हाथरस मामले में पीड़िता के चाचा ने दुष्कर्मियों को फांसी देने की मांग की, कहा- दलित होना गुनाह है क्या?
Bengal news, Asansol news : उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में हैवानियत की शिकार बनी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए बर्नपुर निवासी उसके चाचा ने अपराधियों को फांसी देने की मांग की. उनकी मांग के समर्थन में अखिल भारतीय बाल्मीकि समाज विकास परिषद, चित्तरंजन शाखा (All India Balmiki Samaj Vikas Parishad Chittaranjan Branch) के सदस्यों ने शनिवार रात को चिरेका रेल नगरी, चित्तरंजन (Chireka Rail City, Chittaranjan) में मोमबत्ती जुलूस (Candle procession) निकाला.
Bengal news, Asansol news : बर्नपुर/रूपनारायणपुर (पश्चिम बंगाल) : उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में हैवानियत की शिकार बनी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए बर्नपुर निवासी उसके चाचा ने अपराधियों को फांसी देने की मांग की. उनकी मांग के समर्थन में अखिल भारतीय बाल्मीकि समाज विकास परिषद, चित्तरंजन शाखा (All India Balmiki Samaj Vikas Parishad Chittaranjan Branch) के सदस्यों ने शनिवार रात को चिरेका रेल नगरी, चित्तरंजन (Chireka Rail City, Chittaranjan) में मोमबत्ती जुलूस (Candle procession) निकाला.
बाल्मीकि समाज के चित्तरंजन शाखा के अध्यक्ष कल्याण सिंह बाल्मीकि ने कहा कि बाल्मीकि समाज की बेटी के साथ हाथरस (उत्तर प्रदेश) में जो घटना घटी, उसपर सरकार के रवैया ने पूरे देश को शर्मसार किया है. परिजनों को शव नहीं सौंपा गया. पुलिस रात के अंधेरे में शव का दाह संस्कार कर दिया. पीड़िता के पिता को पैसे का लालच देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया. परिजनों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.
देश में एक दलित होने की क्या इतनी बड़ी कीमत चुकानी होगी? सरकार के रवैये ने पूरे बाल्मीकि (दलित) समाज को अपमानित किया है. इसके विरोध में चित्तरंजन केजी अस्पताल से पेट्रोल पंप के निकट अंबेडकर पार्क तक मोमबत्ती जुलूस निकला गया. समाज के सलाहकार राज मल्ल, महासचिव भरण कुमार, ऑल इंडिया एससी-एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के जोनल अध्यक्ष एससी ब्रम्हा, राजेश बाल्मीकि, राधेश्याम बाल्मीकि सहित भारी संख्या में महिलाएं इस जुलूस में शामिल हुईं.
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पीड़िता के चाचा ने क्या कहा
हाथरस कांड की पीड़िता के पिता के ममेरे भाई एवं सेल आईएसपी के सेनेटरी विभाग कर्मी ने बताया कि पीड़िता के दादाजी सेल आईएसपी के सेनेटरी विभाग के कर्मी थे. वर्ष 1997 में स्वेच्छा अवकाश लेकर हाथरस लौट गये. पीड़िता के पिता बर्नपुर से ही स्कूली पढ़ाई पूरी कर हाथरस जिला के बुलगड़ी जनपद में खेती-बारी का काम करते थे. वर्ष 2019 में पति-पत्नी बर्नपुर में आये थे और एक सप्ताह तक उनके घर में ही थे. पीड़िता यहां कभी नहीं आयी है. 3 बहन और 2 भाइयों में पीड़िता सबसे छोटी और सभी की लाडली थी.
उन्होंने इस घटना में लिप्त अपराधियों को फांसी देने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार की हरकत से यह लग रहा है कि देश में दलित होना गुनाह है. पीड़िता के पिता के दूसरे ममेरे भाई एवं सेल आईएसपी में सेनेटरी विभाग के कर्मी तथा रांगापाड़ा एबी टाइप बर्नपुर निवासी ने कहा कि दलित की बेटी के साथ घोर अन्याय हुआ है. जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने मामले की लीपापोती के लिए पुलिस और प्रशासनिक वरीय अधिकारियों का जिस प्रकार उपयोग किया, वह पूरे देश को शर्मसार किया है. सरकार के इस रवैये से इंसाफ मिलने पर ग्रहण लग गया है. हालांकि, पूरे देश से इस घटना के विरोध में जिस तरह आवाज उठी है, उससे न्याय मिलने की उम्मीद बंधी है. कांड में लिप्त अपराधियों को सजा दिलाने के लिए लोगों से मिल रहे समर्थन का उन्होंने आभार व्यक्त किया.
Posted By : Samir Ranjan.