महंगाई पर भारी है सूर्योपासना के महापर्व से जुड़ी आस्था
इस बार सूप 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में बिक रहे हैं. बांस के बने दउरे 350 से लेकर 500 रुपये तक में बिक रहे हैं.
महापर्व के मद्देनजर सज गये बाजार-हाट सूप-दउरा व फल-फूल महंगे, फिर भी खूब हो रही खरीदारी दुर्गापुर. मंगलवार से नहाय-खाय के साथ सूर्योपासना का महापर्व छठ शुरू हो रहा है. इस पूजा में इस्तेमाल होनेवाले बांस से बने सूप, दउरे व अन्य सामान बाजारों में बिकने लगे हैं. शहर के बेनाचिटी, मामरा, चंडीदास, डीटीपीएस, मेन गेट, माया बाजार के हाट में सूप खरीदने वालों की भीड़ उमड़ने लगी है. दुकानदार मदन दास ने बताया कि मौसम बिगड़ने के कारण बांस की कटाई कम होने से सूप-दउरे कम बन पाये हैं. इसलिए सूप व दउरे पिछले साल से ज्यादा दाम पर बिक रहे हैं. वहीं, बांस के कारीगर अपने पारंपरिक धंधे को छोड़ कर रोजी की तलाश में अन्य शहरों में चले गये हैं. इससे सूप कम बना है और इस बार इसकी कीमतें भी ज्यादा हैं. इस बार सूप 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में बिक रहे हैं. बांस के बने दउरे 350 से लेकर 500 रुपये तक में बिक रहे हैं. दाम बढ़ने के बावजूद भक्तों की आस्था नहीं डिगी है. छठव्रती मंजू सिंह ने बताया कि हर वस्तु महंगी हुई है. छठपूजा में लगनेवाले सामान सूखा नारियल 50 रुपया से लेकर 80 रुपये पीस के भाव पर बिक रहा है. लौकी 40 रुपये से लेकर 80 रुपये अदद तक बिक रही है. सेब 150 से लेकर 250 रुपये के भाव पर बिक रहा है. पूजा का केला 40 से लेकर 60 रुपये दर्जन में बिक रहा है. छठव्रती पूनम सिंह ने बताया कि पूजा की सामग्री के दाम काफी बढ़ गये हैं. फिर भी हम लोग किसी भी तरह से खरीदारी कर रहे हैं. सरकार को बाजार की वस्तुओं के बढ़ते दाम पर लगाम कसनी चाहिए.
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