केंद्र सरकार पर करारा हमला
बांकुड़ा. बांकुड़ा के बंग विद्यालय में ‘प्रभावित होता संविधान एवं खतरे में पड़ता लोकतंत्र’ विषय पर वामपंथी दलों की एक विचार-विमर्श बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में भाकपा माले के राज्य सचिव अभिजीत मजूमदार ने कहा कि भाजपा देश के संविधान को रद्द कर मनुस्मृति लाना चाहती है. जिसके जरिये जातिगत उत्पीड़न या महिलाओं को घर तक सीमित रखने जैसी विभिन्न मध्ययुगीन प्रथाओं को स्थापित किया जायेगा. वे भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहते हैं. हिंदुत्व भाजपा का एक राजनीतिक प्रोजेक्ट है. जिसका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. पिछले 10 वर्षों में भाजपा एक के बाद एक कानून में संशोधन कर जनविरोधी नीतियां लोगों पर थोप रही है. वन अधिकार अधिनियम संशोधन, जीएसटी, कृषि विपणन नीति आदि इनमें शामिल हैं. प्रभावित लोग इसके खिलाफ प्रतिरोध कर रहे हैं.
आरजी कर मामले में अदालत के हालिया फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अदालत न केवल बलात्कार या हत्या पर, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली में घोर भ्रष्टाचार से जुड़े आपराधिक गिरोहों पर भी चुप रही है. लोगों से स्वास्थ्य का अधिकार छीना जा रहा है. इन सबके खिलाफ भविष्य में सड़क पर लड़ाई और तेज होगी.
माकपा के बांकुड़ा जिला सचिव अजीत पति ने कहा कि आरजी कर मामले में अदालत के फैसले ने अपराध को कम कर दिया है और दिखाया है कि विभिन्न मुद्दों पर संविधान पर कैसे हमले किये जा रहे हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार देश के संविधान में उल्लेखित दो शब्दों, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को वापस लेकर संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने का प्रयास कर रही है. केंद्र और राज्य सरकारें लोकतांत्रिक चेतना को कुचलने की साजिश कर रही हैं और वामपंथी लोगों को साथ लेकर लोकतंत्र के विकास के लिए आगे बढ़ेंगे. बैठक में भाकपा नेता भास्कर सिन्हा, वामपंथी नेता प्रोफेसर प्रतीप मुखर्जी, भाकपा माले की राज्य समिति के सदस्य जयतु देशमुख, बांकुड़ा जिला सचिव बबलू बनर्जी और अन्य ने भी संबोधित किया
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