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जल्द अधिक मुनाफा कमाने के लालच में किया 39.39 लाख रुपये का निवेश, डूब गये सारे पैसे

इस प्रकार कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का कोई फॉर्मूला रहता तो कोई भी इसे अन्य लोगों के साथ क्यों साझा करेगा? खुद का पैसा निवेश करके अमीर आदमी बनेगा.

आसनसोल. शेयर ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को लूटने का सिलसिला जारी है. कांकसा थाना क्षेत्र के बामुनाड़ा बेनुबन इलाके के निवासी मृत्युंजय बनर्जी कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गये और अपराधियों के निर्देशानुसार शेयर ट्रेडिंग में 39,39,325 रुपये निवेश किया. जब पैसे निकालने की बारी आयी तब उन्हें समझ आया कि वह साइबर अपराध का शिकार हो चुके हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम थाने आसनसोल में की. शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाने में कांड संख्या 106/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2)/338/336(3)/340(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. जांच का दायित्व थाने के अवर निरीक्षक शेख रहमत को दिया गया है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) डॉ अरविंद आनंद ने बताया कि साइबर ठगों से लोगों बचाने के लिए पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. इसके बावजूद भी लालच में आकर लोग उनके चंगुल में फंसकर सारा पैसा गंवा दे रहे हैं. इस प्रकार कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का कोई फॉर्मूला रहता तो कोई भी इसे अन्य लोगों के साथ क्यों साझा करेगा? खुद का पैसा निवेश करके अमीर आदमी बनेगा. यह बात लोग नहीं समझ रहे हैं और मोबाइल पर झूठ और फरेब के चक्कर में पड़कर सारा पैसा गंवा रहे हैं. शेयर ट्रेडिंग के नाम पर इस साल करोड़ों रुपये साइबर अपराधियों ने लूटे हैं. पुलिस ने काफी रकम बरामद करके पीड़ितों को लौटाया भी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. मृत्युंजय बनर्जी ने अपनी शिकायत में बताया कि गत 12 सितंबर को उनके मोबाइल फोन पर 9150287425 नंबर से व्हाट्सऐप पर मैसेज आया. जिसमें लिखा था कि शेयर मार्केट में मुफ्त में अधिक पैसा कमाने के प्रोत्साहित किया जा रहा है और शेयर मार्केट के अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. वह उस मैसेज के झांसे में आ गये और उन्हें डी-2 गोल्ड स्टॉक इन्वेस्टमेंट डिस्कशन ग्रुप में जोड़ा गया. जिसमें 75 लोग जुड़े थे और वे लोग निवेश की गयी राशि से अच्छा मुनाफा कमाने का मैसेज और स्क्रीनशॉट ग्रुप में शेयर कर रहे थे. ग्रुप में दिये टिप्स के आधार पर उन्होंने निवेश कर कुछ मुनाफा कमाया. जिसके बाद उन्हें ग्रूप के एडमिन पर भरोसा हो गया और उसके निर्देशानुसार अपने तीन बैंक खातों से कुल 19 ट्रांजेक्शन में (10,19,125 रुपये, 18,25,300 रुपये और 10,94,900 रुपये) 39,39,325 रुपये का निवेश 23 सितंबर से दो नवंबर के बीच किया. वह नियमित रूप से अपने डीमैट खाते की जांच करते थे और पाते थे कि उनकी निवेश की गयी राशि में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस बीच पांच अक्तूबर को वित्तीय आवश्यकता के कारण 6.46 लाख रुपये की निकासी भी की. लेकिन बाद में जब उन्होंने पुनः पैसा निकासी के लिए आवेदन दिया तो उनका आवेदन अंडर प्रोसेस दिखाने लगा. कुछ दिनों बाद उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया और उनका सारा पैसा भी चला गया. इसके बाद उन्हें समझ में आया कि वह साइबर ठगी के शिकार हुए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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