Loading election data...

मिशनरी स्कूल में पढ़ने से क्या हिंदू रीति रिवाजों का पालन करना अपराध!

मेहंदी लगाने के कारण छात्रा की हुई स्कूल में पिटाई पर सभी कर रहे हैं कड़ी निंदा, कार्रवाई की मांग तेज

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2024 12:49 AM

आसनसोल. रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में हाथों में मेहंदी लगाने का भयानक परिणाम भुगतना पड़ा संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में पड़नेवाली नौवीं की एक छात्रा को. मेहंदी लगाकर स्कूल में आने के कारण प्राचार्या ने छड़ी से दोनों हाथों में इस कदर पिटाई की कि मेहंदी के रंग के साथ छड़ी के चोट का लाल रंग भी हाथों में उभर गया. अपनी बच्ची के हाथों को देखकर माता-पिता के खून के आंसू निकल गये. सिर्फ इतना ही नहीं बच्ची का गार्जियन कॉल हुआ और टीसी की धमकी भी मिल गयी. इसकी विस्तृत खबर प्रभात खबर अखबार में छपने के बाद सभी ओर से कड़ी निंदा के साथ प्राचार्या के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग तेज हो गयी है. हर वर्ग के लोग इस घटना को एक जघन्य अपराध मान रहे हैं.

मेहंदी लगा लेने से क्या सात दिनों तक स्कूल बंद कर दें : मुकेश झा

रोटी बाटी हिंदी हाई के शिक्षक मुकेश झा ने कहा कि मेहंदी लगाकर रक्षाबंधन के दूसरे दिन मंगलवार को स्कूल पहुंची छात्रा से मारपीट की घटना की वह कड़ी निंदा करते हैं. आरटीआइ अधिनियम 2009 की धारा 17 के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है. शिक्षा विभाग पहले ही कह चुका है कि अनुशासन के नाम पर विद्यार्थियों से मारपीट नहीं की जा सकती है. उन्हें समझा बुझाकर ही मामले को शांत करना होगा. रक्षा बंधन पर लड़कियों के सजने संवरने की एक परंपरा है. यदि कोई मेहंदी लगा ले तो जब तक उसका रंग न उतरे तब तक क्या वह स्कूल नहीं जायेगी? मेहंदी एक बार लगने से करीब एक हफ्ता तक वह रहता ही है. इसका क्या मतलब हुआ कि बच्चे एक सप्ताह स्कूल ना जायें?. शिक्षा एवं प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी शिकायत की जानी चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटना फिर से स्कूल में ना हो यह सुनिश्चित करना होगा.

विद्यार्थी को नहीं किया जा सकता प्रताड़ित : मनोज कुशवाहा

महात्मा गांधी हाइस्कूल के शिक्षक मनोज कुशवाहा ने कहा कि संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल की छात्रा के साथ मेहंदी लगाने को लेकर प्राचार्या द्वारा मारपीट करना सरासर गलत है. किसी भी रूप में कोई भी शिक्षक या शिक्षिका स्कूल में छात्र को प्रताड़ित नहीं कर सकता है. यह कानूनन अपराध है. विद्यार्थी को उसकी गलती के लिए चेतावनी देनी चाहिए या फिर उसके अभिभावक को बुलाकर स्कूल के अनुशासन के बारे में अच्छी तरह से समझाना चाहिए था. छात्र के साथ मारपीट की घटना काफी निंदनीय है. अभिभावक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत करने को स्वतंत्र है. स्कूल प्रबंधन को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पहल करनी चाहिए. जिससे छात्राओं को परेशानी का सामना न करना पडे. इससे छात्रा की मानसिक स्थिति पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका है.

डीआइ ने दिया आश्वासन, मामले को लिया गया है संज्ञान में, होगी उचित कार्रवाई : पवन सिंह

पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्मारक समिति के सचिव पवन कुमार सिंह ने कहा कि संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में नौवी कक्षा की छात्रा को मेहंदी लगाने पर पीटा गया है. यह बहुत ही निदंनीय है. इस विषय को लेकर आसनसोल सदर के महकमा शासक से बात की गयी, उन्होंने मंगलवार को मिलने के लिए बुलाया है. साथ ही इस विषय में जिला स्कूल निरीक्षक (माध्यमिक शिक्षा) से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इसे लेकर कमिश्नर ऑफ स्कूल एडूकेशन, एडीएएम (शिक्षा) से शिकायत की गयी है. मामले को लेकर थाने में शिकायत दर्ज करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर प्रशासनिक सभी अधिकारियों को ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई की मांग की जायेगी.

मिशनरी स्कूल में अधिकांश छात्राएं सनातनी हैं, उनकी भावनाओं की भी करें कद्र : अरुण शर्मा

समाजसेवी अरुण शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म में मेहंदी लगाना एक रस्म है, जो विशेष कर सावन महीने में या किसी भी तीज त्योहार में लड़कियां व महिलाएं लगाती हैं. सनातन धर्म यह एक परंपरा के तहत यह होता है. संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में शिक्षिका ने मेहंदी लगाने को लेकर छात्रा के साथ जिस प्रकार का बर्ताव किया है, वह उनकी मानसिकता को दर्शाता है. यह एक अपराध है. इसके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए. वह स्कूल, ईसाई धर्म मशीनरी की संस्था है, लेकिन इसमें पड़नेवाली 95 फीसदी से अधिक छात्राएं सनातनी हैं, तो उनकी भी भावनाओं की कद्र तो करनी होगी. यदि मेहंदी, टीका, कलावा से आपत्ति है तो हिंदू बच्चियों के दाखिले पर रोक लगाकर सिर्फ ईसाई बच्चों को पढ़ायें. सनातन धर्म के बच्चे अगर पढ़ेंगे तो वह अपने सनातन धर्म का जो रीति रिवाज है, उन्हें लेकर ही चलना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version