वन विभाग(बर्दवान रेंज) ने दुर्गापुर के बासकोपा टोलप्लाजा पर दूरगामी बस में पहाड़ी तोतों की तस्करी को नाकाम करते हुए कई पिंजरों में 200 से ज्यादा पहाड़ी तोतों को बरामद कर लिया. साथ ही प्रतिबंधित पक्षी की तस्करी के आरोप में उस बस के चालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनके नाम शेख इस्माइल, शेख वसीम और बस चालक शिव शंकर चौधरी व अरविंद कुमार पांडेय बताये गये हैं. शेख इस्माइल व शेख वसीम पूर्व बर्दवान के दुबराज दीघी के रहनेवाले हैं. जबकि बस चालक शिव शंकर चौधरी व अरविंद पांडेय झारखंड के बोकारो स्थित रामनगर इलाके के निवासी हैं. बुधवार को दुर्गापुर महकमा अदालत में पेश करने पर आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश हुआ. जबकि वन विभाग को जब्त किये गये तोतों को जंगल में छोड़ने का आदेश हुआ. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 50 (वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उल्लेख्य है कि पक्षियों की तस्करी अक्सर दूरगामी बसों के जरिए जीटी रोड से की जाती है. पक्षियों की तस्करी यूपी ,बिहार, झारखंड राज्य के पहाड़ी इलाकों से की जाती है. तस्कर पहाड़ी इलाकों के स्थानीय लोगों के साथ संपर्क कर मामूली राशि देकर दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों व उनके चूजों को पकड़ कर विशेष बक्से में बंद कर जीटी रोड के जरिए दूरगामी बसों से बंगाल में प्रवेश कराते हैं. बंगाल के विभिन्न शहरों में ऊंची कीमतों में इन परिंदों को बेच दिया जाता है. बर्दवान वन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें, तो तस्करी के लिए पक्षियों को बर्दवान बस पड़ाव पहुंचाने का लक्ष्य था. वहां से इन तोतों को नादनघाट इलाके में भेजना था. इसकी गुप्त सूचना मिलते ही वन विभाग हरकत में आया और उसकी टीम ने मंगलवार देर रात से ही दुर्गापुर के बासकोपा टोल नाके पर सघन जांच अभियान शुरू कर दिया. उस क्रम में बुधवार सुबह बोकारो से आयी बस में पहाड़ी तोतों को बरामद कर लिया गया. अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान 200 से ज्यादा पक्षियों को जब्त किया गया है. जब्त पक्षियों में पहाड़ी तोतों के साथ हिल मैंन, पहाड़ी चंदना सहित कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी हैं. इनकी कीमत खुले बाजार में काफी ज्यादा बतायी जा रही है. आरोपियों में दो लोग पेशेवर तस्कर हैं. मालूम रहे कि इसके पहले भी इन्हें पकड़ा गया था. वन विभाग के सख्त अभियान से कुछ वर्ष तक बंगाल में पक्षियों की तस्करी बंद हो गयी थी. लेकिन फिर तस्करी शुरू हो गयी है. आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. पक्षी तस्करी से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
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