आसनसोल. भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह की सरगना व आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के सुकांतपल्ली इलाके की निवासी प्रीति अरोड़ा उर्फ सीमा शर्मा और उसके पति दिनेश कुमार को पुलिस ने लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के आशियाना थाना क्षेत्र के तिरंगा मोड़ के पास स्थित एमआइ ब्लॉक से गिरफ्तार किया. सीमा यहां पर अपने पति के किराये के मकान में पनाह लिए हुए थी. दोनों को पुलिस ने स्थानीय अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड की अपील की. अदालत ने अपील मंजूर की. दोनों आरोपियों को पुलिस लखनऊ से लेकर निकल गयी है, बुधवार को दोनों को आसनसोल अदालत में पेश किया जायेगा. इस मामले में कुल नौ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. मुख्य सरगना बांका (बिहार) जिले के निवासी हरेंद्र कुमार सिंह उर्फ रवींद्र तिवारी उर्फ बबलू तथा एक अन्य सहयोगी आसनसोल दुर्गा मंदिर इलाके के निवासी व ऑटो चालक अवधेश यादव को पुलिस ने 30 नवंबर को शिकायत मिलते ही पकड़ लिया था. मामले में प्रीति और उसके पति को लेकर कुल चार की गिरफ्तारी हुई है. कई फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उक्त ठगों के गिरोह ने ठाणे (महाराष्ट्र) जिले के कल्याण इलाके के निवासी लक्ष्मण भूषण के दो बेटों स्वप्निल लक्ष्मण भूषण, शुभम लक्ष्मण भूषण और भतीजे सचिन मधुकर सिरसाठ से 60 लाख रुपये की ठगी की. ठगों ने रेलवे के अधिकारी बनकर इन लोगों को अपने जाल में फंसाया और चरणबद्ध तरीके से इंटरव्यू, मेडिकल, ट्रेनिंग, जॉयनिंग के नाम पर किश्तों में पैसे वसूले. आसनसोल में स्वप्ननिल की ट्रेनिंग करायी. सचिन और शुभम का आसनसोल, रांची रोड, टाटानगर आदि जगहों पर प्रशिक्षण कराया गया. खड़गपुर रेलवे अस्पताल में मेडिकल भी हुआ. आसनसोल डीआरएम कार्यालय का भी इन लोगों ने उपयोग किया. पिछले करीब तीन वर्षों से जॉयनिंग के लिए ठगों के चक्कर लगाते-लगाते आखिरकार लक्ष्मण भूषण ने कुल नौ पुरुषों और महिलाओं को नामजद आरोपी बनाकर आसनसोल साउथ थाने में शिकायत दर्ज करायी.
जिसके आधार पर आसनसोल साउथ थाना कांड संख्या 432/24 में दक्षिण पूर्व रेलवे में महाप्रबंधक के निजी सहायक बताने वाले हरेंद्र कुमार सिंह, डीआरएम कार्यालय आसनसोल के पास सेक्शन की कर्मचारी के रूप में खुद को पेश करने वाली गुप्ता मैडम, दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर टाटानगर के एडीआरएम कार्यालय में तैनात कर्मचारी के रूप में परिचय देनेवाले भंडारी, प्रीति अरोड़ा उर्फ सीमा शर्मा, शमसुल हक उर्फ लालू भाई, मोहम्मद कलीम, शर्माजी, गौतम और कृष्णा चौधरी के खिलाफ 319(2)/318(4)/316(2)/338/336(3)/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई.ठगी के शिकार युवकों को अभी भी है नौकरी का भरोसा, नहीं बन रहे गवाह
हरेंद्र कुमार सिंह इस ठगी के गिरोह का मुख्य सरगना है, प्रीति अरोड़ा उसकी खास सहयोगी है. जो आसनसोल सृष्टिनगर इलाके में किराये के फ्लैट में रहती थी. यहां हरेंद्र भी नियमित अंतराल पर आकर रुकता था. जांच में पुलिस को जानकारी मिली है कि इन लोगों ने 50 से अधिक युवकों को अपने जाल में फंसाकर करोड़ो रुपये की ठगी की है. पुलिस ने ठगी के शिकार इन युवकों की भी तलाश कर ली है. उनसे बात भी की है. ये लोग पैसे देने की बात कबूल रहे हैं, लेकिन गवाही देने को तैयार नहीं हैं. यदि गवाह बनते हैं तो पुलिस उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करेगी. सूत्रों के अनुसार पैसे देनेवाले युवकों को अभी भी भरोसा है कि हरेंद्र और प्रीति उनलोगों को रेलवे में नौकरी दिलायेंगे.
ठगी के मामले में प्रीति को बलागढ़ थाने की पुलिस ने सात माह पहले किया था गिरफ्तार
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का एक अन्य मामला हुगली जिले के बलागढ़ थाने में दर्ज हुआ था. इस मामले में बलागढ़ पुलिस ने प्रीति अरोड़ा को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने अदालत में चार्जशीट भी जमा कर दी है. इस मामले में प्रीति जमानत पर रिहा है. आसनसोल साउथ थाने की पुलिस ने प्रीति की गिरफ्तारी को लेकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की खाक छानने के बाद उसकी गिरफ्तारी लखनऊ में की. आसनसोल में हरेंद्र की गिरफ्तारी होते ही वह यहां से फरार हो गयी थी. पुलिस को उसके पास से भी काफी कुछ जानकारी मिलने की उम्मीद है.
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