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ड्रग्स केस में गिरफ्तार हुई है बेटी , बचाना है तो तुरंत भेज दीजिए 85 हजार रुपये

समाज में बेटी की छवि बिगाड़ने का डर दिखा कर चांद से तुरंत 85 हजार रुपये भेजने को कहा गया.

आसनसोल. आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के रेलपार जहांगीरी मोहल्ला इलाके के निवासी मोहम्मद चांद से साइबर क्राइम के शातिरों ने उनकी बेटी की गिरफ्तारी का डर दिखा कर 48,800 रुपये लूट लिये. ठगों ने फोन करके कहा कि उनकी बेटी को ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. समाज में बेटी की छवि बिगाड़ने का डर दिखा कर चांद से तुरंत 85 हजार रुपये भेजने को कहा गया. कुछ पल थम कर सोचने व समझने के बजाय घबड़ाये पिता ने बेटी को बचाने के लिए 48,800 रुपये शातिरों को भेज दिये. उनकी बेटी आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ती है, जब चांद को कॉल आयी थी, तब उनकी बेटी कॉलेज में ही थी. उन्होंने बेटी को फोन किये बगैर ही शातिरों को रुपये का भुगतान कर दिया. चांद की बीवी ने जब बेटी को फोन किया, तब पता चला कि पूरा मामला फर्जी है. बाद में इसकी शिकायत उन्होंने साइबर थाने में की. इसके आधार पर केस नंबर 83/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी.

गौरतलब है कि साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए तरह-तरह का जाल फैला रहे हैं और लोग किसी न किसी जाल में फंस ही जा रहे हैं. इनके पास लोगों को फंसाने के लिए लालच या डर का हथियार है. जिसे वे विभिन्न लोगों पर विभिन्न प्रकार से इस्तेमाल करते हैं. चांद ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल फोन पर 9761779533 नम्बर से व्हाट्सएप कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उनकी बेटी को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद उन्हें अनेकों प्रकार का डर दिखाकर अपने झांसे में ले लिया. वे किसी से कुछ बात करने से पहले ही बेटी को बचाने के लिए पैसा भेजना शुरू कर दिया. अपने दो अकाउंट से छह बार में 48,800 रुपये भेज भी दिया. वे फोन आने पर इस कदर डर गये थे कि अपनी बेटी या उसके दोस्तों को भी फोन करना उचित नहीं समझा, बेटी को बचाना ही उनकी पहली प्राथमिकता थी. उनकी पत्नी जब बेटी को फोन की तब पता चला कि साइबर ठगों का शिकार हो गये हैं.

पुलिस नहीं करती है ऐसी कॉल : डीसीपी

पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय सह साइबर क्राइम) डॉ. अरविंद कुमार आनंद ने कहा कि पुलिस यदि किसी को गिरफ्तार करती है तो कभी भी पैसे की मांग को लेकर फोन नहीं करती है. हाल के दिनों में इस तरह के फर्जी पुलिस अधिकारी बन कर लोगों का डरा कर ठगी करने का अनेकों मामले सामने आये हैं. कुछ मामले में तो गिरफ्तार हुए की फोन पर बात भी करवा देते हैं. पिटाई से चिल्लाने की आवाज भी सुनाते हैं. जिससे घरवाले तुरंत पैसे का भुगतान कर दे. इसप्रकर का कॉल किसी को भी आ सकता है, यदि कॉल आता है तो विचलित न हों. काल को काट दें. यदि सुनना है तो पूरी बात सुनें, किस थाना में है उसकी जानकारी लेकर खुद थाना में जाएं. मामला तुरन्त साफ हो जाएगा. जागरूकता से ही साइबर ठगी से बचा जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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