तारापीठ महाश्मशान में फटेहाल पाये गये इंद्रजीत सिन्हा, कभी कहे जाते थे भगवा संगठन के ‘बुलेट’

इसका पता चलते ही राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व दिग्गज भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने इंद्रजीत सिन्हा की सुध ली.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2025 6:47 AM

नेता प्रतिपक्ष के हस्तक्षेप के बाद इंद्रजीत को अस्पताल में भर्ती कराया गया, इलाज का खर्च उठायेगी भाजपा इंद्रजीत सिन्हा के रहने व खाने की व्यवस्था भी करेगी भगवा पार्टी बीरभूम. सब दिन रहत न एक समान. बड़े-बुजुर्गों की यह कहावत युग-युगांतर में प्रासंगिक रही है. परिस्थितियां व हालात के बदलते ही नामवर रईस भी मुफसिल बन जाता है और कल तक फटेहाली या तंगहाली में जीनेवाला धनवान बन जाता है. यह सब विधि का विधान है. कभी प्रदेश भाजपा संगठन में कद्दावर नेता के रूप में चर्चित रहे इंद्रजीत सिन्हा की आर्थिक हालत इतनी खराब हो गयी कि वह फटेहाली में तारापीठ महाश्मशान में जाकर दो जून की रोटी के लिए भीख मांगने लगे. इस तंगहाली में उनका फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ और प्रदेश भाजपा को पता चला कि ये तो हमारे संगठन के आधार स्तंभ रहे इंद्रजीत सिन्हा हैं, जिन्हें कभी राजनीति में प्रभाव से ‘बुलेट’ कह कर पुकारा जाता था. इसका पता चलते ही राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व दिग्गज भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने इंद्रजीत सिन्हा की सुध ली. भाजपा के बीरभूम जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा को निर्देश दिया कि वह तुरंत तारापीठ महाश्मशान में जाकर इंद्रजीत सिन्हा का हाल जानें और उन्हें जरूरी हो, तो किसी करीबी अस्पताल में भर्ती करायें. उसके बाद जिला भाजपा नेता वहां गये और इंद्रजीत सिन्हा को पहले बीरभूम के एक अस्पताल भर्ती कराया. फिर वहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए कोलकाता के एक निजी अस्पताल ले जाया गया. मालूम रहे कि कभी भाजपा नेता इंद्रजीत सिन्हा भगवा पार्टी के स्वास्थ्य सेवा सेल के पूर्व संस्थापक व संयोजक थे. प्रदेश भाजपा की राजनीति में अपने रसूख के चलते उन्हें ‘बुलेट’ नाम से जाना जाता था. उनका घर कोलकाता के बेलियाघाटा में है. उनके सिर से माता -पिता का साया काफी पहले उठ चुका है. उन्होंने राजनीति में अपना पूरा जीवन लगा दिया. लेकिन अस्वस्थ व बीमार होने से उन्हें सक्रिय राजनीति से हटना पड़ा. हालत यह हो गयी कि वह पाई-पाई को मोहताज हो गये, दो वक्त की रोटी भी दूभर हो गयी. फिर उन्हें तारापीठ महाश्मशान में भिक्षाटन को बाध्य होना पड़ा. कटोरा हाथ में लेकर उन्हें वहां लोगों से भीख मांगते हुए देखा गया. परिस्थिति की विडंबना यही है, जिसे आज के आधुनिक व सभ्य समाज में कोई स्वीकारना नहीं चाहता. इंद्रजीत सिन्हा की भीख मांगती मुद्रा वाली तस्वीर पोस्ट होते ही सोशल मीडिया में वायरल होने लगी. उन पर नजर पड़ते ही प्रदेश भाजपा हरकत में आ गयी. आज भाजपा पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल है. कहते हैं, इंद्रजीत सिन्हा ने कभी बंगाल के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में जाकर भाजपा के श्रमिक संगठन को एकजुट किया था. लेकिन वह ऐसे बीमार पड़े कि पार्टी के लिए काम करने लायक नहीं रह गये. हाल यह हो गया कि उन्हें अपने लिए दो जून की रोटी जुगाड़नी भी मुहाल हो गयी. इसके बाद वह तारापीठ मंदिर के महाश्मशान में जाकर साधु-संतों की भांति भीख मांगने लगे. इसकी खबर मिलते ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी पार्टी के जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा को इंद्रजीत सिन्हा के लिए उपचार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. उसके बाद बीमार इंद्रजीत को तारापीठ से निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया. मिली जानकारी के मुताबिक विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रात में ही कोलकाता के एक बड़े निजी अस्पताल में उनके इलाज की व्यवस्था करायी. बीरभूम से इंद्रजीत को लाकर कोलकाता के उस अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. बाद में शुभेंदु ने बताया कि इंद्रजीत सिन्हा के इलाज का सारा खर्च भाजपा उठायेगी. साथ ही उनके रहने व खाने का इंतजाम भी किया जायेगा.

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