पंचायत चुनाव : कांकसा ग्राम पंचायत की कई सीटों पर इस बार होगी कांटे की टक्कर, मतदाताओं में असंतोष
पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा ग्राम पंचायत में दो प्रार्थियों के खड़े होने से भाजपा के बीच ही आपसी द्वंद के कारण चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है.
पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा ब्लॉक स्थित कांकसा ग्राम पंचायत में 24 सीटों को बढ़ाकर कुल 30 सीट कर दिया गया हैं. पिछले पंचायत चुनाव में तृणमूल ने चार सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी. इस बार कुल 30 सीटों पर चुनावी लड़ाई होगी .विरोधी दलों के साथ जहां तृणमूल की सीधी लड़ाई साफ तौर पर देखी जा रही है. वही 69 नंबर सीट पर भाजपा के ही दो प्रार्थियो के खड़े होने से उनमें ही सीधी कांटे की टक्कर होने की आशंका बढ़ती जा रही है.
निर्दल प्रार्थियों की वजह से चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका
हालांकि आधिकारिक तौर पर भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल से कांकसा मंडल दो के युवा मोर्चा के अध्यक्ष पंकज जायसवाल चुनावी मैदान में खड़े है. वही भाजपा के बर्दवान सदर ओबीसी मोर्चा के सचिव विजय प्रकाश साव (अग्रहरी) जो की आम छाप चुनाव चिन्ह पर इस सीट से चुनाव लड़ रहे है.विजय को भारतीय हिंदू महासभा ने समर्थन दिया है.सीपीएम के सागर यादव है जबकि तृणमूल से इस सीट पर बोदोजुल जमाल ( साबिर ) चुनावी मैदान में है. निर्दल प्रार्थियों के चुनाव में खड़े होने से चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है .
हर प्रार्थी को अपने इलाके में जीतने की उम्मीद
71 सीट से खड़े माकपा के जुझारू प्रार्थी व जीत के दावेदारी करने वाले हरजीत सिंह निक्की के खिलाफ तृणमूल प्रार्थी संदीप सिंह महल खड़े है. वही भाजपा से टीटू शर्मा खड़े है. वे लोग भी इलाके में मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए है. हरजीत सिंह निक्की को सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोग काफी सराहते है.कोरोना के दौरान निक्की ने जिस तरह से निशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर देकर सैकड़ों लोगों की मदद कर जान बचाई थी. इस सेवा को लेकर आज भी लोग उनकी सराहना करते है. तृणमूल से बिछुब्द कांग्रेस प्रार्थी के रूप में धर्मेंद्र शर्मा 73 नंबर बूथ से खड़े है .धर्मेंद्र का कहना है कि दल में मौजूद कुछ नेताओं के गुटीय कलह के कारण किये गए भेदभाव के कारण ही बाध्य होकर उक्त निर्णय लेना पड़ा. इलाके में लोगों के लिए काम किया है .उक्त कांग्रेस प्रार्थी का साफ कहना है कि वे अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है.
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प्रार्थी पंचायत चुनाव के लिये प्रचार में जुटे
सीपीएम के प्रार्थी ईश्वर जायसवाल खड़े है. वही तृणमूल कांग्रेस की ओर से संजय झा चुनावी मैदान में है.भाजपा से इस सीट पर काली चरण साव खड़े है. इस सीट पर चतुर्यकोणी मुकाबला है. हालांकि संजय झा का कहना है की वे अपनी जीत के प्रति निश्चित है. उनकी नेत्री ममता बनर्जी ने काफी विकास किया है.वही 74 नंबर सीट से इस बार भी सीपीएम ने वर्तमान पंचायत सदस्य इंदु शर्मा को ही प्रार्थी बनाया है. जबकि भाजपा की ओर से लीला सिंह खड़ी है. तृणमूल कांग्रेस ने तनुश्री दास को प्रार्थी बनाया है. यहां भी इस बार मुकाबला है. पंचायत समिति 11 नंबर सीट से सीपीएम के दिलीप सिंह चुनावी मैदान में है. उनके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के देवदास बक्शी है . सभी प्रार्थी अपने अपने समीकरण को लेकर चुनाव जीतने का कयास लगा रहे है .ऐसे में उक्त सीटों पर खड़े भाजपा के प्रार्थी भी अपनी जीत का दावा ठोक रहे है. प्रार्थियो कहना है कि दल से बढ़ कर कुछ नही.पार्टी लाइन से हट कर काम करने वालो को मतदाता भी नकार देंगे. तृणमूल प्रार्थी का कहना है कि वे लोग अपनी जीत के प्रति निश्चित है. जबकि निर्दल प्रार्थी भी लड़ाई में टक्कर देने की बात कह रहे है.
मतदाताओं के बीच दिख रहा है घोर असंतोष
भाजपा प्रार्थी के साथ ही कई सीटों पर भाजपा के बिछुब्द प्रार्थी के खड़ा होने से मतदाताओं के बीच भी असंतोष व्याप्त है. कांकसा ग्राम पंचायत के अधीन पानागढ़ बाजार हिंदी बहुल इलाका होने के कारण एक ग्राम पंचायत तथा एक पंचायत समिति सीटों पर भाजपा के बीच ही आपसी द्वंद के कारण दो प्रार्थियों के खड़े होने से जहां चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है. वहीं मतदाताओं के बीच भी घोर असंतोष व्याप्त है .15 जून को नामांकन पत्र उठा लेने के अंतिम दिन बीत जाने के बाद भी कांकसा ब्लॉक के सात पंचायत इलाकों में शासक दल के ही कई समर्थक व कार्यकर्ता निर्दल प्रार्थी के रूप में चुनावी दंगल में अपने ही दल के समर्थित प्रार्थियों को सीधी चुनौती दे रहे है.