शेयर ट्रेडिंग के नाम पर किया 34 लाख रुपये का निवेश, लेकिन डूब गये 24 लाख रुपये

कुल्टी थाना क्षेत्र के सांकतोड़िया झालबागान इलाके के निवासी एक शख्स ने साइबर ठगों के चंगुल में फंस कर 24 लाख रुपये गंवा दिये. मुनाफा या मोटे रिटर्न के लोभ में पीड़िता साइबर ठगों के बुने मकड़जाल में फंस गया और शातिरों के कहे अनुसार शेयर ट्रेडिंग में 34,07,900 रुपये निवेश कर दिये.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2024 9:57 PM

आसनसोल.

कुल्टी थाना क्षेत्र के सांकतोड़िया झालबागान इलाके के निवासी एक शख्स ने साइबर ठगों के चंगुल में फंस कर 24 लाख रुपये गंवा दिये. मुनाफा या मोटे रिटर्न के लोभ में पीड़िता साइबर ठगों के बुने मकड़जाल में फंस गया और शातिरों के कहे अनुसार शेयर ट्रेडिंग में 34,07,900 रुपये निवेश कर दिये. पीड़ित की पत्नी ने तीन किस्तों में 10 लाख रुपये की निकासी कर ली, लेकिन बाद में उनकी निकासी पर 10 प्रतिशत राशि की मांग करते ही पीड़िता समझ गयी कि वे लोग साइबर ठगों के चंगुल में फंस चुके हैं. निकासी की उनकी मांग को लगातार ठुकरा गया. उसके बाद पीड़ित राजेश कुमार दुबे ने साइबर क्राइम थाने में जाकर इस बाबत शिकायत की, उसके आधार पर केस नंबर 84/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू की गयी. पीडित ने अपनी शिकायत में बताया कि पांच जुलाई 2024 को उन्हें फेसबुक पर कोटक नियो एप्लिकेशन का विज्ञापन मिला, जो शेयरों में सुविधा देने का एक मंच है. व्यक्तिगत विवरण के साथ फॉर्म भर कर रुचि दिखाते ही व्हाट्सएप कॉल पर अज्ञात व्यक्ति ने संपर्क किया.

उसने खुद को कोटक सिक्युरिटीज का विश्लेषक और ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताया. पांच हजार रुपये बोनस का ऑफर देने के साथ उसने एक एप्लिकेशन डाउनलोड करने का लिंक प्रदान किया और साथ ही बी2605 केएसएल नामक आधिकारिक ग्रूप से जोड़ा. जहां लोग नियमित रूप से अपने ट्रेंडिंग से मुनाफा पोस्ट करते हुए दिखाई दिए. उनका विश्वास बढ़ गया. पहले एक लाख रुपये निवेश किया. उसके बाद कोटक नियो एप्लिकेशन के माध्यम से 20 अगस्त 2024 से 23 सितंबर तक खुद के अकाउंट से 11 किस्तों में 24,79,900 रुपये, अपनी पत्नी के खाते से छह किस्तों में 5.15 लाख रुपये और अपनी बेटी के खाते से तीन किस्तों में 4.11 लाख रुपये निवेश किया. बीच में उनकी पत्नी ने 26 अगस्त से 28 अगस्त के बीच तीन किस्तों में 10 लाख रुपये की निकासी भी की थी.

जिससे उनका भरोसा मजबूत हुआ और सारा पैसा निवेश कर दिया. सितम्बर में जब श्रीमती दूबे ने पुनः पैसा निकालना चाहा तो उन्हें कहा गया कि अर्जित लाभ पर 10 प्रतिशत राशि अग्रिम जमा करनी होगी. इसके बाद पैसा निकालने का अनेकों प्रयास किया गया, सारा नाकाम हो गया. अब उन्हें समझ में आ चुका था कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं.

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