कोरोना-काल में रोजी छिनने से तंग पति ने पत्नी की जान ली थी, फिर खुद को भी कर लिया था जख्मी
प्रतिनिधि, पुरुलिया
तीन साल पहले जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के बाबूग्राम में अपनी पत्नी को चाकू से गला रेत कर मार डालने के मामले में दोषी पाये गये पति को आजीवन कारावास की सजा हुई, साथ ही उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. यह जुर्माना नहीं भर पाने पर दोषी को अतिरिक्त छह माह की सजा काटनी होगी. यह सजा शुक्रवार को रघुनाथपुर अनुमंडल अदालत के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश प्रियजीत चटर्जी ने सुनाई. बाद में मामले के सरकारी अधिवक्ता अमलेंदु बनर्जी ने बताया कि दोषी जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के बाबूग्राम का रहनेवाला शुभंकर कुंभकार(62) है.
वह वर्ष 1998 में रोजी की तलाश में बीरभूम चला गया था. वहां उसने मंजू नामक महिला से शादी रचायी. फिर दोनों वहां एक आश्रम में भोजन पका कर अपनी जीविका चलाने लगे. उसके बाद कोरोना महामारी फैल गयी, जिससे लागू लॉकडाउन में उनका कामकाज बंद हो गया. फिर दंपती वहां से रघुनाथपुर के अपने घर बाबूग्राम लौट आया. पर यहां भी लॉकडाउन में काम नहीं मिला. तब दंपती ने मिल कर जान देने का फैसला कर लिया. फिर दंपती अपने गांव से कुछ दूर श्मशान-घाट पर गये. वहां शुभंकर ने पहले पत्नी मंजू की चाकू से गला रेत कर हत्या की. फिर उसने खुद को भी चाकू से रेत लिया. इसके बाद दंपती वहां लहूलुहान हालत में पड़े रहे. कुछ देर बाद इसका पता चलने पर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी. फिर पुलिस वहां पहुंची और रक्तरंजित दंपती को नजदीकी रघुनाथपुर अस्पताल ले गयी. वहां डॉक्टरों ने मंजू को मृत करार दिया. जबकि आरोपी पति की जान बच गयी. इलाज से ठीक होने पर उसे मामले की जांच करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 21 जुलाई 2021 की घटना के बाद मामला कोर्ट में शुरू हुआ. तीन साल से ज्यादा समय तक चली लंबी सुनवाई के बाद मामले में अभियुक्त शुभंकर कुंभकार को हत्या का दोषी पाया गया. इसके बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनायी गयी.
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